बाराबंकी के ग्रामीण खुले पशुओं को योगी आदित्यनाथ के यहां बांधने के लिए ले कर निकले


जब से योगी आदित्यनाथ की सरकार उत्तर प्रदेश में आई है किसानों के लिए एक नई समस्या खड़ी हो गई है। जो पशु लोगों के काम के नहीं उनकी खरीद-बिक्री का काम पूरी तरह से ठप हो गया है। कोई भी अपनी गाय को कहीं ले जाने को तैयार नहीं क्योंकि गौ-रक्षकों द्वारा हमले का खतरा है। भाजपा सरकार में गौरक्षक गाय पालने का काम नहीं करते बल्कि गाय के नाम पर मार-पीट करते हैं और उसी में गर्व महसूस करते हैं।

देश में कई घटनाएं हुई जिनमें गायों के साथ जाने वाले लोगों को पीट-पीट कर मार डाला गया। अब ये खुले घूम रहे पशु या तो सड़कों पर दुर्घटना से मर रहे हैं अथवा खाने के अभाव में मर रहे हैं। योगी आदित्यनाथ की सरकार गौशाला की योजना के विज्ञापन को लगवा रही है और योगी की गाय को गुड़ खिलाते फोटो भी छपती है किंतु हकीकत यह है कि गौशालाओं में गायों को रखने व खिलाने की कोई व्यवस्था नहीं है। इसलिए गौशाला में गाय रुक ही नहीं रहीं। एक समय बिहार में लालू प्रसाद यादव चारा घोटाले में जेल गए अब तो उत्तर प्रदेश में ऊपर से लेकर नीचे तक सारा शासन-प्रशासन चारा घोटाले में शामिल है।

उत्तर प्रदेश का किसान इन खुले पशुओं से परेशान है जो उसका पूरा का पूरा खेत ही चर जाते हैं। लोग रात-रात भर अपने खेतों की रखवाली करते हैं। खेतों को ऐसे कंटीले तारों से घेरा जा रहा है जो पशु और मनुष्य दोनों के लिए खतरनाक हैं।

हमारा मानना है कि चूंकि किसान इन पशुओं की देखभाल कर पाने में अक्षम है यह राज्य की जिम्मेदारी है कि वह इन पशुओं का प्रबंध करे। सरकार यदि गौशालाएं चलाने का दावा कर रही है तो उनकी ठीक से व्यवस्था करे ताकि जानवर उनमें रुकें। गौशाला की योजना में भ्रष्टाचार पर रोक लगाए।

13 अगस्त को असेनी ग्राम सभा, जिला बाराबंकी के ग्रामीण खुले पशुओं को इकट्ठा कर योगी आदित्यनाथ के यहां, मुख्यमंत्री आवास ले जाने के लिए निकले, क्योंकि मुख्यमंत्री तो इनकी देख भाल कर सकते हैं।

अमित मौर्य, 9793125579, संत राम यादव, 8009547002, राजीव यादव, 8210437705, अनिल मिश्र, 8707449208, संदीप पाण्डेय, 0522 2355978

सोशलिस्ट किसान सभा

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