Sandeep Pandey, Shreekumar, Shiva Shankar, R Ramachandran, Lubna Sarwath, Mansee Bal Bhargava and Rajeev Yadav
| Equality, Liberty and Justice lay the foundation of the Indian Constitution for the citizens of India. Looking beyond the Indian Constitution document’s explicit mention of these values, the real picture on the ground is different
Non-Violent Action and Socialist Radicalism: Narendra Dev in India’s Freedom Movement
Anil Nauriya | As the pre-eminent theoretician of the Congress Socialist Party established in 1934, Narendra Deva’s understanding is of significance in providing an alternative Marxist
and radical understanding of the Indian movement for freedom.
कश्मीर और धारा 370 पर समाजवादियों का स्टैंड
क़ुरबान अली | राममनोहर लोहिया सहित सोशलिस्ट पार्टी, प्रजा सोशलिस्ट पार्टी और संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी के नेताओं ने भी कभी भी जम्मू कश्मीर से धारा 370 को हटाए जाने की वकालत नहीं की। बल्कि इनमे से अधिकांश तो जम्मू कश्मीर में जनमत संग्रह कराये जाने की मांग का समर्थन करते रहे।
वामपंथी समाजवादी कार्यकर्ता जनसंवाद पखवाड़ा मनाएंगे, संयुक्त सम्मेलन में किया निर्णय , 17 जून से 3 जुलाई तक चलेगा अभियान
सम्मेलन में निर्णय लिया गया कि 17 जून से सभी दलों के कार्यकर्ता शहर की विभिन्न बस्तियों मोहल्लों और कालोनियों में जाएंगे तथा लोगों की समस्याएं सुनेंगे। उन को हल करने की कोशिश करेंगे तथा मेहनतकश, गरीब, पिछड़े, दलित और अल्पसंख्यकों को एकजुट करने की कोशिश करेंगे। यह अभियान 3 जुलाई तक चलेगा
श्रद्धांजलि: समाजवादी आंदोलन के मजबूत सिपाही और पुराने साथी सुरेश लांभाते का निधन
इंदौर के समाजवादी आंदोलन को एक और आघात लगा। समाजवादी आंदोलन के मजबूत सिपाही और पुराने साथी सुरेश लांभाते का गत 28 मई को अचानक हार्ट अटेक से निधन हो गया लांभाते पार्टी संपूर्ण रूप से निष्ठावान रहकर पार्टी के संगठन के लिए हमेशा तैयार रहते थे ।
2 दिवसीय ऑनलाइन सोशलिस्ट कांफ्रेंस (17 – 18 मई 2020) के प्रस्ताव
समाजवादियों का मानना है कि आजका सच पूंजीवादी नीतियों का परिणाम है। देश का जनसाधारण सरकार और सरकारी नीतियों से मोहभंग के दौर में है। नए समाधानों की तलाश का समय आ गया है। ‘सबको रोटी – सबको काम’ का नारा देशव्यापी हो रहा है।
35 वक्ताओं के सम्बोधन के साथ 2 दिवसीय ऑनलाईन सोशलिस्ट कॉन्फ्रेंस सम्पन्न, ऑनलाइन 75 हज़ार समाजवादी हुए शामिल
आज़ादी के आंदोलन और समाजवादी आंदोलन की विरासत के अनरूप समाजवादी व्यवस्था कायम करने का लिया संकल्प. प्रवासी मज़दूरों, किसानों, स्वस्थ्य, बेरोजगारी एवम पर्यावरण के मुद्दों पर.
कांग्रेस सोशलिस्ट पार्टी के स्थापना दिवस 17 मई 1934 पर विशेष: हम में से समाजवादी कौन है?
अरुण कुमार त्रिपाठी | यह दौर है जब समाजवादी 1934 की तरह एक मंच पर इकट्ठा हों और उन मूल्यों को संजोएं जिन्हें पूंजीवाद और उसकी विकृतियों से उत्पन्न हुई महामारी ने नष्ट करने का प्रयास किया है। यह समय मजदूरों और किसानों के दर्द को समझने और उनके एजेंडे की वापसी का है।
कांग्रेस सोशलिस्ट पार्टी के स्थापना दिवस पर विशेष लेख: स्थापना काल से ही समाजवादी पत्र-पत्रिकाओं और लेखकों ने वैचारिक कार्यकर्ता तैयार करने के लिए बड़ा काम किया
रामस्वरूप मंत्री | कांग्रेस सोशलिस्ट पार्टी की स्थापना के समय से ही इस आंदोलन के बड़े नेताओं का मानना था कि विचार वान कार्यकर्ता ही देश में संघर्ष और कसमता की राजनीति कर सकता है। इसलिए उन तमाम नेताओं ने विचार फैलाने के लिए लेखन को भी अपने कर्मो में शामिल किया।
कोरोना महामारी : प्रतिक्रांति की गहरी नींव (1)
प्रेम सिंह | ताला-बंदी के चार-पांच दिनों के भीतर यह सच्चाई सामने आ गई कि अमीर भारत असंगठित क्षेत्र के करीब 50 करोड़ प्रवासी/निवासी मेहनतकशों की पीठ पर लदा हुआ है. इनमें करीब 10 प्रतिशत ही स्थायी श्रमिक हैं. बाकी ज्यादातर रोज कुआं खोदते हैं और पानी पीते हैं.