सोशलिस्ट पार्टी भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर आजाद ‘रावण’ की जेल से तुरंत रिहाई और उन पर थोपे गए राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) को हटाने की मांग करती है. चंद्रशेखर 9 जून 2017 से सहारनपुर जेल में बंद हैं. वे 9 मई 2017 को सहारनपुर देहात कोतवाली की घटना में हिंसा भड़काने और संपत्ति को नुकसान पहुँचाने संबंधी चार मुकदमों में आरोपी हैं. इलाहाबाद उच्च न्यायलय ने अपने 2 नवम्बर 2017 के फैसले में उन्हें चारों मुकदमों में बेल पर रिहा करने के आदेश दिए. लेकिन इलाहाबाद उच्च न्यायलय से बेल मिलने के अगले ही दिन 3 नवम्बर को उत्तर प्रदेश सरकार ने उन पर (रासुका) थोप दिया. चंद्रशेखर को बेल पर रिहा करने के आदेश देते हुए उच्च न्यायलय ने माना है कि उन पर दायर मुक़दमा राजनीति से प्रेरित हैं. लेकिन उत्तर प्रदेश सरकार ने न्यायलय की टिप्पणी को अनदेखा कर चंद्रशेखर पर रासुका थोप दिया है. इस कुख्यात कानून के मुताबिक वे एक साल तक जेल से बहार नहीं आ सकते. ज़ाहिर है, सरकार ने चंद्रशेखर को बंदी बनाये रखने की नीयत से रासुका लगाने का फैसला किया है. यह बताता है कि वर्तमान उत्तर प्रदेश सरकार की न्याय प्रणाली और नागरिक अधिकारों में आस्था नहीं है.
सोशलिस्ट पार्टी का मानना है कि चंद्रशेखर पर रासुका थोपने का फैसला पूरी तरह से राजनीति से प्रेरित है. लिहाज़ा, पार्टी की मांग है कि उच्च उयायालय से मिली बेल के मुताबिक उन्हें तुरंत रिहा किया जाए और उन पर थोपा गया रासुका हटाया जाए.
1980 में बना राष्ट्रीय सुरक्षा कानून संविधान द्वारा दिए गए नागरिक अधिकारों का सीधा उल्लंघन करता है. सरकारें इस कानून का बार-बार दुरूपयोग करती रही हैं. चंद्रशेखर के मामले में भी इस कानून का दुरूपयोग हुआ है. सोशलिस्ट पार्टी केंद्र सरकार से रासुका को रद्द करने की भी मांग करती है.
सोशलिस्ट पार्टी इस मामले में चंद्रशेखर की कानूनी सहायता करने को तैयार है. यदि भीम आर्मी के कार्यकर्ता चाहते हैं तो पार्टी के वरिष्ठ सदस्य जस्टिस राजेंद्र सच्चर इलाहाबाद उच्च न्यायलय में वरिष्ठ अधिवक्ता रविकिरण जैन के सहयोग से मदद करेंगे.
जानकी प्रसाद गौड़
अध्यक्ष
सोशलिस्ट पार्टी (इंडिया) उत्तर प्रदेश
मोबाइल : 9532024994