सोशलिस्ट पार्टी (इण्डिया) के सिद्धांत

1. सभी इंसान बराबर हैं। जाति, धर्म, लिंग, राष्ट्रीयता, संस्कृति, उम्र, काबिलियत, इत्यादि, मानव निर्मित श्रेणियां हैं एवं इनके आधार पर बंटवारा या भेदभाव गलत है। सोशलिस्ट पार्टी (इण्डिया) का प्रमुख उद्देश्य सभी किस्म की गैर-बराबरियों को दूर कर समाज व इंसानों के बीच न्याय स्थापित करना है।

2. सभी मनुष्यों का धरती के प्राकृतिक संसाधनों पर बराबर का अधिकार है। प्राकृतिक संसाधनों का इस्तेमाल इंसान की जरूरतों को पूरा करने के लिए होना चाहिए न कि मुनाफा कमाने के लिए। हमारा मानना है कि इंसान, जिसका आगमन धरती पर वनस्पति जगत व पशु-पक्षी जगत के बाद हुआ, इस प्रकृति की एक अंतरंग इकाई है एवं उसका अस्तित्व एक जीवंत प्रकृति पर निर्भर है।

3. अर्थव्यवस्था का मूल उद्देश्य लोगों को रोजगार मुहैया कराना होना चाहिए और सकल घरेलू अत्पाद की विकास दर उपलब्ध कराए गए रोजगार व संसाधनों के न्यायपूर्ण बंटवारे पर निर्भर होनी चाहिए। मेहनतकश वर्ग, यानी किसान, मजदूर, कारीगर की आय व्यापार या सेवा क्षेत्र के लोगों से कम नहीं होनी चाहिए। लोहिया के सिद्धांत के अनुरूप, न्यूनतम और अधिकतम आय में १:१० से अधिक अंतर नहीं होना चाहिए. गरीबी रेखा की जगह अमीरी रेखा तय की जाये.

4. व्यक्तिगत उद्यम या सृजन की पहल या गतिविधि समाजवादी सोच के तहत ही होनी चाहिए। निजी सम्पत्ति की जगह गांधी जी के न्यासी के सिद्धांत को मान्यता मिलनी चाहिए।

5. शिक्षा एवं स्वास्थ्य सेवाएं सभी के लिए एक गुणवत्ता वाली व मुफ्त होनी चाहिए।

6. परिवारों की अन्य आवश्यकताएं भोजन, कपड़ा, आवास, पानी, ऊर्जा, यातायात व दूर-संचार भी पूरी होनी चाहिए।

7. लोगों की सुरक्षा का आधार आपसी विश्वास होना चाहिए न कि हथियार व हिंसा। हम एक हथियार मुक्त दुनिया की कल्पना करते हैं।

8. उत्पादन और उपभोग की प्रक्रियाओं में निरंतरता होनी चाहिए, कम से कम कार्बन उत्सर्जन व प्रदूषण होना चाहिए। ’जरूरतें कम – चक्रीय उपयोग – पुनः उपयोग’ मानवीय गतिविधियों का आधार होना चाहिए। सोशलिस्ट पार्टी (इण्डिया) अपने आप को भारत की हरित पार्टी भी मानती है।

9. हम शराब, तम्बाकू व नशा मुक्त दुनिया चाहते हैं।

10. हम राजनीतिक एवं प्रशासनिक भ्रष्टाचार के मुक्ति चाहते हैं।

11. सोशलिस्ट पार्टी (इण्डिया) तार्किक सोच को बढ़ावा देने में विश्वास रखती है।

12. भारतीय संविधान में निहित मूल्यों से जो भटकाव आया है उसे ठीक किया जाना चाहिए.

13. अंग्रेजों के बनाये सारे कानून ख़त्म कर के नए सिरे से लोकतंत्र और मानवाधिकार के मूल्यों को सर्वोपरि मानते हुए कानून पारित हों.

14. भू-अधिग्रहण में खेती की जमीन शामिल नहीं की जानी चाहिए और बंद पड़े उद्योगों/ संस्थानों की जमीन पहले अधिग्रहित की जानी चाहिए.

15. राजनीतिक दलों के आतंरिक लोकतंत्र के बिना देश में लोकतंत्र का मजबूत होना संभव नहीं है. यदि दल लोकतान्त्रिक नहीं हो सकते तो दल-विहीन लोकतंत्र के विकल्प पर भी विचार होना चाहिए.

कृपया सोशलिस्ट पार्टी (इण्डिया) के सदस्य बन एक मानवीय समाज के निर्माण में भागीदार बनें। सोशलिस्ट पार्टी (इण्डिया) का कार्यालय लोहिया मजदूर भवन, 41/557 तुफैल अहमद मार्ग, नरही, लखनऊ-1 में स्थित है।

सम्पर्क फोनः 0522 2286423 व मोबाइलः 9795000546, पवन सिंह, 9839422521, चुन्नीलाल। यदि आप आर्थिक मदद करना चाहें तो निम्नलिखित खाते में सहयोग करेंः सोशलिस्ट पार्टी (इण्डिया), इलाहाबाद बैंक, हजरतगंज शाखा, लखनऊ-1, खाता संख्याः 50084256339, आई.एफ.एस.सी. ALLA0210062

डॉ शुचिता कुमार, जीनत, मीरा वर्द्धन, मुन्नालाल, गिरीश कुमार पाण्डेय, जानकी प्रसाद गौड़, एड० मो०शोएब, एड० तेज प्रताप सिंह, सतीश अग्रवाल, एड० सहदेव सिंह गौतम, सुरेन्द्र विक्रम सिंह, हफीज किदवई, शरद पटेल, पी.डी. गुप्ता, अनिल मिश्र, प्रशांत पाण्डेय, सुधांशु शेखर उपाध्याय, राजेश मौर्य, देवेश पटेल, बाबी रमाकांत, चिंतामणि सेठ, कुलदीप सक्सेना एवं डॉ संदीप पाण्डेय द्वारा जारी।

सोशलिस्ट पार्टी (इण्डिया) का घोषणा पत्र

यदि 2017 के उत्तर प्रदेश विधान सभा चुनाव में सोशलिस्ट पार्टी (इण्डिया) विजयी हो सरकार गठन करती है तोः

1 महीने में पूरे करेंगे:

1. उत्तर प्रदेश में तुरंत शराबबंदी लागू करेंगे। इसके साथ ही नशे पर रोक को प्रभावी बनाया जाएगा।
2. पुलिस या दलालों द्वारा वसूली और सरकारी कार्यालयों में भ्रष्टाचार पर पूर्ण रोक लगेगी।
3. अति विशिष्ट व्यक्ति की श्रेणी समाप्त की जाएगी। लाल बत्ती और नीली बत्ती वाली गाड़ियों का चलन खत्म होगा।
4. केन्द्रीय सरकार द्वारा करवाई गई सामाजिक-आर्थिक व जातिगत जनगणना, 2011 के आंकड़ों को सार्वजनिक करने की मांग की जाएगी।
5. दलितों के भूमि की बिक्री सम्बन्धी नवीनतम अध्यादेश को वापस बदला जायेगा
6. पत्थर और बालू के खनन को सख्ती से नियमानुसार नियंत्रित किया जायेगा जिससे अवैध खनन रुके.
7. विदेशी पूंजीनिवेश पर पूर्णतया रोक लगायी जायेगी.

1 साल में पूरे करेंगे:

1. लड़कियों को पिता की सम्पत्ति में अधिकार का क्रियान्यवन किया जाएगा। किसी भी चल-अचल सम्पत्ति में पति के साथ पत्नी का नाम भी दर्ज होगा।
2. सार्वजनिक वितरण प्रणाली में महिला को परिवार प्रमुख बना सभी परिवारों को रु. 1 प्रति किलों पर गेहूं तथा रु. 2 प्रति किलो चावल, प्रत्येक व्यक्ति को 14 किलो अनाज व साथ में दाल तथा सूखे फल दिए जाने की व्यवस्था लागू की जाएगी। बी.पी.एल. व प्राथमिकता वाली श्रेणियां खत्म की जाएंगी।
3. सार्वजनिक यातायात के साधनों में वरिष्ठ नागरिकों की तरह महिलाओं और १४ वर्ष से कम बच्चों को भी कम किराए पर सफर करने की सुविधा दी जाएगी। महिला चालकों द्वारा चलाए जाने वाले वाहनों की संख्या बढ़ाई जाएगी।
4. महिलाओं, युवाओं हेतु नए रोजगार सृजित किए जाएंगे। गांव की तरह शहरों में भी तथा शहर-गांव के पढ़े-लिखे बेरोजगारों के लिए भी 100 दिनों के रोजगार की गारण्टी दी जाएगी। यदि सरकार रोजगार नहीं उपलब्ध करा पाएगी तो सम्मानजनक बेरोजगारी भत्ते का प्रावधान होगा।
5. मैला ढोने व सीवर में इंसान उतार कर साफ करने की प्रथा खत्म होगी। मनुष्य स्वास्थ्य के लिए अहितकारी काम मशीनों से किए जाएंगे।
6. विद्यालय व आंगनबाड़ी में उच्च गुणवत्ता वाला व पौष्टिक भोजन मिलेगा ताकि इस देश के आधे बच्चों का कुपोषण दूर किया जा सके। प्रत्येक धार्मिक स्थल में लंगर की व्यवस्था अनिवार्य की जाएगी जिसमें किसी भी धर्म और जाति को मानने वाला व्यक्ति जाकर खा सकेगा।
7. संविदा कर्मी की न्यूनतम तनख्वाह रु. 18,000 प्रति माह होगी। इसी हिसाब से प्रति दिन की मजदूरी रु. 720 होगी। ठेका-मजदूर प्रथा को पूरी तरह से समाप्त किया जायेगा.
8. किसान का न्यूनतम समर्थन मूल्य उसकी लागत का कम से कम डेढ़ गुना होगा। किसान आयोग का गठन होगा जो यह मूल्य निर्धारित करेगा। कृषि मजदूरी का भुगतान महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारण्टी योजना से होगा ताकि मजदूर को न्यूनतम मजदूरी मिले व किसान पर बोझ भी न पड़े। इसी तरह, बाज़ार में अन्य उत्पादनों की कीमत उसको बनाने में हुए व्यय से डेढ़ गुना से अधिक नहीं होगी.
9. विधवा, वृद्धावस्था व विकलांग पेंशन की राशि रु. 5000 प्रति माह की जाएगी।
10. नौकरियों और विधान सभा में पचास प्रतिशत महिलाओं के आरक्षण को लागू किया जाएगा। संसद में पचास प्रतिशल आरक्षण की मांग रखी जाएगी। महिला आरक्षण में जाति व धर्म के आधार पर विविधता के प्रतिनिधित्व का ध्यान रखा जाएगा। विकलांग व किन्नर का विशेष ध्यान रखा जाएगा।
11. धार्मिक स्थलों पर लाऊड स्पीकरों कर प्रयोग वर्जित होगा और सड़क पर सार्वजनिक-निजी कार्यक्रमों पर रोक लगेगी। महंगी शादियों पर रोक लगेगी और कोई भी सार्वजनिक कार्यक्रम ऐसे नहीं होंगे जिससे जनमानस प्रभावित हो.
12. शिक्षण संस्थानों, कार्यस्थलों व सार्वजनिक जगहों पर जाति के आधार पर होने वाले भेदभाव को राकने के लिए रोहित वेमुला अधिनियम पारित किया जाएगा।
13. ग्राम सभा में उपलब्ध जमीनों के पट्टे भूमिहीन परिवारों को आवंटित किए जाएंगे।
14. राष्ट्रीय फेरी पटरी व्यवसाय नीति का नगर पालिका, टाउन एरिया क्षेत्र तक में अनुपालन कराया जायेगा
15. कुंडों, तालाबो, पोखरों, नदियों को अतिक्रमण मुक्त कर उन्हें पुनर्जीवित करने की दिशा में कार्य होगा
16. सच्चर समिति की सिफारिशों को लागू किया जाएगा।
17. बैंकों द्वारा क़र्ज़ देने की प्रक्रिया को दुरुस्त किया जायेगा ताकि गरीब को परेशान न होना पड़े और अमीर व निजी कंपनियां उसका अनुचित लाभ न उठाये. किसान का कर्जा-माफ़ करके किसानों में हो रही आत्महत्याओं को रोका जायेगा.

5 साल में पूरे करेंगे:

1. महिलाओं, छोटी बच्चियों और किन्नरों के साथ होने वाली छेड़-छाड़ अथवा हिंसा की घटनाओं को रोकने हेतु प्रभावी कदम उठाए जाएंगे।
2. पांच वर्ष के अंदर प्रत्येक परिवार का अपना घर व घर में शौचालय होगा ताकि किसी भी महिला को खुले में शौच न करना पड़े।
3. प्रत्येक बच्चा विद्यालय में पढ़ने जाएगा। बाल श्रम पर कड़ाई से रोक लगाई जाएगी। इलाहाबाद उच्च न्यायालय के फैसले कि सभी सरकारी तनख्वाह पाने वाले व जन प्रतिनिधियों के बच्चों का सरकारी विद्यालयों में पढ़ना अनिवार्य हो को लागू किया जाएगा। इसी तरह सभी सरकारी तनख्वाह पाने वाले व जन प्रतिनिधियों और उनपर आश्रित लोगों को सरकारी चिकित्सालय में ही इलाज कराना होगा।
4. शिक्षा एवं स्वास्थ्य सेवाएं सरकारी क्षेत्र में व सभी के लिए मुफ्त होंगी। निजी शिक्षण व चिकित्सीय संस्थानों का सरकारीकरण किया जाएगा। शिक्षकों और चिकित्सकों की कमी पूरी की जाएगी। प्रत्येक ग्राम पंचायत और शहर के मोहल्ले में एक छोटा अस्पताल होगा।
5. संविधान के 73वें व 74वें संशोधन को लागू कर पंचायतों व नगर निकायों का सशक्तिकरण किया जाएगा।
6. अक्षय ऊर्जा स्रोतों जैसे सौर या बायोगैस के आधार पर ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने की योजना बनाई जाएगी।
7. समाज में गंगा-जमुनी तहजीब को मजबूत करने हेतु अयोध्या में महंत युगल किशोर शरण शास्त्री द्वारा अपने मंदिर को सर्व धर्म सद्भाव केन्द्र में तब्दील किए जाने की पहल में सहयोग किया जाएगा। इस केन्द्र में दुनिया के सभी धर्मावलम्बियों और किसी धर्म को न मानने वाले का भी स्वागत होगा।
8. न्यायिक सुधार को क्रियान्वित कर समयबद्ध न्याय सुनिश्चित किया जायेगा.
9. जो लोग बेगुनाह हैं और लम्बे समय से जेल में हैं उनको रिहा किया जायेगा.

सोशलिस्ट पार्टी (इण्डिया) की 2017 के उत्तर प्रदेश विधान सभा चुनाव में कम से कम आधी उम्मीदवार महिलाएं होंगी और चुनाव कम से कम खर्च में लड़ा जाएगा। जीतने के बाद जो सरकार बनेगी उसकी मुख्य मंत्री भी महिला होंगी और ज्यादातर विभाग भी महिलाएं ही सम्भालेंगी।

आइए उत्तर प्रदेश में देश की सही अर्थों में पहली महिला सरकार के गठन में सहयोग करें। 2017 विधान सभा चुनाव में सोशलिस्ट पार्टी (इण्डिया) के उम्मीदवार को उपना मत व समर्थन दें।

1 Comments

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *