लखनऊ 09 मई 2015 दिन शनिवार,
उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन लिमिटेड में व्याप्त भ्रष्टाचार के विरूद्ध विद्युत कर्मचारी मोर्चा संगठन द्वारा चलाये जा रहे जन-जागरण अभियान का अखबारो मे छपी खबर पर महामंत्री, विद्युत मजदूर पंचायत, उ0प्र0 एवं विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के संयोजक श्री गिरीश पाण्डेय ने अपनी प्रक्रिया व्यक्त करते हुये कहा है कि विद्युत कर्मचारी मोर्चा संगठन ने भी देर-सवेर से यह स्वीकार कर लिया है कि विगत् तीन वर्षो में पावर कारपोरेशन मे भ्रष्टाचार चरम् सीमा पर पहुॅच चुका है, जिसके लिए मोर्चा संगठन को कई चरणो में अभियान चलाकर आन्दोलन करना पड़ रहा है।
श्री पाण्डेय ने माननीय मुख्यमंत्री जी से पुनः मांग करते हुये कहा है कि पावर कारपोरेशन में बिजली बिल घोटाले की सी0बी0आई0 से जाॅच करायी जाये तो पावर कारपोरेशन के प्रबन्ध मे बैठे भ्रष्टाचार में लिप्त अभियन्ताओ का पर्दाफाश हो जायेगा। उन्होने अभियन्ताओ और ठेकेदारो की मिलीभगत् से ठेके के संविदा कर्मचारियो का लगभग एक हजार करोड़ रूपये के घोटाले के गबन का भी दोष सिद्ध हो जायेगा। श्री पाण्डेन ने प्रबन्धन पर आरोप लगाया है कि 10 फरवरी 2015 को जब बिजली कर्मचारी शक्ति भवन पर इकठ्ठा होकर अपनी मांगो सहित ई0पी0एफ0 घोटाले की जाॅच की मांग कर रहे थे, तो प्रबन्धन ने निहत्थे कर्मचारियो पर पुलिस से मिलकर लाठीचार्ज कराकर डेढ़ सौ कर्मचारियो को संगीन धाराओ में गिरफ्तार कराकर उन्हें जेलो में बन्द करा दिया। श्री पाण्डेय ने कहा कि यदि बिजली बिल घोटाले की जाॅच सी0बी0आई0 से नहीं करायी गयी तो न तो इतने बड़े घोटाले का पूरा पर्दाफाश हो सकेगा और न ही घोटाले के जिम्मेदार व लिप्त अभियन्ताओ के खिलाफ कोई कार्यवाही हो पायेगी।
श्री पाण्डेय ने कहा कि यदि बिजली बिल घोटाले पर पूर्ण प्रतिबन्ध लगा दिया जाय तो पावर कारपोरेशन घाटे के बजाय मुनाफे मे काम करने लगेगा और विद्युत दरो में लगभग 20 से 25 प्रतिशत् की कमी की जा सकेगी क्योंकि पावर कारपोरेशन प्रबन्धन द्वारा जो औसत लाइन हानियाॅ 40 प्रतिशत दिखायी जा रही है वह वास्तव में बिजली की चोरी न होकर अधिकांश भाग राजस्व की चोरी है। उन्होने माननीय मुख्यमंत्री से पत्र लिखकर मांग की है कि पूर्वाचंल सहित सभी निगमों/मण्डलो में समय पूरा कर चुके अभियन्ताओ को प्रबन्ध निदेशको के कार्यालयो से सम्बद्ध कर दिया जाये और विभिन्न खण्डो एवं मण्डलो में नये अभियन्ताओ की तैनाती कर बिजली बिल घोटाले सहित अन्य घोटालो का उच्च प्रबन्धन द्वारा जो बढ़ावा दिया जा रहा है उसपर अंकुश लग सकेगा।
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