भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के पूर्व महासचिव अर्धेंदु भूषण बर्द्धन का निधन भारत की समाजवादी और धर्मनिरपेक्ष राजनीतिक धारा के लिए एक बडी क्षति है। खास तौर पर नवउदारवादी और सांप्रदायिक ताकतों के गठजोड़ के मौजूदा दौर में उनकी भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण थी। वे देश की प्रगतिशील जमातों के बीच एकता कायम करने के लिए सतत प्रयत्नशील रहते थे। पिछले लोकसभा चुनाव के पूर्व उन्होंने सभी बडी-छोटी समाजवादी, साम्यवादी, सामाजिक न्यायवादी पार्टियों का मोर्चा बनाने की दिशा में काफी प्रयास किया। इस बारे में सोशलिस्‍ट पार्टी की ओर से जस्टिस राजेंद्र सच्चर और भाई वैद्य की उनसे कई बार वार्ता हुई थी। सोशलिस्‍ट पार्टी के महासचिव डॉ प्रेम सिंह ने अपने एक महत्‍वपूर्ण लेख में यह सुझाव रखा था कि सभी समाजवादी, साम्यवादी, सामाजिक न्यायवादी पार्टियों को बर्द्धन साहब का नाम प्रधानमंत्री के लिए आगे करके कांग्रेस-भाजपा के विरुद्ध चुनाव में उतरना चाहिए। अगर बर्द्धन साहब का प्रयास सफल होता तो नवउदारवादी और सांप्रदायिक ताकतों का केंद्र की राजनीतिक सत्ता पर मुकम्मल कब्जा नहीं होता।

आॅल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस (एटक) के महासचिव और अध्यक्ष रहे बर्द्धन जी एक संघर्शषील ट्रेड यूनियन नेता थे। उन्होंने अपना राजनीतिक जीवन आजादी के आंदोलन के दौरान आॅल इंडिया स्टुडेंट फेडरेशन के कार्यकर्ता के रूप में शुरू किया था। वे एक अच्छे विचारक थे और उन्होंने सांप्रदायिकता की समस्या पर महत्वपूर्ण लेखन किया।

बंग्लादेश में जन्मे बर्द्धन जी का 1990 में दिल्ली आने से पूर्व राजनीतिक कार्यक्षेत्र महाराष्‍ट्र प्रांत था जहां से उन्होंने 1957 में महाराष्‍ट्र विधानसभा का चुनाव जीता और 1967 व 1980 में लोकसभा का चुनाव लडा। महाराष्‍ट्र से होने के नाते वरिष्‍ठ समाजवादी नेता और सोशलिस्‍ट पार्टी के अध्‍यक्ष भाई वैद्य का उनसे लंबा राजनीतिक और व्यक्तिगत संबंध था। उनका निधन भाई वैद्य के लिए व्यक्तिगत क्षति भी है।

सोशलिस्ट पार्टी वयोवृद्ध कम्युनिस्ट नेता को श्रद्धांजलि देती है।

अभिजीत वैद्य
महासचिव

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *