वरिष्ठ समाजवादी नेता मानू दादा नहीं रहे. विनम्र श्रद्धांजलि.

इंदौर में समाजवादी आंदोलन को मंजिल तक पहुंचाने मैं अथक योगदान देने वाले तथा कई राजनीतिक कार्यकर्ताओं और छात्र राजनीति में छात्र नेताओं को तैयार करने वाले मानू दादा (मानमल सोनी) के निधन का समाचार जिस किसी ने सुना उसे गहरे तक चोट पहुंची। आज दोपहर में  साथी हेमंत पन्हालकर के फोन से मुझे भी मानू दादा के नहीं रहने का समाचार मिला । बाद में वरिष्ठ साथी सुभाष खंडेलवाल की पोस्ट से सूचना मिली ।वे कुछ समय से बीमार थे तथा इंदौर में ही उनका उपचार चल रहा था ।  

समाजवादी आंदोलन में 50 वर्ष से भी ज्यादा का समय गुजारने वाले मानू दादा का चुंबकीय व्यक्तित्व अनेक साथियों को समाजवादी दल में लाने में प्रेरक बना । डॉक्टर लोहिया द्वारा चलाए गए अंग्रेजी हटाओ आंदोलन को छात्रों के माध्यम से एक जन आंदोलन बनाने का श्रेय मानमल जी सोनी को जाता है । क्रिश्चियन कॉलेज में समाजवादी युवजन सभा का विस्तार करने के लिए उस समय के दिग्गज छात्र नेता महेश जोशी ,विक्रम वर्मा, तेज सिंह सेंधव, वेद प्रताप वैदिक जैसे शक्तिशाली और बौद्धिक दृष्टि से प्रतिभा संपन्न नेताओं से जमकर टक्कर लेने वाले सोनी ने अपने कुशल व्यवहार और प्रेममय संबंधों से दृढ़ता पूर्वक समाजवादी युवजन सभा को खड़ा किया। समाजवादी युवजन सभा के इंदौर में हुए राष्ट्रीय सम्मेलन में किशन पंत के साथ में दादा का योगदान अविस्मरणीय  रहा । सिद्धांत निष्ठा की वजह से राष्ट्रपति के अंग्रेजी भाषण का जमकर विरोध करने में साथियों से होने वाला वाद विवाद से भी  वे नहीं घबराए और उन्होंने निर्भयता पूर्वक राष्ट्रपति के अंग्रेजी भाषण की पुरजोर मुखालफत की । कार्यकर्ताओं से निरंतर संवाद रखने वाले दादा के मजबूत रिश्ते राष्ट्रीय स्तर के समाजवादी नेता मधु लिमये, जॉर्ज फर्नांडिस, मोहन सिंह ,लाडली मोहन निगम, मामा बालेश्वर दयाल से रहे हैं । शरद यादव जो जबलपुर के छात्र नेता रहे हैं दादा के गहन संपर्क की वजह से समाजवादी दल की तरफ आकर्षित हुए। दादा और यादव के बीच में पनपा आत्मीय संबंध तब से आज तक बना हुआ था । अनेक आंदोलनों में दादा की भागीदारी रही है। मध्यप्रदेश में जनता पार्टी को लोकसभा विधानसभा चुनाव में विजय दिलाने में दादा की उल्लेखनीय भूमिका रही.

मध्य प्रदेश के हर शहर और जिले में दादा के समन्वय के नेताओं से सुख-दुख के रिश्ते रहे हैं समाजवादी आंदोलन के हर छोटे बड़े नेता और कार्यकर्ताओं से लगातार संपर्क रखने की उनकी  क्षमता के कारण दादा के प्रति सबके मन में अपार श्रद्धा और सम्मान रहा है । दादा का संपूर्ण जीवन समाजवादी विचारों के लिए समर्पित रहा । मधुर संबंधों की सौरभ सुगंध दूर-दूर तक फैलाने और सब को अपना बनाने की उनकी शैली की वजह से दादा के प्रति सबके हृदय में विशेष स्थान बना हुआ था। 

मान मल सोनी  का इस दुनिया से  चला जाना मध्य प्रदेश के समाजवादी आंदोलन की अपूरणीय क्षति है । उन्होंने ना केवल विचार को मजबूती दी, बल्कि कई समाजवादी कार्यकर्ताओं और नेताओं को तराशा भी । उनकी कमी हमेशा खलेगी।

सोशलिस्ट पार्टी (इंडिया) मध्यप्रदेश, समाजवादी समागम ,किसान संघर्ष समिति, संयुक्त किसान मोर्चा, हिंद मजदूर सभा, जन आंदोलनों का राष्ट्रीय समन्वय सहित विभिन्न समाजवादी जनवादी संगठनों की ओर से उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि. सादर नमन.

 रामस्वरूप मंत्री

 प्रदेश अध्यक्ष,  सोशलिस्ट पार्टी (इंडिया) मध्यप्रदेश 

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