इंदौर। शराब की बिक्री शुरू किये जाने के भाजपा सरकारों के फैसले का विरोध करते हुये सोशलिस्ट पार्टी इंडिया मध्य प्रदेश के अध्यक्ष रामस्वरूप मंत्री महासचिव दिनेश कुशवाहा एवं लोहिया विचार मंच के अध्यक्ष रामबाबू अग्रवाल ने कहा कि शराब की बिक्री से सरकार राहत पाने की उम्मीद कर रही है। भले ही उसके चाहे जितने दुष्प्रभाव हों।
श्री मंत्री और अग्रवाल ने कहा कि ने कहा कि एक के बाद एक लाकडाउन का नतीजा शिफर लगता है। कोरोना वायरस के संक्रमण के शिकार लोगों की संख्या कम नहीं हो रही है। कई दर्जन मौते हो चुकी है। संक्रमित लोगों की संख्या के सही आकड़ें भी नहीं मिल पा रहे है। राज्य में 20 से अधिक संक्रमित जिलों में वेल्टीलेटर तक नहीं है।
उन्होने कहा कि भाजपा सरकार में हर बात के लिए पंक्तिबद्ध रहना होगा। नोटबंदी से शराब की प्राप्ति तक लाइन में खड़े रहना भारतीयों की नीयत हो गई है। क्या इसी तरह भारत की अर्थव्यवस्था पांच ट्रिलियन डालर होगी।
नेताओं ने कहा कि 25 मार्च से घरों में कैद अल्पवेतन भोगियों, रोज कमाने खाने वालों, नौजवानों और किसानों को भविश्य की दुश्वारियां सोचकर ही पसीना छूट रहा है। सरकारी खजाने की हालत बिगड़ी हुई बताई जाती है। शराब की बिक्री से सरकार राहत पाने की उम्मीद कर रही है। भले ही उसके चाहे जितने दुष्प्रभाव हों। सत्तारूढ़ दल को इस संकट में भी उपचुनाववो की चिंता सता रही है, इसीलिए उसने विपक्ष का सहयोग लेने का कोई सही प्रयास नहीं किया है। भाजपा सरकार अपनी नकारात्मक सोच छोड़ नहीं पा रही है।
उन्होने कहा कि देश के कई राज्यों मे अभी भी मध्य प्रदेश के हजारों लोग फंसे हैं। अन्य प्रांतों में फंसे प्रदेश के श्रमिकों का सही आंकड़ा भी नहीं है। अब दूसरे राज्यों की सरकारों द्वारा मध्य प्रदेश वालों की उपेक्षा किए जाने की शिकायतें मिल रही हैं। महाराष्ट्र से पैदल चलकर अपने घर तक का लम्बा सफर तय करने वाले युवकों के लिए प्रशासन ने कोई इंतजाम नहीं किया। न तो बाहर से आए श्रमिकों की सही ढंग से जांच हो रही है, न उनके रहने-खाने का कोई इंतजाम है।
रामस्वरूप मंत्री
प्रदेश अध्यक्ष, सोशलिस्ट पार्टी (इंडिया) मध्य प्रदेश
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