हिंदुत्ववादी सरकार में हिन्दू संतों का अपमान

Photo Credit: from the Matri Sadan Facebook Page

पिछले करीब दो दशकों में अब तक मातृ सदन, हरिद्वार, गंगा में अवैध खनन, बड़े बांधों के खिलाफ, आदि मुद्दों पर ६२ अनशन आयोजित कर चुका है।मातृ सदन के तीन संत पहले ही गंगा  के मुद्दे पर क़ुरबानी दे चुके हैं जिसमें  स्वामी निगमानंद सरस्वती की ११५ दिनों के पश्चात मौत हुयी, स्वामी गोकुलानंद की खनन माफिया ने हत्या करवा दी और प्रख्यात प्रोफेसर गुरु दास अग्रवाल जो स्वामी ज्ञान स्वरुप सानंद के नाम से भी जाने जाते थे की २०१८ में ११२ दिनों के अनशन के बाद मौत हो गयी। 

प्रोफेसर अग्रवाल की मौत के बाद ब्रह्मचारी आत्मबोधानंद अनशन पर बैठे किन्तु वाराणसी में पिछले लोक सभा चुनाव के दो हफ्ते पहले राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन के महानिदेशक ने १९४ दिनों के बाद उनका अनशन खत्म ताकि नरेंद्र मोदी के चुनाव से पहले साल भर में दूसरे साधु की मौत से बवाल न खड़ा हो जाये। 

ब्रह्मचारी आत्मबोधानंद का अनशन ख़त्म कराने से पहले किये गए वायदे पूरा न होने पर मातृ सदन की योर से १५ दिसंबर २०१९ से साध्वी पद्मावती, जो आश्रम के इतिहास में पहली महिला संत थीं जिन्होंने तपस्या का संकल्प लिया, का अनशन शुरू हुआ। ३० जनवरी २०२० को साध्वी को पुलिस आश्रम से उठा ले गयी और दून अस्पताल में भर्ती करा दिया। साध्वी के ऊपर आरोप लगाया गया कि वे दो माह से गर्भवती हैं। साध्वी के जांच के लिए जोर देने के बाद जब जांच हुयी तो यह बात झूठी पायी गयी। शासन-प्रशासन कि योर से यह आश्रम को बदनाम करने कि कोशिश थी ताकि किसी तरह मातृ सदन को ख़त्म किया जा सके। किन्तु शासन-प्रशासन को इस बात का अंदाजा नहीं था कि मातृ सदन के  प्रमुख स्वामी शिवानंद सरस्वती कोई आशा राम बापू, राम रहीम अथवा नित्यानंद नहीं हैं। स्वामी शिवानंद सत्य और ब्रह्मचर्य के प्रति पूरी तरह समर्पित हैं और इन्हें ही अपना हथियार मानते हैं। उन्हों बड़ी बहादुरी के साथ सरकार, खनन माफिया, न्यायालय, मीडिया, आदि सभी का सामना किया है और कहीं भी कोई समझौता करने को तैयार नहीं हैं। उन्हें भय, प्रलोभन, आदि तमाम प्रकार से प्रभावित करने की कोशिश की गयी है। 

जब तक अगले दिन साध्वी पद्मावती को मातृ सदन लाया गया तब तक ब्रह्मचारी आत्मबोधानंद ने भी अनशन शुरू कर दिया था। इस तरह एक साथ दो अनशन चलने लगे। १६ फ़रवरी को साध्वी ने जल त्याग का निर्णय लिया। सरकार द्वारा उनके चरित्र हनन के प्रयास से वे बहुत आहत हुयी थीं। उनकी तबियत खराब होने लगी तो आश्रम ने ही निर्णय लेकर उन्हें अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, दिल्ली ले जाने का फैसला लिया। किन्तु निजी एम्बुलेंस में जब उन्हें ले जाया जा रहा था तो उसे रोक कर सरकारी एम्बुलेंस में डाल कर ऋषिकेश ले जाने की कोशिश की गयी। ब्रह्मचारी आत्मबोधानंद ने अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, ऋषिकेश के निदेशक को मेल द्वारा सन्देश भेज पूछा कि क्या स्वामी सानंद की तरह साध्वी को भी मारने की तैयारी है। ऐसा सन्देश भेजने के बाद एम्बुलेंस का रुख ऋषिकेश से दिल्ली की तरफ हुआ। तब से साध्वी अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, दिल्ली के सघन देखरेख इकाई में रखा गया है। 

सरकारी एम्बुलेंस में स्थानांतरित करने के बाद साध्वी को फिर आघात लगा और उन्होंने अपनी ऑंखें मूँद लीं। उन्होंने स्वामी शिवानंद से कहा की उन्हें सरकारी दरिंदों के हाथ मरने के लिए न छोड़ा जाये। तब से उनकी आवाज़ लगभग बंद हो गयी। दिल्ली में उन्हें नाक में नली डाल कर तरल पदार्थ शरीर में पहुँचाया जा रहा है। 

१९ फरवरी से स्वामी शिवानंद को २० वर्षों से सरकार से मिली सुरक्षा हटा ली गयी। यह सुरक्षा स्वामी जी को खनन माफिया से खतरे को देखते हुए मिली थी। तब ब्रह्मचारी आत्मबोधानंद ने जल त्याग की घोषणा की। २२ फरवरी को ब्रह्मचारी आत्मबोधानंद को भी हरिद्वार से सरकार द्वारा उठा कर अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संसथान, दिल्ली में भर्ती करा दिया गया है। 

इस तरह मातृ सदन के दो संत अब अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संसथान, दिल्ली में भर्ती हैं। किन्तु सरकार उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दे रही है, बल्कि कहा जाये तो सरकार उनके अनशन को नज़रअंदाज़ कर रही है जैसे पहले उसने स्वामी सानंद के अनशन को नज़रअंदाज़ किया। 
यह कितनी अजीब बात है कि एक हिंदुत्ववादी सरकार के शासन काल में गंगा के संरक्षण के मुद्दे पर साधु अपनी जान की बाजी लगाए हुए हैं और सरकार ही नहीं समाज भी इतना संवेदनशील नहीं कि उनके साथ सहानुभूति भी दिखा सके। 

हमारी मांग है की सरकार संतों से बात करे व उनकी मांगों पर विचार कर उन्हें स्वीकार करे ताकि संतों की जान बचाई जा सके। गंगा में अवैध खनन बंद होना चाहिए, सभी प्रस्तावित व निर्माणाधीन बांधों पर तुरंत रोक लगाई जाये व गन्दी नालियों का पानी, बिना साफ़ किये अथवा साफ़ करने के बाद भी, नदी में न डाला जाये। 

मेधा पाटकर, 9174181216, स्वामी अग्निवेश, 9810976705, फैसल खान, 9999746196, संदीप पांडेय, 0522 2355978

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