शहीद-ए-आजम भगत सिंह के स्मृति में विशेष

शहीद-ए-आजम भगत सिंह के स्मृति में विशेष

नीरज कुमार | भगत सिंह की यह निश्चित मान्यता थी कि “व्यक्तियों को नष्ट किया जा सकता है, पर क्रांतिकारी विचारों को नष्ट नहीं किया जा सकता।

डॉ॰ राममनोहर लोहिया के जन्मदिवस पर विशेष

डॉ॰ राममनोहर लोहिया के जन्मदिवस पर विशेष

नीरज कुमार | डॉ॰ लोहिया का जीवन और चिंतन दोनों एक प्रयोग था । यदि महात्मा गांधी का जीवन सत्य के साथ प्रयोग था तो डॉ॰ लोहिया का जीवन और चिंतन समतामूलक समाज की स्थापना के लिए सामाजिक दर्शन और कार्यक्रमों के साथ एक प्रयोग था ।

कोविड-19 : चार सुझाव

कोविड-19 : चार सुझाव

प्रेम सिंह | वायरस का सामाजिक संक्रमण होता है तो हालत भयावह होंगे. विशाल आबादी, नितांत नाकाफी स्वास्थ्य सेवाएं, अस्वच्छ वातावरण, व्यापक पैमाने पर फैली बेरोजगारी, जर्जर अर्थव्यवस्था जैसे कारको के चलते बड़े पैमाने पर मौतें हो सकती हैं

राजनीति और धर्म

राजनीति और धर्म

नीरज कुमार | जब तक धर्म संप्रदायवादी, अलगाववादी कट्टरपंथियों के हाथों में रहेगा, इसका गलत इस्तेमाल होता रहेगा । इसलिए धर्म को नकारने कि नहीं बल्कि उसे सहिष्णु रूप में रखने की जरूरत है ।

सरकार द्वारा पांचवें साधु का बलिदान लेने की तैयारी

सरकार द्वारा पांचवें साधु का बलिदान लेने की तैयारी

नरेंद्र मोदी सरकार ने चाहे नमामि गंगे के नाम पर जितना भी पैसा खर्च कर लिया हो हक़ीक़त तो यही है की गंगा साफ़ नहीं हुई है और दूसरी हक़ीक़त यह है की जब तक गंगा में अवैध खनन बंद नहीं होगा, सभी प्रस्तावित व निर्माणाधीन बांधों पर रोक नहीं लगाई जाएगी व गन्दी नालियों का पानी, बिना साफ़ किये अथवा साफ़ करने के बाद भी, नदी में डालने से रोका नहीं जायेगा तब तक मातृ सदन का संघर्ष जारी रहेगा।

प्रेस को निमंत्रण: सरकार द्वारा पांचवें साधु का बलिदान लेने की तैयारी

प्रेस को निमंत्रण: सरकार द्वारा पांचवें साधु का बलिदान लेने की तैयारी

मातृ सदन के दो संत अभी भी अनशन पर हैं, साध्वी पद्मावती कुछ बोल न पाने की स्थिति में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संसथान, दिल्ली में व स्वामी शिवानंद मातृ सदन हरिद्वार में। किन्तु सरकार उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दे रही है, बल्कि कहा जाये तो सरकार उनके अनशन को नज़रअंदाज़ कर रही है जैसे पहले उसने स्वामी सानंद और स्वामी निगमानंद के अनशन को नज़रअंदाज़ किया।

Prem Singh

Prem Singh

Former President, SP(I) Dr. Prem Singh, a prolific writer, critic and journalist, has been active in the socialist movement from his student days. He worked as joint editor of Hindi monthly Naya Sangharsh, a renewed edition of Sangharsh, founded by Acharya Narendra Deva, father of Indian socialism. He has edited a book on life, works […]