प्रेस विज्ञप्ति
दिनांकः 5 जून, 2018
पेप्सी-कोका कोला भूगर्भ जल के लिए खतरा
आज 5 जून, 2018, विश्व पर्यावरण दिवस पर इको-सोशलिज़्म मंच द्वारा सण्डीला, हरदोई में पेप्सी के कारखाने के बाहर दिन में 10 बजे से 12 बजे व सफेदाबाद, बाराबंकी में कोका कोला कारखाने के बाहर दिन में 2 से 4 बजे तक का प्रदर्शन का कार्यक्रम आयोजित किया गया है।
ऽ पेप्सी व कोका कोला के देश भर में कोई 90 कारखाने हैं जो प्रत्येक स्थान से 5 से 15 लाख लीटर पानी जमीन के नीचे से रोज निकाल रहे हैं। इन दो अमरीकी कम्पनियों का शीतल पेय के 95 प्रतिशत बाजार पर कब्जा है जिनकी वजह से हमारा भूगर्भ जल स्तर नीचे जा रहा है। वाराणसी का अराजीलाइन विकास खण्ड जहां मेहदीगंज गांव में कोका कोला का कारखाना है ’अति दोहित’ श्रेणी में पहुच गया है।
ऽ एक लीटर शीतल पेय बनाने के लिए 2.5 से 3 लीटर पानी लगता है। पानी की बरबादी।
ऽ इन दो कम्पनियों के 1,200 बोतलबंद पानी के कारखाने हैं। ये 50 प्रतिशत बाजार पर काबिज हैं। पानी हमारा, मुनाफा अमरीकी कम्पनियों का।
ऽ शीतल पेय कारखानों के कचरे में कैडमियम, क्रोमियम व लेड जैसे खतरनाक तत्व होते हैं। कैडमियम, क्रोमियम कंैसर पैदा करते हैं व लेड बच्चों के बौद्धिक विकास में बाधक होता है।
ऽ सेण्टर फाॅर साइंस एण्ड एनविराॅनमेण्ट ने पता लगाया कि भारत में बिकने वाले शीतल पेय में चार प्रकार के कीटनाशक हैं – लिण्डेन, डी.डी.टी., क्लोरोपायरीफाॅस व मैलाथियाॅन ।
ऽ ये कम्पनियां राजस्थान उच्च न्यायालय के आदेश कि बोतल पर शीतल पेय में कीटनाशक व रसायनों की मात्रा लिखनी होगी की अवमानना करती हैं।
ऽ कोका कोला इस शर्त के साथ आई थी कि 49 प्रतिशत निवेश का हिस्सा जनता का होगा, की अवहेलना कर रही है। इसी वजह से कोका कोला को 1977 में एक बार देश से बाहर किया जा चुका है।
ऽ भारत पेप्सी के 5 बड़े बाजारों में से एक है। यह कम्पनी इन वायदों के साथ आई थी कि 50,000 लोगों को रोजगार देगी, 74 प्रतिशत निवेश खाद्य व कृषि प्रसंस्करण उद्योग में करेगी, 50 प्रतिशत उत्पादन निर्यात करेगी व कृषि अनुसंधान केन्द्र खोलेगी जिनको इसने पूरा नहीं किया।
यदि हमें अपना पानी बचाना है तो पानी के निजीकरण व बाजारीकरण पर रोक लगानी होगी और इन दो बड़ी अमरीकी कम्पनियों को भारत के बाहर करना होगा।
गुरुमूर्ति मातृबूथम, बेंगलूरू, 9845294184, संदीप पाण्डेय, लखनऊ, 0522 4242830, अशोक भारती, हरदोई, 9936176382, सर्फराज अहमद, लखनऊ, 8546004264
इको-सोशलिज़्म मंच