Guilty Men of Alternate Politics

by Prem Singh In this era of globalisation-liberalization-privatization, the work of the creation of a comprehensive political philosophy– the political thought which in the context of this phenomena, springs from the ground of the have-nots to create a self-reliant, equitable economy – is stalled. Neo-liberalism has been successful to a large extent in not letting […]

वैकल्पिक राजनीति के गुनाहगार

– प्रेम सिंह वैश्‍वीकरण-उदारीकरण-निजीकरण के दौर में भारत में मुकम्मल राजनीतिक दर्शन – राजनीति का ऐसा चिंतन जो इस परिघटना के मद्देनजर स्वावलंबी समतामूलक अर्थव्यवस्था और सेकुलर लोकतंत्र के पक्ष में वंचित आबादी की जमीन से किया गया हो – की रचना का काम अवरुद्ध है। नवउदारवाद पूरी ताकत से ऐसा राजनीतिक चिंतन फलीभूत नहीं […]

Points on the Budget 2015-16

‘Lokayat’ an affiliate of the Socialist Party (India), has released the following note on the budget presented by the Finance Minister Arun Jaitely for the year 2015-16. The Socialist Party shares the concerns and critique of the budget made by Shri Neeraj Jain of ‘Lokayat’. Part I: The fraudulent fiscal deficit theory continues. As we […]

Questioning Socialism & Secularism

Questioning Socialism & Secularism

by Rajindar Sachar BJP leaders speak in contradictory terms; PM’s denial not enough An unimaginable crisis has gripped our country. Only a straightforward, clear declaration by the Prime Minister can clear it. I am referring to the advertisement issued by the Government of India’s I.B. Ministry on the Republic Day carrying in the background a […]

For Posterity : Political Unity in Support of Corporate

by Prem Singh Heard the Akashvani broadcast of the recognized, national political parties on 2nd February. In the broadcast of the Congress, CPI, CPM and NCP, the attempts to vitiate the communal atmosphere were primarily mentioned as well as the appeal to defeat the communal forces was made. Whatever else was said in the broadcast […]

प्रतिक्रांति के हमसफर

– प्रेम सिंह ‘‘इस वक्त समूची दुनिया में जो हो रहा है, वह शायद विश्‍व इतिहास की सबसे बड़ी प्रतिक्रांति है। यह संगठित है, विश्‍वव्‍यापी है और समाज तथा जीवन के हर पहलू को बदल देने वाली है। यहां तक कि प्रकृति और प्राणिजगत को प्रभावित करने वाली है। इक्कीसवीं सदी के बाद भी अगर […]

ताकि सनद रहे: कारपोरेट के पक्ष में राजनीतिक एका

– प्रेम सिंह दो फरवरी की शाम को आकाशवाणी से प्रसारित मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय राजनीतिक दलों का चुनाव प्रसारण सुना। कांग्रेस, सीपीआई, सीपीएम और राष्ट्रवादी कांग्रेस के प्रसारणों में दिल्ली षहर में सांप्रदायिक माहौल बिगाड़ने की कोशिशों का प्रमुखता से जिक्र और सांप्रदायिक ताकतों को चुनाव में परास्त करने की अपील की गई थी। भाजपा […]

‘आप’ से नहीं बचेगी धर्मनिरपेक्षता

– प्रेम सिंह इस लेख के लिए हम पर कई सेकुलर साथियों का कोप और तेज होगा। हम यह नहीं लिखते यदि पिछले करीब एक महीने में कई साथियों ने फोन पर और ईमेल भेज कर हमसे दिल्ली के विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी (आप) का समर्थन करने को नहीं कहा होता। उनमें कई […]