जस्टिस सच्चर के पुण्य तिथि पर याद करते हुए

जस्टिस सच्चर के पुण्य तिथि पर याद करते हुए

नीरज कुमार | जस्टिस राजिंदर सच्चर अपनी पीढ़ी के एक निष्ठावान और किवदंती थे । उन्होंने न्यायविद के रूप में कमान संभाली लेकिन इन सबसे ऊपर, उन्हें एक बेहतरीन और अद्भुत इंसान के रूप में याद किया जाएगा ।

डॉ. अम्बेडकर की जयंती के अवसर पर

डॉ. अम्बेडकर की जयंती के अवसर पर

नीरज कुमार | डॉ. अम्बेडकर यह मानते थे कि मनुष्यों में केवल राजनीतिक समानता और कानून के समक्ष समानता स्थापित करके समानता के सिद्धांत को पूरी तरह सार्थक नहीं किया जा सकता | जब तक उनमें सामाजिक-आर्थिक समानता स्थापित नहीं की जाती, तब तक उनकी समानता अधूरी रहेगी |

महात्मा ज्योतिबा फुले के जन्मदिवस पर विशेष

महात्मा ज्योतिबा फुले के जन्मदिवस पर विशेष

नीरज कुमार | महात्मा फुले ने ऐसी राजनीति का समर्थन किया जिसका ध्येय पद-दलित जातियों का उत्थान करना हो – जो शूद्रों और आदिशुद्रों को उच्च जातियों की दासता से मुक्त करा सके | अतः उन्होंने हिन्दू धर्म की पुराण-कथाओं खंडन किया जो वर्ण-व्यवस्था के क्रूर और अमानवीय नियमों का समर्थन करती थीं |

शहीद-ए-आजम भगत सिंह के स्मृति में विशेष

शहीद-ए-आजम भगत सिंह के स्मृति में विशेष

नीरज कुमार | भगत सिंह की यह निश्चित मान्यता थी कि “व्यक्तियों को नष्ट किया जा सकता है, पर क्रांतिकारी विचारों को नष्ट नहीं किया जा सकता।

डॉ॰ राममनोहर लोहिया के जन्मदिवस पर विशेष

डॉ॰ राममनोहर लोहिया के जन्मदिवस पर विशेष

नीरज कुमार | डॉ॰ लोहिया का जीवन और चिंतन दोनों एक प्रयोग था । यदि महात्मा गांधी का जीवन सत्य के साथ प्रयोग था तो डॉ॰ लोहिया का जीवन और चिंतन समतामूलक समाज की स्थापना के लिए सामाजिक दर्शन और कार्यक्रमों के साथ एक प्रयोग था ।