अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति की म प्र प्रदेश इकाई की ऑनलाइन कॉन्फ्रेंस सम्पन्न

9 अगस्त  किसान मुक्ति दिवस के तौर पर  कॉर्पोरेट कृषि छोड़ोके नारे के साथ मनाने का संकल्प

प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपा जाएगा

आज अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति द्वारा गूगल मीट पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति की मध्य प्रदेश इकाई के संगठनों द्वारा  9 अगस्त 1942 के भारत छोड़ो आंदोलन की स्मृति में किसान मुक्ति दिवस आयोजित किये जाने को लेकर चर्चा की गई। ग्वालियर से बोलते हुए किसान संघर्ष समिति के कार्यकारी अध्यक्ष एवं पूर्व विधायक डॉ सुनीलम ने कहा  कि मध्य प्रदेश के सभी 53 जिलों में  9 अगस्त को केंद्र सरकार से  सभी किसानों की कर्जा मुक्ति, किसानों की सभी फसलों का पूरा दाम दिये जाने,किसान विरोधी अध्यादेशों को वापस लिए जाने, किसानों को डीजल आधे दाम पर उपलब्ध कराने , बिजली का निजीकरण करने वाले बिजली बिल विधेयक 2020 को वापस लिए जाने, इस साल लॉकडाउन के कारण किसानों को हुए नुकसान की भरपाई करने, मनरेगा के तहत काम की गारंटी को बढ़ाकर 200 दिन किये जाने,कोरोना काल में हर व्यक्ति को पूरा राशन दिये जाने को लेकर किसान मुक्ति दिवस आयोजित किया जाएगा ।उन्होंने सभी किसान संगठनों ,नागरिक संगठनों ,जनसगठनो और संस्थाओं  से अपील की है कि वे 9 अगस्त को किसानों मज़दूरों की मांगों को लेकर  प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपे, गांव गांव में बैठकों ,सभाओं का आयोजन करें।

भोपाल से अखिल भारतीय किसान सभा के राष्ट्रीय सहसचिव बादल सरोज ने कहा कि  जो संगठन अभी तक समन्वय समिति से नही जुड़े हैं उन्हें भी 9 अगस्त की कार्यवाही में शामिल  किया जाएगा ।उन्होंने कहा कि लॉकडाउन या जहां रविवार का कर्फ्यू प्रभावी है उन जिलों  में विकेन्द्रीकृत  कार्यवाहियां की जाएंगी।अखिल भारतीय किसान सभा के प्रदेश अध्य्क्ष राजकुमार कुरेरिया ने बताया कि रीवा ,सतना में जेपी सीमेन्ट कारखाना में काम करने वाले 30-40% कर्मचारियों की छटनी कर दी गई है । 9 अगस्त को किसानों और  कर्मचारियों को साथ लेकर आंदोलन किए जाने की बात कही।मुरैना से  अखिल भारतीय किसान सभा  के प्रदेश उपाध्यक्ष अशोक तिवारी ने कहा कि  चंबल क्षेत्र में भिंड मुरैना व श्योपुर कलां जिलों में चंबल के बीहड़ों में प्रस्तावित चंबल प्रोग्रेस वे के नाम पर किसानों को उजाड़ कर कॉरपोरेट्स को जमीन देने का पुरजोर विरोध किया जा रहा है।

चंबल के बीहड़ की जमीन काबिज भूमिहीन गरीब किसानों को ही दी जाए। कॉरपोरेट्स को नहीं दी जाए । इसके अलावा प्रदेश में दलितों , आदिवासीयों, महिलाओं, अल्पसंख्यकों पर हो रहे जुल्म अत्याचार का विरोध करते हैं ।  प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री  द्वारा मुफ्त खाद्यान्न देने की घोषणा की गई है। उस पर कहीं कोई अमल  नहीं हो रहा है ।खासतौर से दलितों ,खेत मजदूरों, प्रवासी श्रमिकों सहित अन्य सभी को मुफ्त खाद्यान्न आगामी 6 माह तक उपलब्ध कराने आदि मांगों को लेकर जिले के 100 गांव में कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा।  भोपाल से अखिल भारतीय किसान सभा के महासचिव प्रहलाद बैरागी ने कहा कि सरकार द्वारा चने की खरीद का अभी तक भुगतान नहीं किया गया है।गुना की घटना एवं महिदपुर की घटना का विरोध करते हुए हम प्रदेश भर में दलित उत्पीड़न की घटनाओं को रोकने की मांग करते हैं । इसके लिए प्रशासनिक स्तर पर कलेक्टर व एसपी को जिम्मेदार बनाया जाए । राजनैतिक संरक्षण दाताओं के विरुद्ध भी कार्यवाही सुनिश्चित की जाए ।साथ ही पीड़ित परिवारों को सुरक्षा व मुआवजा दिया जाए। मनरेगा में मजदूर की जगह मशीन से काम कर भारी भ्रष्टाचार किया जा रहा है। किसानों की उपजाऊ जमीन का अधिग्रहण कर उसे बेदखल किया जाना चिंता का विषय है। अधिग्रहण से प्रभावित किसानों का संपूर्ण पुनर्वास नहीं किया जा रहा है।

सीधी से रोको टोको ठोको संगठन   के प्रमुख उमेश तिवारी ने कहा कि उनका संगठन अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति के 9 सूत्रीय मांगों  का समर्थन करता  है।  उन्होंने कहा कि इन 9 सूत्रीय मांगों के साथ विस्थापन, अधिग्रहण एवं पर्यावरण संबंधित मुद्दों को भी जोड़ा जाए। सरकारों ने लॉकडाउन के समय गरीबों को विस्थापित किया है। रीवा से शहीद राघवेंद्र किसान संघर्ष समिति के अध्य्क्ष   इंद्रजीत सिंह ने कहा कि आवारा एवं जंगली पशुओं से फसलों को हुए नुकसान का मुआवजा दिया जाना चाहिए। मूंग की समर्थन मूल्य पर खरीद की जाना चाहिए।

सागर से भारतीय किसान श्रमिक संघ के प्रमुख  संदीप ठाकुर ने कोरोना पर सरकार की दोहरी नीति पर सवाल उठाते हुए कहा कि कोरोना संक्रमण से बचने के लिए किसान अपनी मांगो को लेकर दस किसानों के साथ प्रदर्शन नहीं कर सकते लेकिन उपचुनाव के प्रचार में सैकड़ों लोगों की मिटिंग  भा ज पा के मंत्रियों और नेताओं द्वारा की जा रही हैं।राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन मध्य प्रदेश के प्रदेश अध्यक्ष राहुल राज ने कहा है कि सरकार के इन अध्यादेशों से मंडी बोर्ड (मंडी व्यवस्था) खत्म हो जाएगी. केंद्र सरकार के इन तीनों अध्यादेशों में बहुत से लूपहोल्स हैं जिससे किसानों को नुकसान होगा, जबकि कॉरपोरेट जगत और बिचौलिये फायदे में रहेंगे.उन्होंने कहा कि इसके जरिये कॉन्ट्रैक्ट फॉर्मिंग को आगे बढ़ाया जाएगा. कंपनियां खेती करेंगी और किसान मजदूर बनकर रह जाएगा. उसके सुरक्षा की कोई गारंटी नहीं होगी. हाल में सरकार ने कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग की गाइडलाइन जारी की है. इसमें कॉन्ट्रैक्ट की भाषा से लेकर कीमत तय करने का फॉर्मूला तक दिया गया है. लेकिन कहीं भी फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य का कोई जिक्र नहीं है, जिस पर किसान नेता सवाल उठा रहे हैं. राहुल राज ने एसेंशियल कमोडिटी एक्ट 1955 में बदलाव करने से कालाबाजारी बढ़ने की आशंका जताई. उन्होंने कहा कि एसेंशियल एक्ट 1955 को कृषि उपज को जमा करने की अधिकतम सीमा तय करने और कालाबाजारी को रोकने के लिए बनाया गया था. लेकिन नई व्यवस्था में स्टॉक लिमिट को हटा लिया गया है. इससे जमाखोरी और कालाबाजारी बढ़ेगीछिंदवाड़ा से किसान संघर्ष समिति की प्रदेश उपाध्यक्ष एड. आराधना भार्गव ने कहा कि  अदानी पावर हाउस हेतु अधिग्रहित   जमीन भूमिहीनों को वापस दिए जाने को लेकर अडानी वापस जाओ नारे के साथ एआईकेएससीसी के आंदोलनका समर्थन करेंगे।

आज लोगों के पास रोजगार के साधन नही है । कोरोना काल में किसानी ही एकमात्र जीविकोपार्जन का साधन बचा था। मंडियों में किसानों की लूट जारी है ,किसान  औने-पौने दामों में अपनी उपज बेचने को मजबूर हैं।उन्होंने कहा कि सरकार ने जो किसान-मजदूर विरोधी अध्यादेश  लाए है उन्हे वे लोगों तक पंहुचाने का काम करेंगी।मंदसौर से किसानसंघर्ष समिति के जिलाध्यक्ष दिलीप  पाटीदार ने कहा कि 2018-19 में अतिवृष्टि से हुए फसल नुकसानी पर फसल बीमा नही दिया गया है। मंडियों में  समर्थन मूल्य से कम भाव पर खरीदी की जा रही है। व्यापारी तो और भी कम भाव से खरीदी कर रहे है ,उन्होंने  मंडीयो में लगातार बढ़ती भीड़ को लेकर चिंता व्यक्त की।

विदिशा से किसंस के जिलाध्यक्ष राजेश तामेश्वरी ने कहा कि  किसानों को समय पर पर्याप्त यूरिया नहीं मिला है । 9 अगस्त के आंदोलन को सफल बनाने के लिए सरकार की किसान विरोधी नीतियों को लोगों तक पंहुचाऐंगे।

सिवनी से किसान संघर्ष समिति के प्रदेश सचिव डॉ राजकुमार सनोडिया ने कहा कि सिवनी जिले में पेंच व्यापवर्तन परियोजना  में नहर निर्माण मेंअनेक विसंगतियां हैं ।जैसे भूमि अधिग्रहण के बाद किसानों को भूमि का सही मूल्य समय पर ना मिलना ,निर्माण कार्य के दौरान किसानों के खेतों में मलबा बोल्डर पत्थर फेंक कर छोड़ जाना ।अनेक किसानों ने अपने स्वयं की राशी से मटेरियल साफ करवाये जिसके कारण आर्थिक तंगी से परेशान होना पड़ा , प्रति वर्ष मुख्य नहर का फूट जाना ।बीते वर्ष भंडारपुर में मुख्य नहर फूटने के कारण दर्जनों किसानो की मक्का फसल प्रभावित हुई  लेकिन  क्षतिपूर्ति राशि नही दी गई ,2020 में ओलावृष्टि से नष्ट हुई गेहूं की फसल का मुआवजा अभी तक नहीं मिला। उन्होंने कहा कि 9 अगस्त को  9 सूत्रीय मांगों के साथ उक्त सभी मांगो को लेकर ज्ञापन भी सौपा जाएगा।

इंदौर से किसस के संभागीय संयोजक राम स्वरूप मंत्री ने कहा कि इंदौर में सभी समाजवादी एवम वामपंथी संगठनों के साथ मिलकर अंग्रेजो भारत छोड़ो की तर्ज़ पर कॉर्पोरेट खेती छोड़ो के नारे के साथ कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा।मुलतापी से महामंत्री भागवत परिहार ने कहा कि बैतूल जिले के 50 गांव में 9 अगस्त का कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा।उन्होंने कहा कि महाराष्ट की तर्ज़ पर दुग्ध उत्पादक किसानों को 5 रुपये लीटर की सब्सिडी की मांग को लेकर प्रदेशव्यापी आंदोलन को चलाने की जरूरत है।बैठक का संचालन समन्वय समिति के सचिव राहुल राज ने किया।उन्होंने बताया कि तकनीकी कारणों से नर्मदा बचाओ आंदोलन जैसे सशक्त संगठन नहीं जुड़ सकें लेकिन नर्मदा घाटी में कार्यक्रम की जोर शोर से  तैयारी की सूचना उन्हें प्राप्त हुई है।
 

रामस्वरूप मंत्री 

उपाध्यक्ष एवं प्रभारी मालवा निमाड किसान संघर्ष समिति मध्य प्रदेश

Ph: 9425902303, 7999952909

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