खुले पशुओं का प्रबंध कर पाने में योगी सरकार विफल

प्रेस विज्ञप्ति

दिनांकः 13 जनवरी, 2023

खुले पशुओं का प्रबंध कर पाने में योगी सरकार विफल

18 जनवरी को खण्ड विकास कार्यालय बनाए जाएंगे गौशाला

सोशलिस्ट किसान सभा पिछले 2 वर्षों से हरदोई, उन्नाव व बाराबंकी जिलों में खुले पशुओं की समस्या उठा रहा है। किंतु समस्या का निदान होता नहीं दिख रहा।

ग्राम सभा में अस्थाई गौशाला बनाने के लिए कोई धनराशि आवंटित नहीं है। उदाहरण के लिए हरदोई जिले की सण्डीला तहसील में सिर्फ दो स्थाई गौशालाएं सण्डीला एवं बालामऊ में हैं जिनमें दोनों में मिलाकर 500-600 पशु रखे जा सकते हैं। किंतु भरावन वि. ख. की अकेले एक ही ग्राम सभा भटपुर में हजारों पशु खुले घून रहे हैं। इसके अलावा सण्डीला तहसील के वि.ख. भरावन में 11 अस्थाई गौशालाओं की कुल क्षमता 700 पशु है व 8 निर्माणाधीन है। ये अपर्याप्त हैं। जब तक 500-1000 क्षमता वाली बड़ी गौशालाओं के लिए सरकार धन आवंटित नहीं करती तब तक समस्या का समाधान नहीं हो सकता।

प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी ने पिछले विधान सभा चुनाव के प्रचार में उन्नाव में कंहा था कि गाय का गोबर खरीदा जायेगा। सरकार इस योजना को जल्दी से जल्दी लागू करे।

मुख्य मंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधान सभा चुनाव प्रचार में कहा था कि प्रत्येक किसान को रु. 900 प्रति माह प्रति पशु को खिलाने के लिए दिया जाएगा। सरकार इस योजना को सभी किसानों के घरेलू पशुओं के लिए भी लागू करे ताकि कोई किसान अपना पशु खुला न छोड़े।

गायों के साथ हो रही क्रूर घटनाओं की ओर ध्यानाकर्षण जरूरी है। पिछले जाड़े में भटपुर गांव, थाना अतरौली, जिला हरदोई  के पास गोमती नदी के किनारे 40 गाय मरी पायी गईं जिसके कारण की छान बीन होनी चाहिए। पिछले जाड़े में जब ग्राम सभा ऐरा काके मऊ, वि.ख. भरावन में ग्रामीणों ने पशुओं को एकत्र किया तो तीन पशु मर गए जबकि पशु चिकित्साधिकारी उनका इलाज कर रहे थे। अभी पिछले हफ्ते ग्राम बंजरा, ग्राम सभा ऐरा काके मऊ में एक गर्भवती गाय पर एक किसान ने अपना खेत बचाने के प्रयास में भाले से प्रहार किया। गाय के पेट में भाला लगा और पशुचिकित्साधिकारी के इलाज करने के बावजूद गाय व उसका बच्चा दोनों मर गए। पिछले हफ्ते ही नरिया खेड़ा गौशाला, ग्रा. स. साण्डा दखलौल में 25-30 गाएं मरी पड़ी पाई गईं। इसकी जांच होनी चाहिए कि यह मौतें क्या भूख के कारण हुईं?

जब तक उ.प्र. सरकार ठीक से गौशालाओं की व्यवस्था नहीं करती या किसानों को अपने पशुओं को खिलाने का इंतजाम नहीं करती तब तक इसी तरह गाए कभी भूख के कारण कभी दुर्घटना में मरती रहेंगी।

किसानों ने तंग आकर फैसला लिया है कि 18 जनवरी, 2023 को भरावन, कोथांवां, आदि खण्ड विकास कार्यालयों पर अपने पशु लेकर पहुंचेंगे और तब तक रहेंगे जब तक समस्या का निदान नहीं हो जाता।

अनिल मिश्र, 8707449208, राम स्नेही अर्कवंशी, 9198615338, कमलेश पाण्डेय, 7754995337

सोशलिस्ट किसान सभा

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