लखनऊ 29 मार्च 2015 दिन रविवार विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, उ.प्र. के प्रवक्ता एवं विद्युत मजदूर पंचायत, उ0प्र0 के महामंत्री गिरीष पाण्डेय ने दो वितरण कम्पनियो में प्रबन्ध निदेषको की नियुक्ति पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुये कहा है कि अभियन्ता संघ अपने दो अभियन्ताओ की प्रबन्ध निदेषको के पदो पर नियुक्ति को फूले नहीं समा रही है। वे मस्त हो गये है, जबकि विभाग त्रस्त है। अभियन्ताओ की भर्ती पदोन्नति एवं नये पदो का सृजन बड़े पैमाने पर हुआ है, जबकि कर्मचारी स्वीकृत संख्या के 20 प्रतिषत ही रह गये है, जिससे विभाग का काम-काज निम्न स्तर का हो गया है। विगत् दिनों वरिष्ठ अभियन्ताओ को कनिष्ठ अभियन्ताओ के अण्डर में काम करने के लिए विवष किया गया, जो कि नैसर्गिग न्याय के विरूद्ध है। शासन/बिजली कम्पनी या अन्य किसी विभाग में इस तरह का उदाहरण सामने नहीं आया है। यही नहीं प्रदेष में योग्य अधिकारियो का आकाल नहीं पड़ गया है। विश्वस्त सूत्रों से ज्ञात हुआ कि यह सब अधिकारियो की सैटिंग से ही सम्भव हो सका है। अभियन्ताओ का एक तबका जो कि निजीकरण, सेवाविस्तार एवं नीतियो में पारदर्षिता न होने का विरोध करता रहा है, वहीं अपने पूर्व पदाधिकारी के इषारे पर गलत नीतियो का समर्थन कर रहा है।
वर्तमान में बहुत से अनुभवी, ईमानदार व वरिष्ठ अभियन्ता प्रबन्धन की नीतियो से कुण्डित हो गये है, जिसका प्रभाव कार्यक्षमता पर पड़ना स्वभाविक है। प्रबन्धन का दायित्व है कि वो निष्पक्ष रूप से विभाग के हित में वरिष्ठ, अनुभवी व परिश्रमी अधिकारियो का चयन उच्च पदो पर करें ताकि ऊर्जा जैसे महत्वपूर्ण विभाग का काम-काज ठीक तरह से चल सके।
श्री पाण्डेय ने अभियन्ता संघ पर आरोप लगाते हुये कहा कि अतीत में भी इसी तरह की गम्भीर नीतिगत् गलतियाॅ की है, जिसका परिणाम ऊर्जा विभाग भुगत रहा है। उन्होने कहा कि सन् 1984 के पूर्व उत्तर प्रदेष सरकार के ऊर्जा सचिव तथा चेयरमैन के पद पर इंजीनियर का ही कब्जा रहता था। परन्तु सेवानिवृत्त इंजीनियर आर0के0सान्याल के चेयरमैन बन जाने के बाद कार्यरत इंजीनियर अधिकारियो के लिए ऊर्जा सचिव का पद सपना हो गया और उसके बाद चेयरमैन का भी पद छीन गया तथा अब तो प्रबन्ध निदेषक एवं निदेषक के पद तक बाहरी इंजीनियर एवं आई0ए0एस0 अफसर कब्जा कर रहे है।
दलाली का काम छोड़के बिजली विभाग के रक्षा की लड़ाई लड़ने के लिए कर्मचारियो के संघर्ष के साथ आवे। तभी उनके इंजीनियरो का भला हो सकता है।
श्री पाण्डेय ने अभियन्ता संघ के दीवालियापन हो जाने की संज्ञा देते हुये कहा कि वे चापलूसी और
( गिरीष कुमार पाण्डेय )
प्रवक्ता