रिहाई मंच ने गोरखनाथ मंदिर परिक्षेत्र में सुरक्षा के नाम पर पुलिस बल की तैनाती हेतु शासन के निर्णय के क्रम में मंदिर के दक्षिण पूर्वी कोने पर ग्राम पुराना गोरखपुर तप्पा कस्बा परगना हवेली तहसील सदर की मुस्लिम आबादी से सहमति पत्र पर हस्ताक्षर लिए जाने के बाद पीड़ितों से मुलाकात की।
बंगारमऊ, जिला उन्नाव में एक निर्दोष मुस्लिम युवक की पुलिस कर्मियों द्वारा पिटाई से हुई मौत पर सोशलिस्ट पार्टी (इंडिया) की तथ्यात्मक जांच आख्या
21 मई 2021 को उन्नाव जिले की बांगरमऊ तहसील के मोहल्ला भटपुरी निवासी फैसल हुसैन पुत्र इस्लाम हुसैन, उम्र 18 वर्ष की पुलिस द्वारा बर्बरता से पिटाई किए जाने के कारण मौत हो गई थी
Fact-Finding Teams’ Report on the Death of a Person in Police Custody in Bangarmau Unnao, UP
The homicide of Faisal – a vegetable vendor of meagre produce stands apart in its horror.
Oath for Democracy and Transparency taken by Elected Representatives of UP Panchayat
SATYAGRAHA | लोकतंत्र व पारदर्शिता की शपथ
Discussion on Panchayati Raj Day
SATYAGRAHA | Speakers: * Ms Yuvti Chaudhary, candidate for Gram Pradhan, Rampur Madiya, Sitapur
9 और 10 अप्रैल को ब्याज मुक्त क़र्ज़, शिक्षा के अधिकार पर बैठक
9 अप्रैल, शुक्रवार को सोशलिस्ट पार्टी (इंडिया) के चौक स्थित कार्यालय में शाम 5 बजे पार्टी की तरफ से जो ब्याज मुक्त क़र्ज़ दिया गया था उसकी समीक्षा हेतु एक बैठक बुलाई गयी है।
हमारे गांव में हमारा राज – ग्राम स्वराज्य के सपने को करें साकार: सोशलिस्ट पार्टी (इण्डिया) का पंचायत चुनाव का घोषणा पत्र
सोशलिस्ट पार्टी (इण्डिया) के उम्मीदवार भारतीय संविधान की अनुच्छेद 243 छ के तहत पंचायतों के स्वायत्त शासन हेतु कार्य करेंगे जिसमें विशेष रूप से आर्थिक विकास व सामाजिक न्याय हेतु योजना तैयार करने के लिए काम करेंगे।
Kisan Panchayat Held by Socialist Kisan Sabha in Katesar Village, Barabanki District
Photos from kisan panchayat held by Socialist Kisan Sabha in Katesar Village of Barabanki district.
योगी सरकार का चार साल जनविरोधी अध्यादेशों, क्रूर कानूनों, फर्जी मुठभेडों और साम्प्रदायिक-जातीय उत्पीड़नों से भरा: रिहाई मंच
योगी आदित्यनाथ के चार साल के कार्यकाल में नागरिक स्वतंत्रता, अभिव्यक्ति की आज़ादी, संवैधानिक नैतिकता के पतन और लोकतांत्रिक मूल्यों के ह्रास के लिए न केवल देश के भीतर बल्कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर आलोचना की गई।
सेकुलरिज़्म को खतरा कहने वाले योगी संविधान तथा विधि विरोधी
रिहाई मंच ने योगी आदित्यनाथ के बयान को देश पर मनुवादी व्यवस्था थोप कर दलितों और पिछड़ों को दास बनाने का षणयंत्र बताया