हाथरस, बलरामपुर, उन्नाव, खरगोन और बदनावर मे बलात्कार की घटनाएं सरकार पर बदनुमा दाग: वामपंथी समाजवादी दलो के आवाहन पर बनी मानव श्रृंखला,मोमबत्ती जलाकर दी श्रद्धांजलि

इंदौर। उत्तर प्रदेश के हाथरस मध्य-प्रदेश के खरगोन एवं बदनावर में हुई बलात्कार और हत्या की घटना के विरोध में आज वामपंथी समाजवादी दलो, सहित विभिन्न ट्रेड युनियनों व सामाजिक संगठनों के कार्यकर्ताओं और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने प्रभावी मानव श्रृंखला बनाकर विरोध जताया । बड़ी संख्या में एकत्रित कार्यकर्ताओं में हाथरस की घटना को लेकर आक्रोश था और उन्होंने गांधी प्रतिमा चौराहे पर करीब 1 घंटे तक योगी मोदी सरकार की नाकामियों के खिलाफ नारेबाजी की तथा सरकार को बर्खास्त करने की मांग की ।

प्रदर्शन में प्रमुख रूप से श्याम सुंदर यादव, एसके दुबे, अरविंद पोरवाल, रामस्वरूप मंत्री, अजय यादव, रूद्र पाल  यादव ,कैलाश लिंबो दिया, मोहम्मद अली सिद्दीकी ,छेदी लाल यादव, भरत सिंह यादव,जयप्रकाश गुगरी,अजोय लागू,  अंचल सक्सेना, रजनीश जैन, सीएल सरावत, भागीरथ टटवाडे,  भागीरथ कछवाय,  विनीत तिवारी, जया मेहता, कैलाश कुशवाहा, हरिओम सूर्यवंशी, अरुण चौहान, सोहनलाल शिंदे,सलीम अंसारी, सत्यनारायण वर्मा,कामरेड झाला,अशोक दुबे सहित बड़ी संख्या में महिलाएं एवं पुरुष कार्यकर्ता  शरीक थे। 

बाद में कार्यकर्ताओं ने गांधी प्रतिमा के समक्ष मोमबत्ती जलाकर श्रद्धांजलि अर्पित की ।प्रदर्शन में शामिल नेताओं का कहना था कि  हाल ही में हाथरस में एक दलित लड़की के साथ हुए बलात्कार और उसकि संदिग्ध  मौत  की घटना तथा रात के अंधेरे में पुलिस द्वारा परिवार को बगैर बताए अंतिम संस्कार कर देना सरकार की निर्जजतम लापरवाही है जो किसी भी लोकतांत्रिक सरकार के लिए बदनुमा दाग है ।   

मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, सोशलिस्ट पार्टी इंडिया, और लोकतांत्रिक जनता दल का मानना है कि अभी कोरोना काल में जब लोगों की आवाजाही काफी हद तक कम हुई है, तब भी बलात्कार की घटनाएं कम नहीं हुईं।  कुछ समय पहले दिल्ली में एक 86 बरस की महिला से बलात्कार किया गया। एक कोरोना मरीज को ले जाते हुए एंबुलेंस ड्राइवर ने बलात्कार किया। पिछले महीने उत्तरप्रदेश में एक 13 साल की बच्ची के साथ बलात्कार कर उसकी आंखें निकाल दी गईं और जीभ काट दी गई। हापुड़ में छह साल की बच्ची के साथ ऐसी ही हैवानियत हुई और अब हाथरस का मामला रोंगटे खड़े कर रहा है। यहां एक दलित युवती को खेत से खींचकर चार लोगों ने बलात्कार किया, उसकी जीभ काट दी, ताकि वो कुछ बता न सके और उसकी रीढ़ की हड्डी भी तोड़ दी गई। वो लड़की 9-10 दिन बाद होश में आ पाई और उसने इशारों से अपनी आपबीती बयां की। उसके परिजन पुलिस से मामला दर्ज करने के लिए कहते रहे, लेकिन उत्तर प्रदेश पुलिस ने भरपूर आनाकानी दिखाई। और उसने दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में दम तोड़ दिया। इस मामले में उत्तरप्रदेश सरकार और पुलिस दोनों की खूब आलोचना हो रही है। लेकिन अपराधों पर निर्विकार बनी सरकार को इससे कोई फर्क पडता दिखाई नहीं देता। 

कहीं शूट आउट, कहीं एनकाउंटर, कहीं सड़क पर दौड़ा कर व्यापारी की हत्या, कहीं लूटपाट, तो कहीं बलात्कार, एक दिन ऐसा नहीं बीतता जब इन अपराधों में से किसी एक की खबर न आती हो। लेकिन ये केवल फटाफट सौ खबरों वाले बुलेटिन का हिस्सा बन कर रह जाती हैं। एक महीने की बच्ची से लेकर 86 साल की वृद्धा के साथ हो रही बलात्कार की घटनाएं ये बताती हैं कि हमारे समाज में स्त्रियों के लिए गैरबराबरी किस हद तक घुसी हुई है। 

हाथरस की मासूम बिटिया की मर्मांतक मौत ने इस देश के हर संवेदनशील व्यक्ति को हिलाकर रख दिया है। बहुत लोगों की समझ में यह नहीं आ रहा है कि अभी कुछ ही दिनों पहले अपराधियों की गाड़ी पलटकर या भागता दिखाकर उन्हें ठोक देने वाली उत्तर प्रदेश की सरकार और पुलिस एक बेहद बर्बर बलात्कार और जघन्य हत्या के मामले में इतनी असहाय क्यों नज़र आ रही है। और यह कि सवर्ण सेना नाम का कोई संगठन जातीय आधार पर दरिंदों के समर्थन में सड़कों पर कैसे उतर आया है।  मामले को दर्ज करने में अप्रत्याशित विलंब और पोस्टमार्टम के बाद लाश को देखने से भी परिवार को वंचित कर प्रशासन की देखरेख में उसे ठिकाने लगाने की जल्दबाजी सरकार की मंशा जाहिर करती  है। आशंका यह भी है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में बलात्कार के आरोप की पुष्टि भी नहीं हो। जिस तरह यह जघन्य अपराध राजनीतिक और जातीय रंग लेने लगी है, उसमें न्याय की उम्मीद बहुत ही कम दिखती है। प्रदर्शन में शामिल नेताओं का कहना था कि समाज के अन्य वर्गों को शामिल कर योगी और मोदी की सरकार के खिलाफ आंदोलन तेज किया जाएगा । यह सरकार संवैधानिक मर्यादा तक खो चुकी है और कानून से लोगों का भरोसा उठ रहा है 

इससे पूर्व दोपहर में वामपंथी समाजवादी दलों की ओर से राष्ट्रपति के नाम संभाग आयुक्त को ज्ञापन भी दिया गया जिसमें हाथरस सहित खरगोन और बदनावर की घटनाओं की न्यायिक जांच की मांग की गई तथा दोषी अफसरों को दंडित करने तथा उत्तर प्रदेश सरकार को बर्खास्त करने की भी मांग की गई ।

रामस्वरूप मंत्री 

प्रदेश अध्यक्ष, सोशलिस्ट पार्टी (इंडिया) मध्य प्रदेश

Ph: 799995290, 99425902303

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