प्रेस नोट : ‘भारतीय रेल बचाओ’ धरना

Socialist Party (India)

Delhi Office

11 Rajpur Road, Delhi – 110054

Phone/Fax : 110-23972745

Central Office

41/557 Lohia Mazdur Bhawan, Dr. Tufail Ahmad Marg, Narahi, Lucknow – 226001

Phone: 0522-2286423

Email: socialistpartyindia@gmail.com Web : www.spi.org.in

Blog: socialistpartyindia.blogspot.com

29 सितम्बर 2017

प्रेस नोट/निमंत्रण

भारतीय रेल बचाओधरना

चाहे सफ़र हो या माल की ढुलाई, भारतीय रेल सेवा पूरे देश की सामाजिकआर्थिक जीवनरेखा है. दुनिया की सबसे बड़ी रेल सेवाओं में से एक भारतीय रेल देश का सबसे बड़ा सार्वजनिक उद्यम है. अंग्रेजों ने भारत के आर्थिक शोषण और अपने साम्राज्य की मजबूती के लिए रेल का बखूबी इस्तेमाल किया. आजाद भारत में रेल सेवा का निर्माण और विस्तार देश की संपर्क व्यवस्था, अर्थ व्यवस्था और सैन्य व्यवस्था को मज़बूत बनाने के उद्देश्य से किया गया. भारतीय रेल सेवा के निर्माण में देश के बेशकीमती संसाधन और करोड़ों लोगों की मेहनत लगी है.

देश की उन्नति के लिए सभी नागरिकों के लिए सुरक्षित, सुविधाजनक और समयबद्ध रेल सेवा सबसे पहली शर्त है. यह सरकार का काम है. लेकिन सरकार अपनी जिम्मेदारी निभाने के बजाय रेलवे को पूंजीपतियों के हवाले करने में लगी है. भाजपा सरकार ने रेल बज़ट को आम बज़ट के साथ मिलाने, और पब्लिकप्राइवेटपार्टनरशिप (पीपीपी) की आड़ में 23 रेलवे स्टेशनों को प्राइवेट हाथों में बेचने का फैसला करके रेलवे के निजीकरण की ठोस शुरुआत कर दी है.

तर्क वही दिए जा रहे हैं जो दूसरे पब्लिक सेक्टर के उद्यमों को प्राइवेट सेक्टर को बेचने पर दिए जाते हैं कार्यकुशलता का अभाव और घाटा. रेलवे में खाली पड़े लाखों पदों को भरने, ज़रुरत के मुताबिक नई रेल पटरियां बिछाने, खस्ताहाल पटरियों का नवीकरण करने, सुरक्षा, सुविधा और समयबद्धता के पुख्ता उपाय करने के बजाय सरकार कार्यकुशलता की कमी और घाटे का ठीकरा रेलवे पर फोड़ रही है. सरकार की रणनीति है कि पहले पब्लिक सेक्टर को बदनाम करो और फिर प्राइवेट सेक्टर को बेच दो.

सरकार का जापान से एक लाख करोड़ का क़र्ज़ लेकर मुंबई से अहमदाबाद के बीच बुलेट ट्रेन चलाने का हवाहवाई फैसला भारत की गरीब जनता के साथ एक क्रूर मजाक है. साथ ही वह शासक वर्ग की क़र्ज़ लेकर घी पीने की मानसिकता को दर्शाता है.

सोशलिस्ट पार्टी का मानना है कि किसी भी रूप में रेलवे के निजीकरण का कोई भी फैसला संविधानविरोधी और जनताविरोधी है. रेलवे का निजीकरण पब्लिक सेक्टर के बाकी उद्यमों से अलग है. रेलवे देश की ग्रामीण और शहरी अर्थव्यवस्था, समन्वित संस्कृति, शिक्षा और आंतरिक सुरक्षा से गहराई से जुड़ा है. सरकार ने रेलवे बेच दिया तो समझो देश बेच दिया.

इस गंभीर संकट के मद्देनज़र सोशलिस्ट पार्टी ने रेलवे को बेचने के सरकार के फैसले के खिलाफ पूरे देश में जागरूकता अभियान चलाया है. इस अभियान की शुरुआत 22 जून 2017 को दिल्ली में मंडी हाउस से जंतरमंतर तक भारतीय रेल बचाओमार्च का आयोजन करके की गई. उसी कड़ी में 2 अक्टूबर 2017 को दिल्ली के जंतर मंतर पर दोपहर 12 बजे से शाम 5 बजे तक भारतीय रेल बचाओधरना आयोजित किया गया है.

धरने में वरिष्ठ पत्रकार कुलदीप नैयर, नोर्दर्न रेलवे मेंस यूनियन के महामंत्री कामरेड शिवगोपाल मिश्रा, सांसद अली अनवर, दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (डूटा) के अध्यक्ष राजीब रे, दिल्ली विश्वविद्यालय अकेडमिक कौंसिल के सदस्य डॉ. शशि शेखर सिंह, वरिष्ठ समाजवादी नेता राजकुमार जैन, अरुण श्रीवास्तव, श्याम गंभीर, हरीश खन्ना, सोशलिस्ट पार्टी के अध्यक्ष डॉ. प्रेम सिंह, उपाध्यक्ष रेणु गंभीर, महासचिव मंजू मोहन, संगठन मंत्री फैज़ल खान, सोशलिस्ट पार्टी दिल्ली प्रदेश के कार्यकारी अध्यक्ष सैयद तहसीन अहमद, उपाध्यक्ष शऊर खान, तृप्ति नेगी, महासचिव योगेश पासवान, सचिव शाहबाज़ मलिक, सोशलिस्ट युवजन सभा (एसवाईएस) के अध्यक्ष नीरज कुमार, महासचिव बन्दना पाण्डेय, एसवाईएस दिल्ली प्रदेश के सचिव राम नरेश समेत बड़ी संख्या में सामाजिकराजनीतिक कार्यकर्ता, लेखकपत्रकारबुद्धिजीवी और छात्र शामिल होंगे.

धरने की समाप्ति पर राष्ट्रपति को रेलवे का निजीकरण रोकने के लिए ज्ञापन दिया जाएगा.

इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम को कवर करने के अपने अखबारपत्रिकाचैनल के रिपोर्टर/टीम को भेजने की कृपा करें.

सोशलिस्ट पार्टी का नारा समता और भाईचारा

डॉ. प्रेम सिंह

अध्यक्ष

(मोबाइल : 8826275067)

 

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *