7 अक्‍तूबर 2016

प्रेस रिलीज

सरकार सेना और शहीदों का राजनीतिक इस्‍तेमाल बंद करे

यह अत्‍यंत दुर्भाग्‍यपूर्ण है कि उरी हमले के बाद 29 सितंबर को भारतीय सेना द्वारा की गई सर्जिकल स्‍ट्राइक को लेकर मौजूदा सरकार सुनियोजित ढंग से युद्धोन्‍माद पैदा करने की कोशिशें कर रही है। सोशलिस्‍ट पार्टी सरकार के इस कृत्‍य की कडी निंदा करती है। होना तो यह चाहिए था कि सरकार गरिमा और जिम्‍मेदारी का निर्वाह करते हुए मीडिया और उन्‍मादी तत्‍वों को युद्धोन्‍माद फैलाने से बाज आने को कहती। लेकिन वह खुद मीडिया और उन्‍मादी तत्‍वों के साथ मिल कर युद्धोन्‍माद पैदा करने में लगी है। वोट की राजनीति के लिए किसी सरकार द्वारा सेना और शहीदों के इस्‍तेमाल की यह पहली नजीर है।

सोशलिस्‍ट पार्टी का मानना है कि सरकार अपनी नाकामियों से जनता का ध्‍यान हटाने और उत्‍तर प्रदेश सहित चार राज्‍यों में होने वाले चुनावों में जीत दर्ज करने की नीयत से यह कर रही है। इसके अलावा एक सच्‍चाई यह भी है कि आजादी के आंदोलन में उपनिवेशवादी अंग्रेजों का साथ देने वाले आरएसएस/भाजपा अब सेना और शहीदों की कीमत पर अपने को देशभक्‍त दिखाना चाहते हैं। वरना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारतीय सेना के बारे में आपत्तिजनक टिप्‍पणियां करते रहे हैं। उनके पिछले दो सालों के कार्यकाल में यह स्‍पष्‍ट हो चुका है कि वे मूलत: बडे बिजनेस घरानों और उन्‍मादी तत्‍वों के ‘प्रधान सेवक’ हैं।

इस पूरे प्रकरण में सरकार और मीडिया ने मिल कर अंतर्राष्‍ट्रीय स्‍तर पर भारत की स्थिति को पाकिस्‍तान के मुकाबले कमजोर बना दिया है। सेना की सर्जिकल स्‍ट्राइक पर सवाल उठाने वाले कुछ विपक्षी नेताओं और सिविल सोसायटी एक्टिविस्‍टों के गैर-जिम्‍मेदाराना बर्ताव ने भी भारत की स्थिति को कमजोर बनाने और युद्धोन्‍माद भडकाने में भूमिका निभाई है। ऐसे हालात बना दिए दिए गए हैं कि इस पूरे प्रकरण पर राजनीति से हट कर वाजिब सवाल पूछना भी ‘देशद्रोह’ करार दिया जा रहा है। यह स्थिति लोकतंत्र के लिए खतरनाक है।

सेना के काम करने का अपना तरीका होता है। सोशलिस्‍ट पार्टी का मानना है कि सेना को उसका काम करने दिया जाए। सरकार, नेता तथा सिविल सोसायटी एक्टिविस्‍ट अपना काम करें। उनका काम स्‍वतंत्र व स्‍वावलंबी आर्थिक नीतियों के आधार पर गरीबी, बीमारी, कुपोषण, अशिक्षा, बेरोजगारी जैसी जड जमा कर बैठी समस्‍याओं को मिटाना है। युद्ध में एक तरफ अनेक सैनिक हताहत होंगे, दूसरी तरफ देश की अर्थव्‍यवस्‍था को गहरा नुकसान होगा।

सोशलिस्‍ट पार्टी देश के जागरूक नागरिकों का आहवान करती है कि वे सरकार समेत समस्‍त उन्‍मादी तत्वों के युद्धोन्‍मादी प्रचार को अपने विवेक से निष्‍प्रभावी बनाएं।

डॉ. प्रेम सिंह

प्रवक्‍ता व महासचिव


Dr. Prem Singh
Dept. of Hindi
University of Delhi
Delhi – 110007 (INDIA)
Mob. : +918826275067

Former Fellow
Indian Institute of Advanced Study, Shimla
India

Former Visiting Professor
Center of Eastern Languages and Cultures
Dept. of Indology
Sofia University
Sofia
Bulgaria

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