माननीय पवन कुमार शर्मा जी
आयुक्त, इंदौर संभाग
इंदौर, मध्य प्रदेश।
1 मई, 2021. नमस्कार. आप कोविड की महामारी के चलते आप व्यस्त होंगे। फिर भी हमारे प्रयासों के साथ-साथ बड़वानी, धार, खरगोन, इंदौर के क्षेत्र में जो अनुभव आए हैं। उनके आधार पर आप तक कुछ ठोस सुझाव पहुंचाने के लिए यह आदेश पहुंचा रहे हैं। सुझाव निम्नानुसार:
(1) हर तहसील में शासकीय कोविड-19 सेंटर्स की संख्या बढ़ाना जरूरी है। इसके लिए शासकीय भवनों के अलावा कुछ निजी होटलों जैसी इमारतों का भी इस्तेमाल कर सकते हैं उदा, महेश्वर के सुभाष पाटीदार ने रॉयल रेसिडेंसी को कोविड-19 में स्वयं प्रेरणा से परिवर्तित किया है। मगर खेड़ी तहसील कसरावद में नया अस्पताल बन कर भी और एक महीना पहले उद्घाटन करने के बाद भी उसे चालू नहीं किया है। मगर खेड़ी के पेशेंट को 60 किलोमीटर दूर खरगोन भेजा जा रहा है ,जबकि ठीकरी भी 3 किलोमीटर पर है। नया अस्पताल के सामने शराब दुकान बाकी चालू है कृपया हस्तक्षेप करें।
(2)हर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में कुछ बेट्स कोविड-के लिए लगाकर आरक्षित रखने से इस विक्रेदित व्यवस्था का लाभ ग्रामीण क्षेत्र के लोग ले सकेंगे।
(3) हर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में एक एक्सरा मशीन और छोटी पैथोलॉजिकल लैब लगाना तथा एंटी जनरल टेस्ट के लिए स्यब लेना हो सकेगा ।इसी मौके पर निचली स्तर पर स्वास्थ्य सेवा सशक्त करना संभव और जरूरी है।
(4)गांव गांव में कोविड-के संबंध में जागृति का कार्य पंचायत में सचिव एवं सभी सामाजिक संस्था संगठनों को साथ लेकर आशा कर्मचारी, नर्सेस, शिक्षक आदि के समन्वय से गांव बस्ती में लेना जरूरी है
(5)आज जरूरी है कि हर तहसील में एक ऑक्सीजन प्लांट हो ताकि तहसील की जरूरत वही पूरी हो और भले यह निजी कंपनियां अस्पताल लगाए, विशेष परिस्थितियों में शासन ही उसे अपने नियंत्रण में रखें ।आज भी जो सिलेंडर भरने का कार्य पर्याप्त गतिमान तथा प्राथमिकता से नहीं होने की खबर है। शासकीय तथा निजी दोनों को दिक्कत आ रही है । शासकीय नियंत्रण या निगरानी की जरूरत है ही । ऑक्सीजन प्लांट सांसद/ विधायक का जनप्रतिनिधि और जनता के बीच सहभागिता के साथ तत्काल लगना जरूरी है। कम समय में खड़ा होने वाला प्लांट (19 सिलेंडर क्षमता का) हर क्षेत्र में लगवाने का नियोजन और अमल दुर्गति से हो, यह जरूरी है ।
(6)वैक्सीन का पहला डोज तभी लगाया जाए जब कि उस व्यक्ति के लिए दूसरे रोज की निश्चिता हो। पहला वैक्सीन का डोज भी कोविंड की टेस्ट होकर नेगेटिव रिपोर्ट हो तभी दिया जाए अन्यथा डोज लेने के बाद भी बुरा असर का अनुभव है।
(7)वैक्सीन सहित हर उपचार शासकीय अस्पताल में मुफ्त ही होना चाहिए ,नहीं तो गरीब वंचित ही रह कर मौत की कगार पर स्वयं धकेले ले जाएंगे और अन्य पर भी गंभीर असर होकर होगा।
(8)आज श्रमिक दिवस पर श्रमिकों का सम्मान जरूरी है। यह समारोह में होता है लेकिन प्रत्यक्ष में जरूरी है श्रमिकों का रजिस्ट्रेशन यह प्रक्रिया सरल पद्धति के फार्म में ,असंगठित मजदूर कानून 2008 के तहत अधिकांश वर्गों के श्रमिकों को रजिस्ट्रेशन दिलवाने वाली हो। यह ऑनलाइन के साथ ग्राम पंचायत/ वार्ड ऑफिस नगर निगम, पोस्ट ऑफिस , तथा कामगार अधिकारी (L O) के स्तर पर और हर लोक सेवा केंद्र में भी ऑफलाइन चलाने की सुविधा भी रखकर ही पूरी हो सकेगी। गांव तथा नगर की हर बस्ती में जो शासकीय कर्मचारी इस कार्य में 1 महीने तक मुहिम/ अभियान लगाना जरूरी होगा ।
(9)आज बेरोजगार बने, लॉकडाउन के पहले दौर में और अभी प्रभावित हुए हर इंसान को शासन समाज मिलकर सहयोग दें यह जरूरी है। महाराष्ट्र के जैसे भोजन केंद्र शासन खोलें उसमें विविध संगठन संस्थाओं की मदद ली जाए ताकि कोई भूखा ना रहे ना बीमार ना परिवारजन।
(10) जरूरी है कि लॉकडाउन ग्रस्त विशेष वंचित श्रमिक समुदाय को राहत राशि दी जाए। महाराष्ट्र शासन ने निर्माण मजदूर, फेरीवाले, घरेलू कामगार तथा रिक्शा वालों और आदिवासियों के लिए राशि घोषित की है ,वहीं मध्यप्रदेश में क्यों नहीं।
(11) 3 माह का राशन मुफ्त देने की घोषणा होकर भी लाक डाउन के 20 दिन होते हुए भी बहुतांश परिवारों को नहीं मिला पोषक आहार ही कोविड की स्थिति में सबसे अधिक जरूरी होते हुए, बिना शर्त राशन वितरण हर गरीब को मिले ,इसके लिए पंचायत प्रमाण पत्र पर, राशन कार्ड नहीं हो या उसमें कोई दिक्कत हो, ऐसे परिवारों को भी 3 माह की राशन सुविधा उपलब्ध करना जरूरी है। कोई भूखा रहे तो ना केवल सर्वोच्च अदालत के 2001 के आदेश की अवमानना होगी बल्कि कुपोषण की मात्रा से कोविड से भी अधिक मृत्यु हो सकती है। संबल योजना में नोंध किये परिवारों , उसी आधार पर यह लाभ देना जरूरी है।
(12) आज भी पिछले दौर जैसे ही अंतर राज्य/ स्थानांतरित (प्रवासी ) मजदूर जो आज भी मध्य प्रदेश से मजबूर होकर बाहर जा रहे हैं, या वापस लौट रहे हैं। उनका रिकॉर्ड मालिकों का रजिस्ट्रेशन ठेकेदारों का मूल राज्यों में लाइसेंस आदि के लिए कोई नियोजन नहीं या तो अमल नहीं। इसके लिए मालिक( एंपलॉयर )से बंधन पत्र और रिकॉर्ड के लिए फार्म संलग्न है। (एक सरल फार्म प्रस्ताव के रूप में संलग्न है ।सभी वर्ग /व्यवसाय के असंगठित क्षेत्र के हर श्रमिक की नोंध जरूरी है।)
उपरोक्त सभी मुद्दों पर आप ध्यान देकर, निर्णय लेंगे , यह अपेक्षा है।महाराष्ट्र के ही जैसे हर तहसील जिला स्तर पर मुख्य अधिकारी संस्थान संगठनों को अनियंत्रित करके चर्चा करें ।उनकी सूचनाएं तथा सहयोग/ सहभाग ले ले ,यह क्या जरूरी नहीं है? कृपया सोचे।
धन्यवाद सहित,
आपके विनीत
रामस्वरूप मंत्री
रामबाबू अग्रवाल
मेधा पाटकर
एमडी चौबे