रामनाथ कोविंद के राष्ट्रपति बनने के निहितार्थ/ प्रेम सिंह

रामनाथ कोविंद के राष्ट्रपति बनने के निहितार्थ/ प्रेम सिंह

रामनाथ कोविंद के राष्ट्रपति बनने के निहितार्थ प्रेम सिंह राष्ट्रपति चुनाव में भाजपा के उम्मीदवार रामनाथ कोविंद का अगला राष्ट्रपति बनना तय है. राष्ट्रपति चुनाव को लेकर होने वाली चर्चा मुख्यत: भाजपा द्वारा जाति-कार्ड खेलने के इर्द-गिर्द सिमटी है. भाजपा के जाति-कार्ड की काट में कांग्रेस की तरफ से मीरा कुमार को उम्मीदवार बनाये जाने […]

सरकार द्वारा शिक्षा के अधिकार को लेकर बरती जा रही लापरवाही

सरकार द्वारा शिक्षा के अधिकार को लेकर बरती जा रही लापरवाही

सरकार द्वारा शिक्षा के अधिकार को लेकर बरती जा रही लापरवाही निःशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम बना 2009 में तथा 1 अप्रैल 2010 से प्रभावी है को लागू करने में कई लापरवाहियां बरती जा रही हैं। स्थानीय प्राधिकारी यानी नगर निगम के कर्तव्यों में बताया गया है कि वह प्रत्येक बालक या […]

शिक्षा की गुणवत्ता सुधारना उ.प्र. सरकार की प्राथमिकता नहीं

शिक्षा की गुणवत्ता सुधारना उ.प्र. सरकार की प्राथमिकता नहीं

शिक्षा की गुणवत्ता सुधारना उ.प्र. सरकार की प्राथमिकता नहीं उ.प्र. में वृक्षारोपण अभियान के साथ स्कूल चलो अभियान की शुरूआत ’खूब पढ़ो, खूब बढ़ो’ नारे के साथ हुई। मुख्यमंत्री ने बच्चों का स्कूल बैग, यूनीफाॅर्म, जूता मोजा, निःशुल्क किताबों का वितरण किया। हरेक स्कूल को 40 पौधे रोपने का लक्ष्य दिया गया है। 31 जुलाई […]

सुधीर अग्रवाल का फैसले क्यों लागू होना चाहिए

सुधीर अग्रवाल का फैसले क्यों लागू होना चाहिए

18 अगस्त 2015 को उ.प्र. उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति सुधीर अग्रवाल ने फैसले दिया कि सरकारी वेतन पाने वालों के बच्चों का सरकारी विद्यालय में पढ़ना अनिवार्य होना चाहिए। उनका मानना था कि जो लोग इन विद्यालयों के संचालन के लिए जिम्मेदार हैं वे इनमें ऐसे शिक्षक नियुक्त कर रहे हैं जिन्हें शायद वे उन […]

A Policy to Eliminate Toiletless People

A Policy to Eliminate Toiletless People

A POLICY TO ELIMINATE TOILETLESS PEOPLE When Narendra Modi initiated his Clean India campaign nobody would have thought that it can become deadly one day. The symbol being used for this campaign is Mahatma Gandhi’s spectacles, a man who stood for non-violence resolutely. A number of things were not imagined which would happen after Narendra […]

संविधान नहीं नवउदारवाद का अभिरक्षक राष्ट्रपति

संविधान नहीं नवउदारवाद का अभिरक्षक राष्ट्रपति

संविधान नहीं नवउदारवाद का अभिरक्षक राष्ट्रपति प्रेम सिंह (‘युवा संवाद’ में प्रकाशित यह लेख जून 2012 का है और मेरी पुस्तक ‘भ्रष्टाचार विरोध : विभ्रम और यथार्थ’ (वाणी प्रकाशन) में संकलित है. नए राष्ट्रपति के चुनाव को लेकर चलने वाली बहस के मद्देनज़र आपके पढ़ने के लिए प्रेषित कर रहा हूँ. लेख का तभी का […]

भाजपा की दमनकारी नीति

भाजपा की दमनकारी नीति

भाजपा की दमनकारी नीति भारतीय जनता पार्टी या उसका प्रेरणा स्रोत राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का लोकतंत्र में कोई खास विश्वास नहीं है। इसलिए वे अपने खिलाफ किसी भी विरोध को कुचलने की कोशिश करते हैं। विरोधियों के साथ वार्ता, जो लोकतंत्र का प्रचलित तरीका है में उन्हें विश्वास नहीं। वे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को नहीं […]

जमीन की जंग

जमीन की जंग

(यह लेख 2009 का है. आपके पढ़ने के लिए फिर दिया जा रहा है.) जमीन लेंगे … और जान भी प्रेम सिंह जमीन की जंग खेत, जंगल, नदी-घाटी, पठार, पहाड़, समुद्र के गहरे किनारे – हर जगह जमीन की अंतहीन जंग छिड़ी है। यह जंग जमीन पर बसने और उसे हथियाने वालों के बीच उतनी […]

शिक्षा को निजी विद्यालयों के चंगुल से मुक्त कराने के लिए अनशन

शिक्षा को निजी विद्यालयों के चंगुल से मुक्त कराने के लिए अनशन

शिक्षा को निजी विद्यालयों के चंगुल से मुक्त कराने के लिए अनशन मुफ्त एवं अनिवार्य शिक्षा का अधिकार अधिनियम, 2009 में 25 प्रतिशत अलाभित एवं दुर्बल वर्ग के बच्चों के लिए अपने पड़ोस के किसी भी विद्यालय में कक्षा 1 से 8 तक निःशुल्क पढ़ने का अधिकार है। शैक्षणिक सत्र 2015-16 में लखनऊ के जिलाधिकारी […]