अखिलेश सरकार में लोकतंत्र एवं मौलिक अधिकारों की हत्या – गिरीश पाण्डेय
लखनऊ 25 अगस्त 2015 दिन मंगलवार: पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार आज प्रदेश भर से आयी महिला आॅगनबाड़ी कर्मी वर्षो से लम्बित अपनी मांगो को पूरा कराने के लिए हजारो की संख्या में बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार निदेशालय पर धरना देने के लिए पहुॅच गयी। लेकिन इन महिलाओ मे उपजे आक्रोश और जिनकी भारी संख्या को देखते हुये उत्तर प्रदेश सरकार ने अघोषित कफ्र्यू लगा दिया। इस अनिश्चितकालीन धरने की लिखित सूचना संघ के अध्यक्ष श्री गिरीश पाण्डेय द्वारा उत्तर प्रदेश शासन और जिला प्रशासन को 27 जुलाई 2015 को ही दे दिया गया था। लेकिन राज्य सरकार ने इनकी मांगो पर विचार करने अथवा संघ के पदाधिकारियों से वार्ता करने के बजाय अपनी संवैदनहीनता को दिखाते हुये इस आन्दोलन को कुचले का ही इन्तेजाम कर लिया। नतीजा यह निकला है कि निदेशालय पर भारी पुलिस बल लगाकर इन निहत्थी महिलाओ को निर्दयता के साथ बलपूर्वक वहाॅ से खदेर दिया गया। लेकिन कृत संकल्पित इन महिलाओ ने राज्य मुख्यालय छोड़ने की जगह लक्ष्मण झूला मैदान मे जाकर अपना डेरा डाल दिया। आॅगनबाड़ी महिलाओ मे व्याप्त असन्तोष, आक्रोश एवं अपनी मांगो को पूरा कराने की प्रतिबद्धता का आलम यह है कि लक्ष्मण झूला मैदान के पास पाॅच आॅगनबाड़ी महिला श्रीमती रेनू देवी, कौशाम्बी एवं श्रीमती सरोज श्रीवास्तव, इलाहाबाद, श्रीमती सरलापाल, प्रतापगढ़, श्रीमती ममता बहादुर, इलाहाबाद, श्री विस्मता, बस्ती ने छलांग लगाकर जल समाधि लेने की कोशिश की। इन्हें वहाॅ उपस्थित संघ के कार्यकर्ताओ ने बचा लिया, फिर भी डूबने के कारण उनकी स्थिति गम्भीर बनी हुई है।
इस आन्दोलन का नेतृत्व कर रहे महिला आॅगनबाड़ी कर्मचारी संघ, उ0प्र0 के अध्यक्ष गिरीश पााण्डेय ने बताया है कि हमारा संघ अपनी उचित मांगो के लिए मौजूदा राज्य सरकार के लगभग साढ़े तीन वर्षो के कार्यकाल मे धरना/प्रदर्शन एवं वार्ताओ के जरिये समस्या का समाधान कराने की कोशिश करता रहा। लगभग आधे दर्जन बार शासन निदेशालय तथा संघ के प्रतिनिधियो के साथ द्विपक्षीय वार्ता हुई अधिकांश मांगो पर सहमति बनी तथा उसकी कार्यवृत्ति भी जारी कर दी गयी लेकिन हमारी किसी भी मांगो को पूरा नहीं किया गया और हमे अनाढ़ी समझकर केवल लालीपाप से सन्तुष्ट करने की कोशिश की गयी। मुख्यमंत्री, विभागीय मंत्री
और विभाग के प्रमुख सचिव ने व्यक्तिगत् रूप से अनेक बार आश्वासन दिया लेकिन निदेशालय मे बड़े पदो पर बैठे कुछ भ्रष्ट अधिकारियो ने रोढ़ा अटकाने का काम करते रहे। निदेशालय के उच्च पदो पर पिछले एक दशक से भी अधिक समय से निर्दयी, निर्लज्ज, निम्न मानसिकता के अधिकारी बैठे हुये है। जिनके सरगना निदेशक श्री आनन्द कुमार सिंह है, को आर्थिक कदाचार के पर्याय बने हुये है। इन्होने अपने कार्यकाल मे मनमाने स्थानान्तरण करके और विभाग के कर्मचारियो को उत्पीडि़त कर उनसे माहवार वसूली करके अकूट सम्पत्ति इकठ्ठी कर ली है। यहाॅ तक की हमारे संघ द्वारा इनके घोटालो और खुली लूट के खिलाफ दायर करने के बाद सम्भावित जाॅच को देखते हुये इन्होने गत् 10 मई 2015 निदेशालय मे इन्होने जानबूझकर आगजनी करा दी। ताकि सारे सबूत नष्ट हो जाये।
अपने संघ के मांगो को जारी करते हुये श्री पाण्डेय ने कहा है कि धरना-आन्दोलन तबतक चलेगा जबतक हमारी मांगो को पूरा करने एवं विभाग के निदेशक श्री आनन्द कुमार सिंह के कार्यकाल के दौरान हुये घोटालो की सी0बी0सी0आई0डी0 से जाॅच कराकर उन्हें दण्डित करने का ठोस आश्वासन नहीं मिल जाता।
( गिरीश कुमार पाण्डेय )
अध्यक्ष