मोदी राज में पूंजीपति मालामाल, किसान मजदूर हो गए कंगाल, अडानी-अंबानी  प्रति मिनट कमा रहे हैं एक करोड़ से ज्यादा

मोदी राज में पूंजीपति मालामाल, किसान मजदूर हो गए कंगाल, अडानी-अंबानी प्रति मिनट कमा रहे हैं एक करोड़ से ज्यादा

मजदूर और किसान संगठनों के आवाहन पर भारत बचाओ दिवस के तहत बनी प्रभावी मानव श्रृंखला 

“किसान और किसानी को बर्बाद करने के लिए लाए गए हैं कृषि विधेयक “: इंदौर में हुआ प्रभावी किसान मजदूर आदिवासी सम्मेलन

“किसान और किसानी को बर्बाद करने के लिए लाए गए हैं कृषि विधेयक “: इंदौर में हुआ प्रभावी किसान मजदूर आदिवासी सम्मेलन

केंद्र की मोदी सरकार ने लाक डाउन की आड़ में 44 श्रम कानूनों में बदलाव कर जहां श्रमिकों का जीना दूभर कर दिया है वहीं तीन कृषि अध्याय देशों से देश की जमीन को पूंजी पतियों को और कारपोरेट घरानों को देने की साजिश रची है ।

महात्मा गाँधी को प्रतीकात्मक ही नहीं बल्कि धरातल पर उतारना है ज़रूरी: मेधा पाटकर

महात्मा गाँधी को प्रतीकात्मक ही नहीं बल्कि धरातल पर उतारना है ज़रूरी: मेधा पाटकर

महात्मा गाँधी के 150वीं जयंती वर्ष के उपलक्ष्य में, 26 सितम्बर से 2 अक्टूबर 2020 तक, द पब्लिक इंडिया द्वारा आयोजित ऑनलाइन कार्यक्रम में मेधा पाटकर भी एक विशिष्ठ वक्ता थीं.

A Question of Knowledge and Practice

A Question of Knowledge and Practice

Vidushi Prajapati, Ekta Tomar and Sandeep Pandey | The case of wrongful removal of Safai Karamcharis is a perfect example of the dual character of bourgeoisie spaces such as the law university where under the garb of being the upholder of egalitarian principles, it has time and again committed labour laws and human rights violations.

ज्ञान और अमल का प्रश्न

ज्ञान और अमल का प्रश्न

विदुषी, एकता तोमर, संदीप पांडेय | शैक्षिक समुदाय का क्या दायित्व बनता है, विशेष रूप से एक विधि विश्वविद्यालय में, जब विश्वविद्यालय की स्थापना के वर्ष, 2008 से कार्यरत सफाई कर्मचारियों को ठेका परिवर्तन के चलते निष्ठुरता से हटा दिया जाता है। विश्वविद्यालय अपने इस अमानवीय कार्य को सही ठहराने के लिए यह तर्क देता है कि चूँकि ये श्रमिक किसी ठेकेदार के आधीन काम कर रहे थे, इसलिए विश्वविद्यालय इनके प्रति जवाबदेह नहीं है। वह मजदूरों द्वारा लगायी गयी खून-पसीने की मेहनत को एक क्षण में भूल जाता है, मानों उनसे एकदम अनजान हो।

किसानों की समस्याओं को लेकर गंभीरता दिखाए सरकार: किसान संगठन ने प्रधानमंत्री के नाम दिया ज्ञापन

किसानों की समस्याओं को लेकर गंभीरता दिखाए सरकार: किसान संगठन ने प्रधानमंत्री के नाम दिया ज्ञापन

प्रधानमंत्री के नाम भेजे गए ज्ञापन में कहा गया है कि हम भारत के किसान, देश की किसान जनता के सामने उत्पन्न गम्भीर समस्याओं, जो कोविड-19 महामारी और लगातार चले लाॅकडाउन की स्थिति में और बढ़ गयी हैं, को सम्बोधित करने व उनका हल निकालने में आपकी सरकार की लगातार विफलता पर अपनी संवेदना व्यक्त करते हुए आपसे आग्रह करते हैं कि निम्न समस्याओं को हल करने के लिए तुरन्त कदम उठाए जाएं।