भाई वैद्य की स्मृति में सभा

भाई वैद्य की स्मृति में सभा

नीरज कुमार

सोशलिस्ट पार्टी (इंडिया) ने 10 अप्रैल 2018 शाम गाँधी शांति प्रतिष्ठान दिल्ली में भाई वैद्य को श्रद्धांजलि देने के लिए स्मृति सभा का आयोजन किया | भाई वैद्य का 90 वर्ष की आयु में 2 अप्रैल 2018 को पुणे में निधन हो गया था| वरिष्ठ समाजवादी नेता और सोशलिस्ट पार्टी के संस्थापक अध्यक्ष भाई वैद्य की स्मृति सभा में कई वरिष्ठ समाजवादी नेता, राजनीतिक-सामाजिक कार्यकर्ता, ट्रेड यूनियन नेता, साहित्यकार, पत्रकार, रंगकर्मी और बड़ी संख्या में विद्यार्थी मौजूद थे | स्मृति सभा की अध्यक्षता सोशलिस्ट पार्टी की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रेणु गंभीर ने की | सबसे पहले सोशलिस्ट पार्टी के अध्यक्ष डॉ. प्रेम सिंह ने भाई वैद्य को श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए कहा कि भाई वैद्य 1991 के नवउदारवादी हमले के प्रति सजग होकर नए रूप में समाजवादी विचारों और संगठन का नेतृत्व कर रहे थे | उनकी लोकशाही समाजवाद के प्रति प्रतिबद्धता थी और उन्होंने तीन दशक तक मुख्यधारा राजनीति से अलग रहने के बावजूद लोगों के बीच सम्मान और लोकप्रियता हासिल की| पुणे शहर में सुबह से शाम तक उनके अंतिम दर्शन के लिए आम नागरिक समाज का तांता लगा रहा | भाई वैद्य ने आजीवन शिक्षा के निजीकरण के खिलाफ संघर्ष किया | मौजूदा दौर में उनकी राजनीति और उनके विचार सबसे अधिक प्रसांगिक हैं |

हिन्द मजदूर सभा के महासचिव हरभजन सिंह सिद्धू ने कहा कि भाई वैद्य का संघर्ष मेहनतकशों के लिए था | आज सरकार समस्त श्रम कानूनों को उद्योगपतियों के हित में बदल रही है. कर्मचारियों को ठेके पर रखा जा रहा है. हर चीज का निजीकरण किया जा जा रहा हैं | लेकिन देश की मुख्यधारा राजनीतिक पार्टियों की यह चिंता का विषय नहीं बनता है. उनके घोषणापत्रों में मज़दूरों का हित दिखाई नहीं देता. ऐसे समय में यदि हम लोग भाई के आदर्शों को लेकर चल सकें और एकजुट होकर निजीकरण और ठेका प्रथा का मुकम्मल विरोध कर सकें तो यही भाई के लिए सबसे बड़ी श्रधांजलि होगी |

सोशलिस्ट युवजन सभा के अध्यक्ष नीरज कुमार ने कहा कि आज शिक्षा पर पूंजीवादी हमले हो रहे हैं, इसे पूरी तरह ख़त्म करने की कोशिश की जा रही हैं, भाई वैद्य इस लड़ाई को हमेशा लड़ते रहे अब सोशलिस्ट युवजन सभा इस लड़ाई को आगे बढ़ाएगी | भाई  K. G से P. G तक मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा होनी चाहिए इस लड़ाई को भी लड़ते रहे; अब इस लड़ाई को सोशलिस्ट युवजन सभा को लड़ना हैं | भाई कहा करते थे लोहिया जी ने कहा था ‘राष्ट्रपति का बेटा हो या चपरासी की संतान सबको शिक्षा एक सामान’ यह नारा हम अभी तक लगाते रहे हैं और इसकी मांग करते रहे हैं अब इस लड़ाई को भी सोशलिस्ट युवजन सभा के साथियों को ही लड़ना हैं | शिक्षा सभी जाति,धर्म और सभी वर्गो के लोगो को मिलनी चाहिए इसकी भी लड़ाई लड़नी हैं | लगातार कोशिश चल रही हैं कि शिक्षा, समाज, संस्कृति को जाति, धर्म के नाम पर बांट दिया जाए, इससे डट कर मुकाबला करना है | सोशलिस्ट युवजन सभा के साथी उनके सपने को आगे ले जायेगी और उनके संघर्ष के रास्ते पर चलेगी यही भाई वैद्य को सोशलिस्ट युवजन सभा कि तरफ से श्रद्धांजलि होगी |

भाई वैद्य को श्रद्धा-सुमन अर्पित करने में वालों में प्रो. गोपेश्वर सिंह (दिल्ली विश्वविधालय), अरुण श्रीवास्तव (महासचिव,जदयू – शरद), शशि शेखर सिंह, डॉ. अश्वनी कुमार (समाजवादी शिक्षक मंच), सुधांशु रंजन, अनिल जैन, अरुण त्रिपाठी, अरविन्द मोहन (वरिष्ठ पत्रकार), शिवचरण सिंह, सादत अनवर (समाजवादी जनता पार्टी – चंद्रशेखर), हरीश खन्ना (पूर्व विधायक), फैसल खान (खुदाई खिदमतगार), मंजू मोहन (महासचिव, सोशलिस्ट पार्टी), तहसीन अहमद (कार्यकारी अध्यक्ष सोशलिस्ट पार्टी दिल्ली प्रदेश), महेंद्र शर्मा (ट्रेड यूनियन नेता), एसएस नेहरा (वरिष्ठ अधिवक्ता), प्योली (समाजवादी जन परिषद), प्रेमपाल शर्मा (लेखक), डॉ. हिरण्य हिमकर (आहंग नाट्य संस्था), कामरेड नरेन्द्र (न्यू प्रोलितेरिअत) शामिल थे |

मंच संचालन वरिष्ठ समाजवादी नेता श्याम गंभीर ने किया|

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