लखनऊ 25 जुलाई 2015 दिन शनिवार, विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, उ0प्र0 द्वारा गाॅधी सभागार मे आयोजित महासम्मेलन का उद्घाटन सूबे के पूर्व विद्युतमंत्री और राष्ट्रीय महासचिव, समाजवादी पार्टी द्वारा किया गया। सम्मेलन मे मुख्य अतिथि और मुख्यमंत्री, उत्तर प्रदेश सरकार के प्रतिनिधि शतरूद्ध प्रकाश, अध्यक्ष, श्रम संविदा सलाहकार बोर्ड(दर्जा प्राप्त मंत्री) के अलावा, श्री अतुल कुमार अन्जान, राष्ट्रीय सचिव, भारतीय कम्यूनिष्ठ पार्टी और प्रमुख वक्ता भी मौजूद थे। संघर्ष समिति की तरफ से मुख्यमंत्री, उत्तर प्रदेश को सम्बोधित मांग पत्र एवं सम्मेलन द्वारा सर्वसम्मत से पारित दो प्रस्तावों को राज्य विद्युत परिषद जूनियर इंजीनियर संगठन के महासचिव, ई0 जयप्रकाश द्वारा समर्थन करते हुये, संघर्ष समिति के साथ कदम से कदम मिलाकर चलने की धोषणा की। संघर्ष समिति के मुख्य घटन संगठनों के मुख्य नेताओं सर्वश्री गिरीश कुमार पाण्डेय, सदरूद्दीन राना, आर0एस0राय, विपिन प्रकाश वर्मा, डी0सी0शर्मा, सुरेश शर्मा, राम सहारे वर्मा, भगवान मिश्र, पूसेलाल आदि ने उत्तर प्रदेश सरकार से भेदभाव छोड़कर परिवहन निगम की भांति बिजली विभाग के संविदा मजदूरों को विभाग द्वारा सीधे भुगतान किये जाने और हर कर्मचारियों को ई0पी0एफ0 कटौती की पर्ची दिये जाने की मांग की गयी। विभाग में खाली 65 हजार पदों पर संविदा कर्मचारियांे को समायोजित किये जाने की मांग पूरजोर तरीके से रखते हुये सम्मेलन मे उपस्थित लगभग पाॅच हजार कर्मचारियो बीच संविदा कर्मचारियों को न्याय मिलने और वेतन तथा समयवद्ध वेतनमान मे अभियन्ता के समरूप नियमित कर्मचारियो को बराबर का हक न दिये जाने तक आन्दोलन जारी रखने के लिए नेताओ द्वारा संकल्प व्यक्त किया गया।
सम्मेलन द्वारा पारित प्रस्तावों मे कहा गया है कि वर्तमान लोकसभा सत्र में विद्युत अधिनियम 2014 मे पूर्ण निजीकरण के मकसद से पेश किये जाने वाले संशोधन के दिन ही विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, उ0प्र0 द्वारा तत्काल हड़ताल/कार्य बहिष्कार का आवाहन पूरे प्रदेश के संविदा एवं नियमित बिजली कर्मचारियो से किया जायेगा, जिसमें जूनियर इंजीनियर भी शामिल होंगे।
सम्मेलन को सम्बोधित करते हुये प्रमुखवक्ता श्री अतुल कुमार अन्जान ने केन्द व प्रदेश सरकार की नीतियो की आलोचना करते हुये केन्द्र सरकार द्वारा लाये जा रहे श्रमिक विरोधी संशोधनो को वापस लिये जाने और जायज हक के लिए निरन्तर सजग रहते हुये एकजुकता बनाये रखने की अपील की। श्री अन्जान ने कहा कि एक मुख्यमंत्री के निर्देश के बावजूद अभी तक मुकदमे और निलम्बन नहीं वापस किया गया तो यह अधिकारियो द्वारा सरकार के मुखिया द्वारा दिये गये वचन को तोड़ने की हिमाकत समझा जाना चाहिए। उन्होने कहा कि उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन का घाटा बढ़कर 60 हजार करोड़ वर्तमान प्रबन्धन की नाकामी फजूल खर्ची और भ्रष्टाचार के कारण हुआ है। उन्होने किसानो की तीन हजार रूपये का न्यूनतम पेंशन और औद्योगिक मजदूर को न्यूनतम 15 हजार रूपये का वेतन भुगतान दिलाने के लिए 02 सितम्बर 2015 की राष्ट्रीय व्यापी हड़ताल में शामिल होने की अपील की। उन्होने मुख्यमंत्री, उत्तर प्रदेश द्वारा गत् 22 जून को एनेक्सी भवन, लखनऊ में समिति के प्रतिनिधि मण्डल के साथ किये गये वादे के अनुसार त्रिपक्षीय वार्ता तत्काल आयोजित करके मांगो का समाधान कराने की अपील की।
मुख्यमंत्री, उत्तर प्रदेश के प्रतिनिधि के रूप में सम्मेलन मे आये उत्तर प्रदेश श्रम संविदा सलाहकार बोर्ड के चैयरमेन शतरूद्ध प्रकाश ने संविदा कर्मियो को समान कार्य के लिए समान वेतन दिये जाने सम्बन्धी ठेका श्रमिक नियमन एवं उन्मूलन अधिनियम 1970 के अधीन वेतन दिये जाने की पूरजोर वकालत की। उन्होने विभाग द्वारा ठेकेदार के साथ किये जाने वाले अनुबन्ध मे संविदा कर्मियो को भी शामिल किये जाने सम्बन्धी कानून को विद्युत विभाग मे लागू किये जाने मंशा व्यक्त करते हुये बिजली विभाग के संविदा कर्मियो को न्याय दिलाने में अपना पूरा सहयोग दिये जाने का संकल्प दौहराया।
सम्मेलन मुख्य अतिथि समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव व पूर्व विद्युतमंत्री, उत्तर प्रदेश श्री रेवती रमन सिंह जी ने सम्बोधित करते हुये कहा कि प्रत्येक कर्मचारी को सेवाकाल मे कम से कम तीन पदोन्नतियाॅ सुनिश्चित की जानी चाहिये। उन्होने कहा कि बिजली के लाइन हानियो के लिए इंजीनियर जिम्मेदार है। उन्होने पूछा कि बढ़ते हुये घाटे के लिए कौन जिम्मेदार है? उन्होने कहा कि बिना अफसरों के शामिल हुये कोई चोरी नहीं हो सकती। उन्होने आश्वासन दिया कि शीघ्र ही मुख्यमंत्री के साथ अपनी पहल पर वार्ता आयोजित करायेंगे और उसमें मजदूर नेताओ, प्रबन्धन व सरकार के प्रतिनिधि मुख्यमंत्री जी की मौजूदगी मे बैठक करके मांगो का समाधान करायेंगे।
( गिरीश कुमार पाण्डेय )
संयोजक