नीरज कुमार | डॉ॰ लोहिया का जीवन और चिंतन दोनों एक प्रयोग था । यदि महात्मा गांधी का जीवन सत्य के साथ प्रयोग था तो डॉ॰ लोहिया का जीवन और चिंतन समतामूलक समाज की स्थापना के लिए सामाजिक दर्शन और कार्यक्रमों के साथ एक प्रयोग था ।

नीरज कुमार | डॉ॰ लोहिया का जीवन और चिंतन दोनों एक प्रयोग था । यदि महात्मा गांधी का जीवन सत्य के साथ प्रयोग था तो डॉ॰ लोहिया का जीवन और चिंतन समतामूलक समाज की स्थापना के लिए सामाजिक दर्शन और कार्यक्रमों के साथ एक प्रयोग था ।
प्रेम सिंह | वायरस का सामाजिक संक्रमण होता है तो हालत भयावह होंगे. विशाल आबादी, नितांत नाकाफी स्वास्थ्य सेवाएं, अस्वच्छ वातावरण, व्यापक पैमाने पर फैली बेरोजगारी, जर्जर अर्थव्यवस्था जैसे कारको के चलते बड़े पैमाने पर मौतें हो सकती हैं
नीरज कुमार | जब तक धर्म संप्रदायवादी, अलगाववादी कट्टरपंथियों के हाथों में रहेगा, इसका गलत इस्तेमाल होता रहेगा । इसलिए धर्म को नकारने कि नहीं बल्कि उसे सहिष्णु रूप में रखने की जरूरत है ।
It is good that you met Shri, Narendra Modi, Prime Minister and talked about the problems of our State. After that meeting, as per the news reports, while talking to the press, you said that it is not necessary to worry about CAA because it is about granting citizenship.
बेरोजगारी एक व्यापक व भयावह समस्या बन चुकी है परंतु देश की आजादी के सत्तर वर्ष से ज्यादा बीत जाने के बाद भी सत्ता में रही सरकारों तथा राजनीति दलों ने इसे मुद्दा बनाया पर मौलिक अधिकार बनाने की जरूरत कभी नही समझी गयी
प्रेम सिंह | यह अब छिपी सच्चाई नहीं है कि देश के बौद्धिक नेतृत्व ने नवसाम्राज्यवाद विरोधी राजनीति के स्वरूप और संघर्ष को मुकम्मल और निर्णायक नहीं बनने देने की ठानी हुई है.
प्रेम सिंह | एक महीना से ऊपर हो गया है. पूरे देश में सीएए/एनआरसी/एनपीआर के विरोध में जो आवाज उठी है उसकी धुरी मुसलमान हैं. यह आंदोलन काफी हद तक स्वत:स्फूर्त है. पहले नौजवानों और फिर महिलाओं की भागीदारी ने इस आंदोलन को विशेष बना दिया है.
Dr Prem Singh | The participation of young people and the women has made this movement unique. Shaheen Bagh’s dharna in Delhi, despite many allegations and counter-allegations, has become a symbol of the spontaneous movement which has had an impact on other cities of the country.
प्रेम सिंह | देश की राजनीति में नवउदारवाद की तानाशाही चल रही है. समाजवादी शायद यह नहीं समझ पाए कि इस तानाशाही के तहत राजनीति करने वाली पार्टियों में आंतरिक लोकतंत्र चल ही नहीं सकता.
In 27 years of working as an activist, I’ve experienced unprecedented curbs on the fundamental rights of freedom of expression, to assemble peaceably and to move about anywhere within India over the past 6 months.