Dr Sandeep Pandey, Surabhi Agarwal, Shobha Shukla, Bobby Ramakant | All the people who have had to pay earlier for their return to their homes either on government or private transportation should be given refunds. Likewise, all those who had to pay for COVID-19 testing in private laboratories should be given refunds.
The Condominium Solution
Abhay Jain and Sandeep Pandey | It is time to revisit a largely abandoned theory of boundary dispute resolution: The Condominium. A condominium in international law exists when two or more states exercise joint sovereignty over a territory. More specifically, a condominium exists when “two or more states together exercise joint sovereignty on the same territory, and such sovereignties mutually limit their activities, at least in principle, on the grounds of legal equality.”
नागालैण्ड में भरत गांधी की सुरक्षा खतरे में
उन्हें जेल में रख कर नागालैण्ड सरकार ने उनके संवैधानिक व लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन किया है। जब उनके दल के सहयोगी शिवाकांत गोरखपुरी व नवीन कुमार उनकी रिहाई के लिए दीमापुर पहुँचे तो जिस होटल में वे ठहरे थे वहां से 19 मई को शाम 4 बजे उनका अपहरण कर उन्हें दीमापुर से बाहर एक अतिवादी संगठन के कैम्प में लाया गया।
Bharat Gandhi’s Security Under Threat in Nagaland
By putting him in jail the Nagaland government has violated his Constitutional and democratic rights. His party colleagues, Shivakant Gorakhpuri and Naveen Kumar, who went to secure his release were kidnapped from a Dimapur hotel on 19 May and taken to a camp of an insurgent group where a demand to pay Rs. 1 crore was made to them.
आजमगढ़ में दलित प्रवासी मजदूर की नींबू के पेड़ पर लटकती लाश पर रिहाई मंच ने उठाए सवाल, परिवार ने कहा आत्महत्या नहीं हत्या दर्ज हो मुकदमा
रवीना पति की आत्महत्या की पूरी कहानी को न सिर्फ नकारती हैं बल्कि कहती हैं कि उनकी हत्या हुई है। कोई आदमी आत्महत्या करेगा क्या उसके पैर में चप्पल रहेगा वह सवाल करती हैं। वे बताती हैं कि उनके पति राजेसुल्तानपुर अपने मौसी के घर गए हुए थे और 5 जून की शाम 6 बजे के करीब घर से लौटकर आए। लेकिन उन्होंने चाय तक नहीं पी और कहा कि प्रधान जी बुला रहे हैं मैं मिलकर आता हूं।
On Gandhi’s Reflections During His Last Days: Some Socio-Economic and Political Aspects
Anil Nauriya | In this note I take up a few themes which, though often mentioned in public discourse, are prone to be discussed without reference to Gandhi’s evolved thinking or which are sometimes torn out of their context.
आजमगढ़, निजामाबाद के गौसपुर घुरी में बारिश से उजड़े आशियाने में चूल्हा जलाने की रिहाई मंच की कोशिश
रिहाई मंच ने निजामाबाद के गौसपुर घुरी गांव में बारिश से मकान ढहने की सूचना पर पीड़ितों से मुलाकात कर उनको राहत सामग्री और सहायता उपलब्ध कराई। प्रतिनिधिमंडल में रिहाई मंच महासचिव राजीव यादव, बाकेलाल, अवधेश यादव, विनोद यादव और धीरेन्द्र यादव मौजूद थे।
Update on Covid-19 Relief Efforts by Socialist Party (India)
With the leftover money from the donations received for covid relief efforts, a plan is to be devised to provide an impetus to certain marginalised communities. Three such communities were identified in Lucknow: (i) Stonecutters (ii) Dholak Makers (iii) Chikan hand work artisans. These would be given interest free credit for pursuing their businesses.
A Question of Knowledge and Practice
Vidushi Prajapati, Ekta Tomar and Sandeep Pandey | The case of wrongful removal of Safai Karamcharis is a perfect example of the dual character of bourgeoisie spaces such as the law university where under the garb of being the upholder of egalitarian principles, it has time and again committed labour laws and human rights violations.
ज्ञान और अमल का प्रश्न
विदुषी, एकता तोमर, संदीप पांडेय | शैक्षिक समुदाय का क्या दायित्व बनता है, विशेष रूप से एक विधि विश्वविद्यालय में, जब विश्वविद्यालय की स्थापना के वर्ष, 2008 से कार्यरत सफाई कर्मचारियों को ठेका परिवर्तन के चलते निष्ठुरता से हटा दिया जाता है। विश्वविद्यालय अपने इस अमानवीय कार्य को सही ठहराने के लिए यह तर्क देता है कि चूँकि ये श्रमिक किसी ठेकेदार के आधीन काम कर रहे थे, इसलिए विश्वविद्यालय इनके प्रति जवाबदेह नहीं है। वह मजदूरों द्वारा लगायी गयी खून-पसीने की मेहनत को एक क्षण में भूल जाता है, मानों उनसे एकदम अनजान हो।