बडे बिजनिस घरानों के हित-साधन में लगी हैं भारत की सरकारें
29 सरकारी बैंकों ने वर्ष 2013 से 2015 के दौरान बडे बिजनिस घरानों पर देय 1.14 लाख करोड रुपयों का कर्ज माफ कर दिया है। सोशलिस्ट पार्टी सरकार के इस फैसले का कडा विरोध करती है। पूंजीपतियों के हित-साधन में उठाया गया सरकार का यह कदम नया नहीं है। नवउदारवादी आर्थिक नीतियां लागू होने के बाद से भारत की सरकारें लगातार पूंजीपतियों के कर्ज माफ करती आ रही हैं। फर्क यह है कि इस बार की कर्ज-माफी पिछले 9 वर्षों में सबसे बडी है। यह तथ्य बताता है कि मौजूदा सरकार धुर पूंजीपति-परस्त है।
सोशलिस्ट पार्टी देश की मेहनतकश जनता को यह बताना चाहती है कि सरकार के कर्ज-माफी के इस फैसले का मुख्यधारा की राजनीतिक पार्टियों ने मुखर विरोध नहीं किया है। यह दर्शाता है कि देश की राजनीति में नवउदारवाद का सच्चा प्रतिपक्ष समाप्त हो चुका है।
अभिजीत वैद्य
महासचिव