सोशलिस्ट पार्टी (इण्डिया) विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति द्वारा 9 फरवरी, 2015 को उत्तर प्रदेश पाॅवर काॅरपोरेशन लिमिटेड के मुख्यालय शक्ति भवन के सामने शांतिपूर्ण ढंग से दिए जा रहे धरना-प्रदर्शन पर पुलिस द्वारा लाठी चार्ज की भत्र्सना करती है। इसके जवाब में कर्मचारियों द्वारा जो हिंसा की गई, जिसमें पुलिस की एक जीप व दो मोटरसाइकिलों फूंकी गईं, उसके लिए हम खेद भी प्रकट करते हैं। सोशलिस्ट पार्टी किसी भी प्रकार की हिंसा को चाहे वह राज्य द्वारा की गई अथवा हमसे जुड़े लोगों द्वारा, हम उसे गलत मानते हैं। नौ टेªड यूनियनों की संघर्ष समिति की प्रमुख मांग करीब 48,000 संविदा कर्मियों के नियमितिकरण की है। इसके अलावा विद्युत क्षेत्र में निजीकरण की प्रक्रिया पर पूरी तरह से रोक व सेवा निवृत प्रबंध निदेशक ए.पी. मिश्र की पुनः दो वर्ष की नियुक्ति को वापस लेने की मांग भी संघर्ष समिति कर रही है।
हम मांग करते हैं कि गिरीश कुमार पाण्डेय व 154 लोगों को तत्काल रिहा कर उनके खिलाफ दर्ज मुकदमे वापस लिए जाएं व उन्हें वार्ता के लिए बुलाया जाए। उपर्यक्त लोगों के खिलाफ पुलिस ने धारा 114, 117, 147, 149, 332, 333, 336, 341, 427, 435, 436 भा.द.सं., 3/4 सार्वजनिक सम्पत्ति अधिनियम व 7 क्रिमिनल लाॅ एमेण्डमेण्ट एक्ट के तहत मुकदमे 83, 84 व 85/15 दर्ज किए हैं।
सरकारी सेवाओं में निचले स्तर पर अब लगभग सभी विभागों में संविदा या दैनिक मजदूरी पर लोगों से काम कराया जा रहा है जबकि इन कामों में मेहनत व खतरा ज्यादा है। उदाहरण के लिए बिजली के खम्बे पर चढ़ कर किसी त्रुटि को ठीक करने का काम दैनिक मजदूरी वाला कर्मचारी करता है। इस रूप में लम्बे समय तक काम करवाने के बावजूद इन श्रेणी के कर्मचारियों को नियमित कर्मचारियों को मिलने वाली सुविधाओं से वंचित रखा जाता है। आखिर हम कैसे उम्मीद कर सकते हैं कि नियमित कर्मचारियों को मिलने वाली सुविधाओं के अत्यंत छोटे अंश में भी दैनिक मजदूर या संविदाकर्मी संतुष्ट रहेंगे? 9 फरवरी को संविदाकर्मियों का गुस्सा ही था जो फूट पड़ा।
ठेकेदारी प्रथा निजीकरण की दिशा में ले जाने वाला कदम है। बिजली उत्पादन, पारेषण और वितरण भी निजी कम्पनियों को दिया जा रहा है जिसका विरोध अभियंता संघ भी जोरदार ढंग से कर रहा है।
ए.पी. मिश्र के पुनः प्रबंध निदेशक बनाए जाने से बिजली विभाग के अधिकारी-कर्मचारी परेशान है। आज तक विद्युत कर्मचारियों के कितने ही शांतिपूर्ण धरना-प्रदर्शन के कार्यक्रम सम्पन्न हो चुके हैं किंतु कोई हिंसा नहीं हुई। बातचीत कर मुद्दों का हल करने की एक परम्परा रही है। किंतु ए.पी. मिश्र के इशारे पर जिला प्रशासन ने बिजली कर्मचारियों पर कहर ढाया और उनके खिलाफ मुकदमे दर्ज कर उन्हें जेल भेजा।
हमारी मांग है कि कर्मचारी नेताओं को बुला कर उनसे वार्ता कर मुद्दों के हल निकाले जाएं।
उमा शंकर मिश्र, सोशलिस्ट पार्टी व हिन्द मजदूर सभा, 9839129612
विजय नारायण, सोशलिस्ट पार्टी व हिन्द मजदूर सभा, 9838380370
संदीप पाण्डेय, सोशलिस्ट पार्टी, 0522 2347365
लोहिया मजदूर भवन, तुफैल अहमद मार्ग, नरही, लखनऊ, फोनः 0522 2286423