दिनांकः 27 जुलाई, 2021
उत्तर प्रदेश जनसंख्या (नियंत्रण, स्थिरीकरण व कल्याण) बिल 2021, राजनीति से प्ररित है व इसका उद्देश्य अगले विधान सभा चुनाव के मद्देनजर मतों का ध्रुवीकरण है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, जो भारतीय जनता पार्टी की प्रेरणा स्रोत है, एक अफवाह फैलाती है कि भारत में मुसलमानों की जनसंख्या इतनी तेजी से बढ़ रही है कि एक दिन उनकी संख्या हिन्दुओं से ज्यादा हो जाएगी। इसलिए इस बिल के माध्यम से भाजपा अपने मतदाताओं को यह संदेश देने की कोशिश कर रही है कि उसने मुसलमानों की जनसंख्या नियंत्रित करने के लिए यह बिल पेश किया है। हकीकत है कि परिवार में बच्चों की संख्या का किसी धर्म से ताल्लुक नहीं होता बल्कि गरीबी से होता है। अंतराष्ट्रीय स्तर पर यह समझ बनी है कि विकास ही सबसे अच्छा गर्भनिरोधक है।
बंग्लादेश, जो कि एक मुस्लिम बहुसंख्यक देश है, में 2011 में महिलाओं की साक्षरता दर 78 प्रतिशत थी जो भारत में 74 प्रतिशत थी। कामकाजी महिलाओं का प्रतिशत बंग्लादेश में 57 प्रतिशत था जबकि भारत में वह 29 प्रतिशत था। सिर्फ शिक्षा व रोजगार के अवसर उपलब्ध कराकर बंग्लादेश ने प्रति परिवार बच्चों की संख्या 2.2 हासिल कर ली थी जबकि 2.1 पर जनसंख्या का स्थिरीकरण हो जाता है। भारत में तब प्रति परिवार बच्चों की संख्या 2.6 थी। इससे यह साबित होता है कि प्रति परिवार बच्चों की संख्या का ताल्लुक महिलाओं के सशक्तिकरण है। जब महिला पढ़ लिख जाएगी और घर से बाहर निकलेगी तो वह अपने बच्चों की संख्या का निर्णय खुद लेगी। हमारा मानना है कि किसी भी महिला का अपने शरीर पर पूरा अधिकार है और यह निर्णय उसका अपना होना चाहिए कि वह कितने बच्चे पैदा करेगी अथवा पैदा करेगी भी या नहीं।
उत्तर प्रदेश सरकार प्रति परिवार बच्चों की संख्या दो तक सीमित कर महिलाओं के लिए समस्या खड़ी करने वाली है। केन्द्रीय राज्य स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डाॅ. भारती पवार का कहना है कि केन्द्र सरकार उत्तर प्रदेश की तरह कोई दो बच्चों वाली नीति नहीं लाने वाली व पहले से चली आ रही स्वैच्छिक परिवार नियोजन नीति ही कायम रखेगी। उनका कहना है अंतर्राष्ट्रीय अनुभव में बच्चों की संख्या सीमित करने वाली नीतियों के दुष्परिणाम ही निकले हैं जैसे गर्भ की लिंग जांच कराना व लड़की होने पर गर्भपात कराना व कन्या भ्रूण हत्या जिससे लिंग अनुपात और विकृत हुआ है।राजनीतिक ध्रुवीकरण के उद्देश्य से बनाया गया उ.प्र. जनसंख्या बिल हमें मंजूर नहीं और हमारी मांग है कि प्रदेश सरकार इस बिल को वापस ले। इसकी कोई आवश्यकता ही नहीं जब प्रति परिवार बच्चों की संख्या खुद ब खुद 2.1 की तरफ पहुंच रही है।
रानी, 8354980631, नीलम, 6394524498, जीनत, 9455104627, उजमा, 8707009228, जनक दुलारी मौर्य, 9935079381, लक्ष्मी वाल्मीकि, 9473502422सोशलिस्ट महिला सभा