भारत-चीन सीमा निर्धारण की तिथी तय करो

भारत-चीन सीमा निर्धारण की तिथी तय करो

पन्नालाल सुराणा | युध्द यह विवाद हल करने का तरिका नहीं होता. उसके लिए बातचीत ही करनी होती है. युध्द बहुत विनाशकारी होते हैं. चीन और भारत दोनों अण्वस्त्रधारी हैं. युध्द में उस अस्त्र का प्रयोग करना बड़ा खतरनाक है. अणु बम पहले किसने फेका इसका कोई माने नहीं रहता उससे जो विध्वंस होगा वह अपने दोनों और साथ-साथ कई पड़ोसी देशों को भी बहुत दहलानेवाला होगा. इसलिए युध्द के विकल्प का हम विचार न करें.

अति-राष्ट्रवाद और बदले की भावना उकसाने की राजनीति का परिणाम

अति-राष्ट्रवाद और बदले की भावना उकसाने की राजनीति का परिणाम

संदीप पाण्डेय | 1962 के युद्ध के बाद पहली बार भारत-चीन सीमा, जो असल में भारत-तिब्बत सीमा है परन्तु तिब्बत पर 1951 से चीन का कब्जा चला आ रहा है, पर कोई भारतीय सैनिक शहीद हुआ। भारत और चीन के बीच बकायदा लिखित समझौता था कि उनके सैनिक एक-दूसरे पर गोली नहीं चालाएंगे।

When Will We Have Equitable Access to Fruits of Development?

When Will We Have Equitable Access to Fruits of Development?

Sandeep Pandey and Kushagra Kumar | The lackadaisical attitude in our society towards pregnancy, which is important for the health of mother as well as the yet to be born child for his/her remaining life, is obvious from the number of child births which took place on trains while migrant workers were returning home on Shramik special trains during the COVID-19 crisis.

The Purpose of Making Nagaland Governor’s Letter to CM Public?

The Purpose of Making Nagaland Governor’s Letter to CM Public?

Sandeep Pandey | The purpose of writing such a sensitive letter to CM now, which managed to make it to the public domain is unclear. It is either an expression of frustration with the local multiple forces, including the elected government, realising that the situation is beyond redemption. Else, it could also be a pre-emptive attempt to abdicate responsibility, especially if some untoward incident happens.