सोशलिस्ट पार्टी (इण्डिया) की राष्ट्रीय कार्यकारिणी व पदाधिकारियों की बैठक स्वराज विद्यापीठ, इलाहाबाद में 7 व 8 फरवरी, 2016, को सम्पन्न हुई। बैठक में पार्टी के संरक्षक न्यायमूर्ति राजिन्दर सच्चर, संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष पन्नालाल सुराणा, उपाध्यक्ष बलवंत सिंह खेड़ा, एड. मोहम्मद शोएब, संदीप पाण्डेय, महामंत्री तारकेश्वर सिंह, सतीश अग्रवाल, फैसल खान, आदि ने भाग लिया। इलाहाबाद की इकाई के गठन के साथ उसके संयोजन की जिम्मेदारी वरिष्ठ अधिवक्ता तेज प्रताप सिंह को सौंपी गई। इलाहाबाद इकाई के अन्य सदस्य होंगे वरिष्ठ अधिवक्ता रवि किरण जैन, श्रीवल्लभ, सतीश अग्रवाल, सुशील कुमार श्रीवास्तव, विनय कुमार सिन्हा, चन्द्र केश राय व अवधेश प्रताप सिंह। इलाहाबाद के साथ साथ यह प्रदेश स्तर पर भी पार्टी को मजबूत करने का काम करेगी।

बैठक में कई प्रस्ताव पारित किए गए। संविधान के 73वें व 74वें संशोधन के अनुसार सत्ता के विकेन्द्रीकरण और आर्थिक विकास व सामाजिक न्याय की योजनाएं ग्राम पंचायत व के स्तर पर तय करने से लेकर जिला स्तर पर योजनाओं के संकलन की प्रक्रिया को लागू कराने हेतु प्रयास तेज करने का निर्णय लिया गया। खासकर हाल ही में उ.प्र. पंयाचत चुनाव में जीत कर आए प्रतिनिधियों को इस मामले में पूर्ण रूप से जागरूक करने का निर्णय लिया गया ताकि वे सत्ता के विकेन्द्रीकरण की प्रकिया के वाहक बन सकें।

क्षेत्र पंचायत व जिला पंचायत अध्यक्ष पद के चुनावों में ‘निर्विरोध‘ के नाम पर संभावित विपक्षी उम्मीदवारों को सत्ता पक्ष के लोगों द्वारा डरा-धमका कर बैठाने के प्रचलन की निंदा की गई। ऐसे मामलों में प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा सत्ता पक्ष के सामने हथियार डाल देने की प्रवृत्ति की भी आलोचना हुई। इस बात पर चिंता व्यक्त की गई कि जब भी समाजवादी पार्टी की सरकार सत्तासीन होती है उ.प्र. की कानून व व्यवस्था की स्थिति बिगड़ जाती है।

पठानकोट हमले को रोक पाने में राजनीतिक कार्यपालिका के नाकाम रहने के बावजूद सोशलिस्ट पार्टी (इण्डिया) सुरक्षा बलों के प्रमुखों से अपील करती है कि सीमा पर पहरा कड़ा करें ताकि भविष्य में फिर पठानकोट जैसा हमला न होने पाए।

सोशलिस्ट पार्टी (इण्डिया) रोहित वेमुला की आत्महत्या पर अफसोस जाहिर करती है और मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा अनुसूचित जाति व जनजाति के छात्रों के साथ किए जाने वाले भेदभाव की निंदा करती है। पार्टी देश भर से उठ रही दलित संगठनों के विरोध की आवाज के साथ खड़ी है। पार्टी सभी विश्वविद्यालयों से अपील करती है कि अपने बजट का 25 प्रतिशत अनुसूचित जाति व जनजाति के छात्रों की शैक्षणिक व छात्रावास सम्बंधी जरूरतों को पूरा करने के लिए आवंटित करें। इसी तरह का प्रावधान अन्य पिछड़ा वर्ग व पहाड़ के छात्रों के लिए भी किया जाए।

ज्यादातर समय विश्व भ्रमण पर रहने तथा बड़ी-बड़ी बातें करने वाला प्रधान मंत्री उन 73 प्रतिशत लोगों के लिए कुछ भी नहीं कर पा रहा जिनकी आय औसत आय से कम है तथा जो महंगाई, बेरोजगारी, प्रदूषण व उन पूंजीपतियों के मारे हैं जो राष्ट्रीकृत बैकों के ऋण वापस नहीं करते और न ही सरकार को पूरा कर देते हैं। पार्टी सभी प्रगतिशील दलों व श्रमिक संगठनों से अपील करती है कि शासकों पर इतना दबाव बनाएं कि वे निजी कम्पनियों को लाभ पहुंचाने वाली नीतियां छोड़कर स्वावलम्बन व रोजगार पैदा करने वाला विकास का मॉडल जिसके केन्द्र में कृषि, वानिकी व लघु उद्योग हों को अपनाएं।

नरेन्द्र मोदी का स्टार्ट-अप कार्यक्रम एक धोखा है। इसमें तीन साल तक आयकर की छूट के साथ-साथ श्रमिकों के शोषण की भी छूट दे दी गई है क्योंकि उद्योगपतियों को गारण्टी दी जा रही है उनके कारखानों में कोई श्रम निरीक्षक तीन वर्षों तक ताक-झांक करने नहीं जाएगा। इस योजना का लाभ उसी उद्यमी को मिलेगा जो कोई अनोखा प्रस्ताव लेकर आएगा। यानी भारत के साधारण किसान, उत्पादक, छोटी-मोटी सेवाएं मुहैया कराने वाले इस योजना में शामिल नहीं किए जाएंगे।

केन्द्र सरकार नेपाल, जम्मू-कश्मीर व पूर्वोत्तर में भूकंप व बाढ़ पीड़ितों के पुनर्वास हेतु किए अपने वायदे को पूरा करे।

तारकेश्वर सिंह
राष्ट्रीय महासचिव

सतीश अग्रवाल
वरिष्ठ अधिवक्ता

रवि किरण जैन
स्थाई आमंत्रित

संदीप पाण्डेय
राष्ट्रीय उपाध्यक्ष

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