देश का बुद्धिजीवी मौन हैं

देश का बुद्धिजीवी मौन हैं

देश की राजधानी दिल्ली में कल से जाफराबाद में लगातार हिंसा की खबरे आ रही हैं | दिल्ली सरकार यह कहकर लगातार बच रही हैं की हम क्या कर सकते हैं पुलिस तो केंद्र सरकार के हाथ में हैं | क्या बुद्धिजीवी केजरिवाल से कुछ सवाल करेंगे |

शिक्षा व्यवस्था पर हो रहे हैं प्रहार : नीरज कुमार

शिक्षा व्यवस्था पर हो रहे हैं प्रहार : नीरज कुमार

भागलपुर सम्मेलन : दिन पर दिन बढ़ते जा रहा है दिल्ली यूनिवर्सिटी के शिक्षकों का प्रदर्शन, लेकिन अभी तक इस पर सरकार और प्रशासन की तरह से कोई भी ठोस कदम नहीं उठाया गया है। अब देखना यह होगा कि यह प्रदर्शन कब और किस मुकाम पर जा के रूकेगा।

राजनीतिक पराजय के बाद की पुकार!

राजनीतिक पराजय के बाद की पुकार!

प्रेम सिंह | यह अब छिपी सच्चाई नहीं है कि देश के बौद्धिक नेतृत्व ने नवसाम्राज्यवाद विरोधी राजनीति के स्वरूप और संघर्ष को मुकम्मल और निर्णायक नहीं बनने देने की ठानी हुई है.

सीएए/एनआरसी/एनपीआर विरोधी आंदोलन : आशा और संभावनाएं

सीएए/एनआरसी/एनपीआर विरोधी आंदोलन : आशा और संभावनाएं

प्रेम सिंह | एक महीना से ऊपर हो गया है. पूरे देश में सीएए/एनआरसी/एनपीआर के विरोध में जो आवाज उठी है उसकी धुरी मुसलमान हैं. यह आंदोलन काफी हद तक स्वत:स्फूर्त है. पहले नौजवानों और फिर महिलाओं की भागीदारी ने इस आंदोलन को विशेष बना दिया है.