उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा आम आदमी पार्टी के लखनऊ कार्यालय में बाहर से ताला लगाने की घटना सरकार की असुरक्षा का द्योतक है और सोशलिस्ट पार्टी (इण्डिया) सरकार के इस कृत्य की निंदा करती है। इधर आम आदमी पार्टी के राज्य सभा सांसद संजय सिंह द्वारा सरकार पर की गई टिप्पणियों से सरकार बौखलाई दिखाई पड़ती है। संजय सिंह ने 5 अगस्त को अयोध्या में राम जन्म भूमि मंदिर के शिलान्यास कार्यक्रम में राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद को न शामिल किए जाने को भारतीय जनता पार्टी का दलित विरोधी चरित्र बताया। इससे प्रदेश के दलितों व अन्य पिछड़ा वर्ग के लोगों की सहानुभूति आम आदमी पार्टी के साथ होती दिखाई पड़ रही है। सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी जिसका नरेन्द्र मोदी के पिछले कार्यकाल में भाजपा के साथ गठबंधन था के नेता ओम प्रकाश राजभर ने आम आदमी पार्टी के साथ भविष्य में गठबंधन के संकेत दे दिए। संजय सिंह ने प्रदेश की कानून व व्यवस्था पर टिप्पणी करते हुए कहा कि पुलिस और अपराधी दोनों अराजक हो गए हैं। पुलिस का अपराधियों व सरकार का पुलिस पर नियंत्रण खत्म हो गया है।
पिछले दिनों की घटनाओं पर प्रकाश डालें तो कानपुर में 22 जून को संजीत यादव का अपहरण फिर उसके परिवार वालों के अनुसार पुलिस के सामने ही अपहरणकर्ताओं को रुपए 30 लाख दिए जाने लेकिन फिरौती की रकम मिलने से पहले ही संजीत की हत्या कर उसकी लाश पांडू नदी में फेंक दिए जाने, कानपुर के बिकरू गांव में विकास दूबे द्वारा 3 जुलाई को आठ पुलिस वालों की हत्या फिर पुलिस द्वारा 11 जुलाई को विकास दूबे व कुल मिला कर उसके छह साथियों को मुठभेड़ में मार डालना, 10 अगस्त को अमरीका में पढ़ रही सुदीक्षा भाटी जो तालाबंदी के कारण अपने घर बुलंदशहर आई हुई थी की ग्रेटर नोएडा में परिवार जनों के मुताबिक छेड़छाड़ के दौरान मोटरसाइकिल से गिरकर मौत हो जाना, 11 अगस्त को बागपत के भूतपूर्व भाजपा जिलाध्यक्ष संजय खोखर की सुबह टहलने के समय गोली मार कर हत्या, 12 अगस्त को अलीगढ़ में विधायक राजकुमार सहयोगी द्वारा अपने समर्थकों के साथ गोण्डा पुलिस थाने में घुस कर थानाध्यक्ष को थप्पड़ मारना जिससे पुलिस के साथ हाथापाई हुई फिर सांसद सतीश गौतम के दबाव से थानाध्यक्ष को निलंबित करा देना व पुलिस अधीक्षक ग्रामीण का तबादला करवा देना, 13 अगस्त को शामली जिले के उमरपुर गांव के 12 वर्षीय कार्तिक की हत्या कर शव नग्नावस्था में खेत में पड़ा मिलना, 14 अगस्त को लखीमपुर खीरी के पकरिया गांव की 13 वर्षीय लड़की के साथ बलात्कार व हत्या कर लाश खेत में डाल देना, 14 अगस्त को ही आजमगढ़ के बांसगंाव के दलित ग्राम प्रधान पप्पू राम की सर्वणों द्वारा गोली मार कर हत्या कर देना और फिर पुलिस की जीप से कुचल जाने की वजह से एक 8 वर्षीय बच्चे की मौत जैसी घटनाओं से साफ है कि प्रदेश में कानून व व्यवस्था की स्थिति बेकाबू है।
उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था की स्थिति बिगड़ने का बड़ा कारण यह भी रहा कि सरकार अपराधियों से निपटने के बजाए अपने राजनीतिक विरोधियों के खिलाफ फर्जी कार्यवाहियां करने में लगी रही। नागरिकता संशोधन अधिनियम व राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर के खिलाफ आंदोलन में शामिल लोगों के खिलाफ मुकदमे दर्ज कर उन्हें जेल भेजना, सोशलिस्ट पार्टी (इण्डिया) के प्रदेश अध्यक्ष एडवोकेट मोहम्मद शोएब, आॅल इण्डिया पीपुल्स फं्रट के राष्ट्रीय प्रवक्ता एस.आर. दारापुरी, कांग्रेस कार्यकर्ती सदफ जफर व अन्य के खिलाफ बिना उनका अपराध साबित हुए उन्हें वसूली का मांग पत्र भेजना, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू को प्रवासी मजदूरों को लाने के लिए उनकी पार्टी की तरफ से बसें उपलब्ध कराने की पेशकश में कुछ वाहनों के पंजीकरण संख्या गलत निकलने पर उन्हें जेल भेजना, कांग्रेस अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के अध्यक्ष शाहनवाज आलम को नागरिकता संशोधन अधिनियम के खिलाफ आंदोलन में शामिल होने के लिए जेल भेजना, वायर के संपादक सिद्धार्थ वरदराजन को योगी सरकार द्वारा तालाबंदी लागू होने के तुरंत बाद अयोध्या में राम नवमी के अवसर पर मेले को अनुमति देने पर विचार करने पर प्रश्न खड़ा करने के लिए उन्हें पुलिस द्वारा अयोध्या से दिल्ली जाकर नोटिस दिया जाना और अब संजय सिंह के खिलाफ फर्जी मुकदमे व आम आदमी पार्टी के कार्यालय पर ताला डालना दिखाता है कि उत्तर प्रदेश सरकार की प्राथमिकताएं क्या हैं।
हम प्रदेश सरकार द्वारा अपने राजनीतिक विरोधियों के खिलाफ बदले की भावना से कार्यवाही कर सभी किस्म की असहमति की अवाजों को दबाने की निंदा करते हैं और मुख्य मंत्री योगी आदित्यनाथ को सलाह देते हैं कि अयोध्या में राम मंदिर बनाने के रामराज नहीं आने वाला, उनकी अपराधियों को ठोक दो नीति पूरी तरह से असफल साबित होने के कारण इस बात पर विचार करना होगा कि समझदारी पूर्वक कैसे प्रदेश में व्याप्त अराजकता को खत्म करें।
संदीप पाण्डेय, उपाध्यक्ष, सोशलिस्ट पार्टी (इण्डिया) | फोनः 0522 2355978