आजादी से लेकर अभी तक अगर हम अपने देश की सभी समस्याओं का एक मुख्य कारण बताना चाहें तो वह होगा केन्द्रीकरण। सत्ता का, निर्णय लेने की क्षमता का, धन और संसाधन का केन्द्रीकरण। लेकिन साथ ही साथ हमारे पास विकेन्द्रीकरण पर आधारित दर्शन की एक समानान्तर परम्परा भी मौजूद है।
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