किसान विरोधी अध्यादेश वापस ले मोदी सरकार खराब फसलों का मुआवजा दे
किसान विरोधी अध्यादेश ओं की होली जलाई , संभाग आयुक्त को प्रधानमंत्री के नाम दिया ज्ञापन
इंदौर। केंद्र सरकार द्वारा किसानों को प्रताड़ित करने के उद्देश्य से लाए गए तीनों अध्यादेशों का आज देशभर में विरोध किया गया । दिल्ली में जहां संसद के सामने प्रदर्शन हुआ । वही इंदौर सहित मध्य प्रदेश के अधिकांश जिलों में प्रदर्शन किया गया। अध्यादेश की प्रतियां की होली जलाई गई , और ज्ञापन दिए गए ।किसान संघर्ष समिति मध्य प्रदेश के मालवा निमाड़ संयोजक रामस्वरूप मंत्री ने बताया कि इंदौर में संभाग आयुक्त के समक्ष लॉकडाउन के नियमों का पालन करते हुए प्रदर्शन किया गया तथा अध्यादेश की प्रति की होली जलाई गई ।
प्रदर्शन का नेतृत्व रामस्वरूप मंत्री, दिनेश कुशवाह, अजय यादव, जयप्रकाश गुगरी आदि ने किया प्रधानमंत्री के नाम दिए गए ज्ञापन में कहा गया है कि किसानों की अपेक्षा थी कि केंद्र सरकार,लॉकडाउन के दौरान तथा प्राकृतिक आपदा के चलते किसानों को हुए नुकसान की भरपाई करेगी लेकिन आपकी सरकार ने किसान, किसानी और गांव को बर्बाद करने, मंडी व्यवस्था, न्यूनतम समर्थन मूल्य देने की व्यवस्था को खत्म करने, व्यापारिक कंपनियों को मुनाफाखोरी करने के लिए जमाखोरी की छूट देने तथा किसानों की जमीन कंपनियों को सौंपने एवं बिजली कंपनी को उपभोक्ताओं की लूट करने के उद्देश्य से निजीकरण का रास्ता प्रशस्त करने तीनों अध्यादेश:
(1) आवश्यक वस्तु कानून 1955 में संशोधन,
(2) मंडी समिति एपीएमसी कानून का अध्यादेश (कृषि उपज वाणिज्य एवं व्यापार संवर्धन व सुविधा अध्यादेश)
(3) ठेका खेती पर अध्यादेश (मूल्य आश्वासन पर बंदोबस्ती और सुरक्षा) समझौता कृषि सेवा अध्यादेश 2020 एवं एक प्रस्तावित नया संशोधित बिजली बिल 2020
देश के किसानों पर थोपने का काम किया है । आप इन अध्यादेशों को बहुमत के दम पर कानून बनाना चाहते हैं। किसान संघर्ष समिति ने 250 किसान संगठनों के मंच अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति के साथ मिलकर इन अध्यादेशों को रद्द कराने को लेकर 9 अगस्त से ‘कारपोरेट भगाओ, किसानी बचाओ’ आंदोलन की शुरुआत की है। जिसके तहत देश भर मे 50 हजार विरोध कार्यक्रम किए गए हैं।
पंजाब,हरियाणा, तमिलनाडु, महाराष्ट्र मध्य प्रदेश सहित देशभर के किसान संगठनों द्वारा प्रखर विरोध जारी है। किसानों की भावनाओं एवं किसानों का हित देखते हुए आपसे अनुरोध है कि तीनों अध्यादेशों तथा संशोधन बिल को रद्द करने की संसद में घोषणा करें।
हम आपका ध्यान मध्य प्रदेश की विशेष परिस्थिति की ओर भी आकृष्ट करना चाहते हैं। आप जानते ही होंगे कि प्रदेश में खरीफ की फसलों को अल्पवृष्टि, कीट व्याधि,अतिवृष्टि और बाढ़ से अत्यधिक नुकसान हुआ है। मध्य प्रदेश शासन के राजस्व और कृषि विभाग के अनुमान के अनुसार 15 लाख हेक्टेयर पर खड़ी फसल बर्बाद हो गई है। सबसे ज्यादा नुकसान सोयाबीन, मक्का, मूंग, उड़द,अरहर तथा सब्जी की फसलों को हुआ है। ज्ञापन में मांग की गई है कि खरीफ की फसल जिसमें सोयाबीन, मक्का,उड़द, मुंग की नष्ट हुई फसलो का तत्काल सर्वे कर 40हजार रूपये प्रति एकड़ मुआवजा दिया जाए लॉकडाउन एवं अतिवृष्टि से सब्जी उत्पादक किसानों को दोहरा नुकसान झेल रहे है।
सब्जी वर्गीय फसलों का भी बीमा कराया जाए। नष्ट हुई फसलों का 40 हजार रुपये प्रति एकड़ मुआवजा दिया जाए। बिजली विभाग द्वारा घरेलू बिजली बिल में अत्यधिक वृद्धि की गई हैं। जिसे वापस लिया जाए। किसानों के बिजली के सभी बिल माफ किया जाए। सोयाबीन की पांच हजार रुपये तथा मक्का पच्चीस सौ रूपये प्रति क्विंटल की समर्थन मूल्य पर खरीद की जाए।अनावारी नापने की इकाई किसान का खेत बनाया जाए।
प्रदर्शन में सर्वश्री रामस्वरूप मंत्री, दिनेश सिंह कुशवाह, भरत सिंह यादव, मोहम्मद अली सिद्धकी, अजय यादव, भागीरथ टेटवाल, जयप्रकाश गुगरी, सैय्यद भाई , छेदी लाल यादव, विनायक मगर, अश्विन पटेल, रजनीश जैन ,रामकिशन मोर्य, अवधेश यादव, ओबीसी मोर्चा के हेमराज गुर्जर, अजय सोनी, सहित कई साथी मौजूद थे । ज्ञापन का वाचन रामस्वरूप मंत्री ने किया कार्यकर्ताओं ने नारेबाजी करते हुए तीनों किसान विरोधीअध्यादेशों,और बिजली अमेंडमेंट बिल की होली जलाई तथा बड़ी देर तक नारेबाजी की।
रामस्वरूप मंत्री
संयोजक, मालवा निमाड़ किसान संघर्ष समिति मध्य प्रदेश
Ph: 799995290, 99425902303