डॉ॰ राममनोहर लोहिया के जन्मदिवस पर विशेष

डॉ॰ राममनोहर लोहिया के जन्मदिवस पर विशेष

नीरज कुमार | डॉ॰ लोहिया का जीवन और चिंतन दोनों एक प्रयोग था । यदि महात्मा गांधी का जीवन सत्य के साथ प्रयोग था तो डॉ॰ लोहिया का जीवन और चिंतन समतामूलक समाज की स्थापना के लिए सामाजिक दर्शन और कार्यक्रमों के साथ एक प्रयोग था ।

कोविड-19 : चार सुझाव

कोविड-19 : चार सुझाव

प्रेम सिंह | वायरस का सामाजिक संक्रमण होता है तो हालत भयावह होंगे. विशाल आबादी, नितांत नाकाफी स्वास्थ्य सेवाएं, अस्वच्छ वातावरण, व्यापक पैमाने पर फैली बेरोजगारी, जर्जर अर्थव्यवस्था जैसे कारको के चलते बड़े पैमाने पर मौतें हो सकती हैं

राजनीति और धर्म

राजनीति और धर्म

नीरज कुमार | जब तक धर्म संप्रदायवादी, अलगाववादी कट्टरपंथियों के हाथों में रहेगा, इसका गलत इस्तेमाल होता रहेगा । इसलिए धर्म को नकारने कि नहीं बल्कि उसे सहिष्णु रूप में रखने की जरूरत है ।

सोशलिस्ट पार्टी युवा सभा सम्मेलन प्रस्ताव विषय: रोजगार बने मौलिक अधिकार

सोशलिस्ट पार्टी युवा सभा सम्मेलन प्रस्ताव विषय: रोजगार बने मौलिक अधिकार

बेरोजगारी एक व्यापक व भयावह समस्या बन चुकी है परंतु देश की आजादी के सत्तर वर्ष से ज्यादा बीत जाने के बाद भी सत्ता में रही सरकारों तथा राजनीति दलों ने इसे मुद्दा बनाया पर मौलिक अधिकार बनाने की जरूरत कभी नही समझी गयी

राजनीतिक पराजय के बाद की पुकार!

राजनीतिक पराजय के बाद की पुकार!

प्रेम सिंह | यह अब छिपी सच्चाई नहीं है कि देश के बौद्धिक नेतृत्व ने नवसाम्राज्यवाद विरोधी राजनीति के स्वरूप और संघर्ष को मुकम्मल और निर्णायक नहीं बनने देने की ठानी हुई है.

सीएए/एनआरसी/एनपीआर विरोधी आंदोलन : आशा और संभावनाएं

सीएए/एनआरसी/एनपीआर विरोधी आंदोलन : आशा और संभावनाएं

प्रेम सिंह | एक महीना से ऊपर हो गया है. पूरे देश में सीएए/एनआरसी/एनपीआर के विरोध में जो आवाज उठी है उसकी धुरी मुसलमान हैं. यह आंदोलन काफी हद तक स्वत:स्फूर्त है. पहले नौजवानों और फिर महिलाओं की भागीदारी ने इस आंदोलन को विशेष बना दिया है.

फोर्ड फाउंडेशन के बच्चों का राजनीतिक आख्यान

फोर्ड फाउंडेशन के बच्चों का राजनीतिक आख्यान

प्रेम सिंह | देश की राजनीति में नवउदारवाद की तानाशाही चल रही है. समाजवादी शायद यह नहीं समझ पाए कि इस तानाशाही के तहत राजनीति करने वाली पार्टियों में आंतरिक लोकतंत्र चल ही नहीं सकता.