शिक्षा प्रणाली से खिलवाड़ बंद करो 

शिक्षा प्रणाली से खिलवाड़ बंद करो 

पन्नालाल सुराणा | शिक्षानीति का निर्धारण मुट्ठीभर अभिजन करें यह अनुचित है। शिक्षा प्रणाली का स्वरुप बनाने का काम शिक्षा संस्थानों में काम करने वाले अध्यापकों और संचालकों को सौंपा जाना चाहिए।

Disregarding Ravi Chopra’s Recommendations on the Chardham Project Will Destroy the Already Fragile and Threatened Ecology of the Himalayan Region

Disregarding Ravi Chopra’s Recommendations on the Chardham Project Will Destroy the Already Fragile and Threatened Ecology of the Himalayan Region

Surabhi Agarwal, Lubna Sarwath and Sandeep Pandey | The manner in which members of the High Powered Committee who have their own vested interests are misusing their power to further an agenda which is completely contrary to the public interest is condemnable and undermines the authority of the Supreme Court.

नरेन्द्र मोदी को राम मंदिर का शिलान्यास करने का अधिकार नहीं

नरेन्द्र मोदी को राम मंदिर का शिलान्यास करने का अधिकार नहीं

संदीप पाण्डेय | स्वामी सानंद ने जिस नरेन्द्र मोदी को अपनी सम्भावित मौत के लिए तीन पत्रों में जिम्मेदार ठहराया हो और नरेन्द्र मोदी ने एक सच्चे संत, स्वामी सानंद, जो उनसे हर मायने में श्रेष्ठ थे, की जान बचाने का कोई कोशिश ही नहीं की और जिनके लिए स्वामी सानंद ने राम दरबार में अपनी मौत के लिए दण्ड की कामना की हो वे नरेन्द्र मोदी अयोध्या में राम मंदिर का शिलान्यास कैसे कर सकते हैं?

Until the Rich and Poor Alike Use the Same Public Health Services We Cannot Beat the Pandemic

Until the Rich and Poor Alike Use the Same Public Health Services We Cannot Beat the Pandemic

Shobha Shukla, Bobby Ramakant, Sandeep Pandey | It is also important to recognize that bad sanitation and hygiene, dirty or non-functional toilets, unsatisfactory healthcare standards and other concerns we associate public services with, are not new: they have ailed the public services for long but those-who-can-pay have conveniently made an alternate parallel system where they have services they are comfortable with.

एक बेहतर दुनिया की ओर अभियान का आरंभ: “हमारे जीवन, जीवनशैली और रोज़गार से कम-से-कम संसाधनों का दोहन हो”

एक बेहतर दुनिया की ओर अभियान का आरंभ: “हमारे जीवन, जीवनशैली और रोज़गार से कम-से-कम संसाधनों का दोहन हो”

ग्रेटा थुनबर्ग से प्रेरित हो कर अनेक युवाओं ने एक नया अभियान आरंभ किया – ‘एक बेहतर दुनिया की ओर’. प्रख्यात मानवाधिकार कार्यकर्ता मेधा पाटकर ने इस अभियान को जारी करते हुए देश-विदेश के युवाओं को याद दिलाया कि महात्मा गाँधी ने कहा था कि प्रकृति में इतने संसाधन तो हैं कि हर एक की ज़रूरतें पूरी हो सके परन्तु इतने नहीं कि एक का भी लालच पूरा हो सके

A Caged Journey Home

A Caged Journey Home

Shivangini Piplani and Sandeep Pandey | It is beyond comprehension how some families managed to walk back on foot with their toddlers and all their belongings packed in one or two bags carried on their backs or heads facing threats on three fronts – the coronavirus disease, hunger and the police.