आज मोती महल, लखनऊ में आयोजित इस कार्यक्रम में निम्नलिखित युगल सम्मानित किए गए।
1.ज्योत्सना कौर हबीबुल्लाह व अमर हबीबुल्लाहः अमर हबीबुल्लाह अमरीका से लौटे थे तो दिल्ली में ज्योत्सना कौर से दोस्तों के जरिए मुलाकात हुई, फिर 2003 में शादी हुई। दोनों दिल्ली के सेण्ट स्टीफेंस कालेज से पढ़े जहां अमर ज्योत्सना से 4 वर्ष वरिष्ठ थे।
2.आरती व अशोकः अशोक भुर्जी परिवार से व आरती कुर्मी परिवार से हैं। दानों ही अन्य पिछड़ा वर्ग से हैं। हरदोई जिले के अगल-बगल के गांव के रहने वाले हैं। आरती के परिवार को रिश्ता मंजूर नहीं था और आज तक उन्होंने नहीं स्वीकार किया है। 2015 में घर से भाग कर दोनों ने लखनऊ में हमसफर संस्था की मदद से शादी की।
3.आरती (पूर्व का नाम सबीना) व विनोदः विनोद सबीना के जीजा के दोस्त थे। जान पहचान हुई और 2011 में शादी का निर्णय हुआ। विनोद के परिवार ने 6 माह में दोनों को पति-पत्नी के रूप में स्वीकार कर लिया। सबीना, जो शादी के बाद आरती कहलाने लगीं, के परिवार को एक वर्ष लगा। आरती अब अपने आप को हिन्दू मानती हैं।
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4.नरेश सक्सेनाः नरेश सक्सेना की शादी एक तवायफ की लड़की विजय ठाकुर से हुई जो बाद में अपना नाम विजय नरेश लिखने लगीं। शादी के कार्ड में लड़की के अभिभावक के रूप में हरिशंकर परसाई, भवानी प्रसाद तिवारी, जबरपुर के महापौर व नर्मदा प्रसाद खरे, लेखक का नाम था। वे विदेश सेवा में अधिकारी रहीं और सूरीनाम में भारत की संस्कृति निदेशक के रूप में सेवा की।
5.अर्चना सिंह व गौरव निगमः अर्चना ठाकुर परिवार से व गौरव कायस्थ परिवार से हैं। दोस्तों के जरिए मिले। जब अर्चना की शादी की बात चली तो उसने अपने परिवार को गौरव के बारे में बताया। मां-पिता तैयार हुए लेकिन भाई-भाभी का विरोध रहा और कहीं और शादी कराने की कोशिश की गई। 2019 में अर्चना के माता-पिता की उपस्थिति में शादी हो गई। भाई भाभी ने भी चार साल बाद स्वीकार कर लिया। गौरव के परिवार का पूरा सहयोग रहा।
6.कविता भारती व विशाल यादवः कविता अनुसूचित जाति परिवार से हैं। कविता व विशाल एक ही जगह जूडो-कराटे सीखने जाते थे। 4 वर्ष की जान पहचान के बाद 2020 में शादी हुई। विशाल डिलेवरी का काम करते हैं।
7.वेदा व राकेशः राकेश व वेदा दोनों रंगकर्मी हैं और बैंक में काम किया है। छात्र जीवन में कालेज में मुलाकात हुई। 1973 में शादी हुई। राकेश कन्नौज के रहने वाले हैं व वेदा जी मूलतः तमिल नाडू की है और लेखिका, निर्देशिका, नायिका रही हैं। राकेश 1980 के दशक में उन्नाव में रैलिस इण्डिया के खिलाफ आंदोलन में लाठी चार्ज के बाद जेल गए।
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8.अर्चना राज व तरुण राजः अर्चना ब्राह्मण परिवार से हैं और तरुण कायस्थ से। दोेनों रंगकर्मी हैं। तरुण की मुलाकात पहले अर्चना के आॅडिशन में हुई। फिर अन्य जगहों पर भी मिलना हुआ। धीरे धीरे प्रेम बढ़ा और 1996 में शादी हुई।
9.वीणा राणा व दीपक कबीरः वीणा की मां मुस्लिम हैं व पिता हिन्दू। वे अपने को आधा हिन्दू आधा मुस्लिम मानती हैं। वे दीपक से चार साल बड़ी हैं। दीपक रंगकर्मी हैं।
10.सायरा बानो व संजोग वाल्टरः सायरा बानो व्यापार करती हैं, संजोग पत्रकार हैं। पहली मुलाकात एक अस्पताल में हुई जब सायरा किसी मरीज को देखने आईं और संजोग वहीं बगल में रहते थे। धीरे धीरे प्रेम हुआ और 1996 में शादी हुई।
11.शुची शुक्ल व शायान जैदीः शुची वैज्ञानिक हैं, शायान अध्यापक। 9 वर्ष के प्रेम व दोनों परिवारों को समझाने के बाद शादी हुई। दोनों ही किसी धर्म को नहीं मानते। शादी विशेष विवाह अधिनियम के तहत 6 वर्ष पूर्व हुई। रिश्ता और प्रगाढ़ हुआ है।
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12.प्रणीता व विक्रम लेेलेः प्रणीता ठाकुर परिवार से व विक्रम लेले ब्राह्मण परिवार से हैं। कई वर्ष खाड़ी के देश में रहने के बाद भारत लौटे हैं।
13.जाह्नवी डेका व सुधांशु लालः जाह्नवी डेका असम की सामान्य श्रंेणी से हैं व सुधांशु, जो जवाहर लाल नेहरु वि.वि. से पी.एच.डी. हैं, अनुसूचित जाति से हैं।
14.कंचन व विवेक गुप्ताः कंचन अनुसूचित जाति से हैं व विवेक सामान्य श्रेणी से हैं। विवेक कृषि विभाग में नौकरी करते हैं और कंचन पशु संरक्षण गृह चलाती हैं।