10 अगस्त 2018
प्रेस रिलीज

सोशलिस्ट पार्टी का ‘शिक्षा और रोजगार दो वर्ना गद्दी छोड़ दो’ अभियान पूरे देश में जारी रहेगा

भारत छोड़ो आंदोलन की 76वीं सालगिरह 9 अगस्त के मौके पर सोशलिस्ट पार्टी ने ‘शिक्षा और रोजगार दो वरना गद्दी छोड़ दो’ रैली निकाली। ये रैली मंडी हाउस से संसद मार्ग तक निकाली गई। इस रैली में विभिन्न राज्यों से आये सोशलिस्ट पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने बड़ी संख्या में हिस्सा लिया। रैली में सोशलिस्ट युवजन सभा (एसवाईएस) के युवा सदस्य, सहमना संगठनों के नेता, एक्टिविस्ट, कलाकार और बुद्धिजीवी शामिल हुए। रैली में दिल्ली विश्वविद्यालय, जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय, जामिया विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं और शहर के युवाओं ने बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया। रैली का नेतृत्व सोशलिस्ट पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ प्रेम सिंह ने किया। वरिष्ठ समाजवादी नेता पन्नालाल सुराणा ने मंडी हाऊस से रैली को झंडी दिखाकर रवाना किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि मौजूदा नरेन्द्र मोदी सरकार संवैधानिक निर्देशों और दायित्व को त्याग कर शिक्षा को पूंजीपतियों के मुनाफे का जरिया बना रही है। प्रधानमंत्री रोजगार के बारे में अपने चुनावी वादे को निभाने में नाकामयाब रहे हैं। नवउदारवादी नीतिया जब तक रहेंगी, सभी बच्चों और युवाओं को शिक्षा और रोजगार नहीं मिल सकता। उन्होंने आह्वान किया कि शिक्षा और रोजगार देने में पूरी तरह विफल रही इस सरकार को देश के युवाओं को उखाड़ फेंकना चाहिए ।
मंडी हाउस पर जमा हुए युवाओं को रैली का मकसद समझते हुए डॉ. प्रेम सिंह ने कहा कि सभो समान, गुणवत्तायुक्त और मुफ्त शिक्षा देना सरकारों का संवैधानिक दायित्व है। सरकार की पूंजीपति परस्त नीतियों के चलते केवल मुट्ठी भर अमीर घरों के बच्चे और युवक-युवतियां अच्छी और मन-मुताबिक शिक्षा पा सकते हैं। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि रोजगार के मामले में प्रधानमंत्री युवाओं का मज़ाक उड़ा रहे हैं। वे जनता की मेहनत की कमाई का अरबों रुपया अपने चुनाव पर खर्च कर चुके हैं। अरबों रुपया अपने विज्ञापन और विदेश यात्राओं पर खर्च कर रहे हैं। धन्नासेठों का दिया लाखों रूपये का सूट पहनते हैं। देश की दौलत अपने चहेते उद्योगपतियों पर लुटा रहे हैं। लेकिन शिक्षित बेरोजगार युवाओं से पकोड़े बेचने और स्मार्ट इंडिया के तहत चलने वाले निर्माण कार्यों में मज़दूरी करने को कहते हैं। प्रधानमंत्री ने प्राइवेट कंपनियों अधिकारियों को भारतीय सिविल सेवा के पदों पर बिठाने का फैसला कर लिया है। आगे वे राज्य सेवाओं में भी वे ऐसा कर सकते हैं। सोचना युवाओं को है कि इस सरकार को चलने देना है या उखाड़ फेंकना है? रैली में मौजूद युवाओं ने कहा कि शिक्षा उर रोजगार नहीं देने वाली सरकार को उखड फेंकेंगे।
मंडी हाउस से संसद मार्ग तक रैली में ‘शिक्षा और रोजगार दो वरना गद्दी छोड़ दो’ नारे के साथ अगस्त क्रांति के शहीदों की याद में लगाये गए नारे गूंजते रहे। संसद मार्ग पर रैली जनसभा में बदल गई।

जनसभा को पार्टी की महासचिव मंजू मोहन और राजशेखरन नायर, उपाध्यक्ष रामबाबू अग्रवाल, पूर्व उपाध्यक्ष संदीप पांडे, प्रवक्ता डॉ. अभिजीत वैद्य, कोषाध्यक्ष जयंती पांचाल, सचिव फैजल खान, राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य श्याम गंभीर, डॉ. अश्विनी कुमार, राष्ट्रीय कार्यकारिणी के विशेष आमंत्रित सदस्य सुरेंद्र कुमार, सोशलिस्ट युवजन सभा (एसवाईएस) के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीरज, महासचिव बंदना पांडे, सोशलिस्ट पार्टी के तमिलनाडु राज्य के अध्यक्ष इलम सिंघम, गुजरात के अध्यक्ष कौशर अली, तेलंगाना की महासचिव डॉ. लुबना सर्वथ, केरल के अध्यक्ष ईके श्रीनिवासन, मध्य प्रदेश के अध्यक्ष रामस्वरूप मंत्री, पंजाब के अध्यक्ष हरेंद्र सिंह मानसाइया, दिल्ली के अध्यक्ष तहसीन अहमद. महासचिव योगेश पासवान, सचिव शाहबाज़ मलिक सहित कई पार्टी नेताओं ने संबोधित किया। सीपीआईएमएल (न्यू प्रोलितेरियन) के अध्यक्ष डॉ. शिवमंगल सिद्धांतकार, वरिष्ठ पत्रकार अरुण त्रिपाठी, डूटा के पूर्व उपाध्यक्ष और पूर्व विधायक डॉ. हरीश खन्ना, दिल्ली विश्वविद्यालय अकादमिक परिषद् के सदस्य डॉ. शशि शेखर सिंह, वरिष्ठ समाजवादी डॉ. भगवान सिंह, खुदाई खिदमतगार के सदस्य कृपाल सिंह मंडलोई ने जनसभा को संबोधित किया। इस मौके पर ज़बिउल्लाह और भारती वर्मा ने कविता-पाठ किया।
जनसभा के अंत में डॉ. प्रेम सिंह ने घोषणा की कि सोशलिस्ट पार्टी की सभी राज्य इकाइयाँ ‘शिक्षा और रोजगार दो वरना गद्दी छोड़ दो’ अभियान जारी रखेंगी।
कार्यक्रम का संचालन डॉ. हिरण्य हिमकर ने किया और राजेश कुमार मिश्रा ने रैली में हिस्सा लेने वाले सभी साथियों का धन्यवाद ज्ञापन किया।

मंजू मोहन
महासचिव,
सोशलिस्ट
पार्टी(इंडिया)

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