किसानों की समस्याओं को लेकर गंभीरता दिखाए सरकार: किसान संगठन ने प्रधानमंत्री के नाम दिया ज्ञापन

इंदौर। ढाई सौ से ज्यादा किसान संगठनोंं की किसान समन्वय संघर्ष समिति के आवाहन पर देशभर के किसान संगठनों ने आज किसानों की समस्याओं को लेकर विरोध दिवस मनाया और जगह-जगह प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा  ।इंदौर, पीथमपुर ,उज्जैन ,देवास, झाबुआ सहित मध्य प्रदेश के कई जिलों मैं भी किसान संघर्ष समिति के बैनर तले ज्ञापन सौंपा गया ।  इंदौर में  रामस्वरूप मंत्री,  छेदी लाल यादव,  करण सिंह दरबार, महू में दिनेश सिंह कुशवाहा ,पीथमपुर में अमरदास अमर दास उपरा रिया ,उमाकांत मिश्रा,  झाबुआ में राजेश बैरागी,गोपाल डामोर ,देवास में लीलाधर चौधरी  ,उज्जैन में कमलेश परमार  के नेतृत्व में  संभागायुक्त और वरिष्ठ अधिकारियों के माध्यम से प्रधानमंत्री को ज्ञापन भेजा गया। 

प्रधानमंत्री के नाम भेजे गए ज्ञापन में कहा गया है कि  हम भारत के किसान, देश की किसान जनता के सामने उत्पन्न गम्भीर समस्याओं, जो कोविड-19 महामारी और लगातार चले लाॅकडाउन की स्थिति में और बढ़ गयी हैं, को सम्बोधित करने व उनका हल निकालने में आपकी सरकार की लगातार विफलता पर अपनी संवेदना व्यक्त करते हुए आपसे आग्रह करते हैं कि निम्न समस्याओं को हल करने के लिए तुरन्त कदम उठाए जाएं।यह एक उचित समय था, जब किसानों और खेत मजदूरों को, देश के कुल श्रम शक्ति का 50 फीसदी हैं, पर्याप्त राहत प्रदान करके सबसे निचले पायदान पर जीवन बसर कर रहे नागरिकों का विकास सुनिश्चित किया जा सकता था। ज्ञापन में मांग की गई है  सभी किसानों के, भूमिहीन किसान व खेत मजदूर समेत, सभी कर्जे माफ करो। सभी पुराने केसीसी कर्ज माफ करो व नए केसीसी कर्ज तुरन्त जारी करो, फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य सी2 +50 फीसदी की घोषणा करो, सुनिश्चित करो कि इसी दाम पर सारी फसलें खरीदी जाएं व इसके लिए सरकारी खरीद का प्रावधान करो। इन फसलों में दूध, सब्जी, फल व सभी बर्बाद होने वाली फसलें शामिल हों। लागत के दाम घटाओ, विशेषकर डीजल के दाम, हवाई जहाज के ईंधन के दाम 22 रुपये प्रति लीटर के बराबर करो।  इस पूरी अवधि के बिजली के घरेलू, व्यवसायिक व ट्यूबवेल के बिल माफ करो।  बीज, खाद, कीटनाशक दवा के दाम इस सत्र में कम से कम 50 फीसदी करो। 

सभी बटाईदार किसानों का पंजीकरण करो और उन्हें एमएसपी, कर्जमाफी, कर्जे, छूट पर मिलने वाली लागत व फसल नुकसानी के सरकारी लाभ मिलने की गारंटी करो।  पीएम किसान का भुगतान 18,000 रुपये प्रति वर्ष करो। गन्ना किसानों का भुगतान तुरंत करो । केवल कार्ड धारकों को 5 किलो अनाज प्रति व्यक्ति प्रति माह देने की नीति बदलो और उन सबको 15 किलो अनाज और कम से कम 1 किलो दाल, तेल व चीनी प्रति माह उपलब्ध कराओ। यदि सभी 135 करोड़ लोगों को 15 किलो अनाज दिया जाए  तो इसका बोझ मात्र लगभग 2 करोड़ टन प्रति माह ही पड़ेगा। सुनिश्चित करो कि हर व्यक्ति जिसे काम चाहिए उसे 6 माह तक मनरेगा के अन्तर्गत काम मिले या कानून के अनुसार इस अवधि का पेमेन्ट मिले;  कोरोना संकट से उबरने के लिए, इस दौरान हुई जीविका के नुकसान की भरपाई के लिए हर व्यक्ति को 10,000 रुपये प्रतिमाह पेमेन्ट किया जाए।  सारी स्वास्थ्य सुविधाएं तुरन्त चालू कराई जाएं और हर गांव में डिस्पेन्सरी खोली जाएं।

सभी ट्रैन व अन्तर्राज्यीय बसें तुरंत शुरु की जाएं ताकि प्रवासी मजदूर घर लौट सकें।  हर गांव में सभी प्रवासियों के सर्विलांस और जांच का प्रबंध किया जाए और कोविड की सभी हिदायतों, यानी मास्क पहनना, शारीरिक दूरी बनाए रखना, चेहरे को ना छूना व हाथ धोना, आदि का सामाजिक अभियान चलाया जाए।  सभी छोटे व्यवसायियों, उत्पादन व स्थानीय परिवहन को तुरंत चालू किया जाए। 

आपकी सरकार द्वारा आवश्यक वस्तु कानून व मंडी कानून समाप्त करने, ई-नाम, खेत की दहलीज से बड़े व्यापारियों व व्यवसायिक एजेंटों द्वारा फसलें खरीदने, ठेका खेती शुरु कराने, निजी भंडारण, शीत भंडारण, खाद्यान्न प्रसंस्करण और सप्लाई चेन, आदि में करापोरेट को बढ़ावा देने से किसानों की बची-खुची स्वतंत्रता भी समाप्त हो जाएगी।मुद्दे जिनपर तुरंत कार्यवाही आवश्यक है।

1. पिछले वर्ष मंडी में और सोसायटियों में गेंहूँ के खरीद मूल्य में अंतर कम होने से इस वर्ष कई किसान पंजीयन नहीं करा पाये । जिसका फायदा उठाते हुए व्यापारी 1600-1700 रूपये प्रति क्विंटल गेहूँ खरीद रहे हैं । पंजीकृत और अपंजीकृत सभी  किसानों की  रकबे के अनुसार सम्पूर्ण उपज की समर्थन मूल्य खरीद की जाए।

2. खरीफ की फसल बोवनी का समय आ रहा है ।अभी तक सोसायटियों में रासायनिक उर्वरक एवं बीज का भंडारण नहीं हुआ है । खाद बीज नहीं मिलने से किसानों की बोवनी प्रभावित होगी । तत्काल खाद बीज भंडारण किया जाए ।

3. सरकार ने विद्युत अधिनियम 2003 में संशोधन कर अनियोजित तरीकें से विद्युत अधिनियम, 2020 पारित किया है जिसका असर लोगों के जीवन, आजीविका और ऊर्जा सुरक्षा पर पड़ेगा। किसानों की सहमति के बिना ही उनके कृषि पंप के 3 एचपी के कनेक्शन को 5 एचपी मे परिवर्तित किया जा रहा है ।अभी 3 एच पी कनेक्शन धारी किसानों को एक वर्ष में 2100 रू बिना सब्सिडी के बिल चुकाना पड़ता है ।5 एचपी में परिवर्तित करने पर 3500 रूपये चुकाना पड़ेगा जो कि 1400 रू अधिक है । यह किसानों की बहुत बड़ी लूट है। किसानों की लूट तत्काल बन्द की जाए।

4. सभी सब्जी एवं दुध उत्पादक किसानों की सब्जी और दुध खराब होने से हुए आर्थिक नुकसान की  क्षतिपूर्ति हेतू किसानों को तत्काल राहत राशि का भुगतान किया जाना चाहिए

5. सभी खरीद केंद्रों पर तुलाई इलेक्ट्रॉनिक कांटों से किसानों से सामने सुनिश्चित की जाए।

हमारा आग्रह है कि उपरोक्त सभी किसान विरोधी कदमों को रोककर किसान संगठनों से इन पर चर्चा की जाए ताकि इन सबसे देश में खेती की आत्मनिर्भरता को होने वाले नुकसान को रेखांकित कर उसमें आवश्यक सुधार किए जा सकें।

रामस्वरूप मंत्री 

उपाध्यक्ष, किसान संघर्ष समिति, मध्य प्रदेश 

प्रभारी, मालवा निमाड़

9425902303

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