रिहाई मंच ने पिछले साल सूबे में आए 40 लाख से ज्यादा प्रवासी श्रमिकों के भरण पोषण रोजगार की व्यवस्था के योगी आदित्यनाथ के दावे के बाद पहली कोरोना लहर के लॉक डाउन के बाद आजमगढ़ के प्रवासी मजदूरों के सर्वे/संवाद पर आधारित एक रिपोर्ट जारी करते हुए सवाल किया.
Day 4 of Morning-to-Evening Fast | उपवास दिन-5: मजदूर विरोधी सरकार
कोरोना जैसे संकट काल में भी सरकार ने उनकी भलाई के बजाए मजदूरों का अतिरिक्त शोषण करने की ही नीति बनाई।
Situation of Migrant Workers: Rajeev Yadav in Conversation with Pushpa Achanta & Dr Lubna Sarwath
SATYAGRAHA EPISODE 13 | Satyagraha’s 13th session focuses on the situation of migrant workers, featuring senior activist and leader from Uttar Pradesh, Rajeev Yadav, who was in conversation with noted ecologist-environmentalist-economist Dr Lubna Sarwath (Telangana General Secretary of Socialist Party (India) and Bengaluru-based senior writer and activist Pushpa Achanta.
A Caged Journey Home
Shivangini Piplani and Sandeep Pandey | It is beyond comprehension how some families managed to walk back on foot with their toddlers and all their belongings packed in one or two bags carried on their backs or heads facing threats on three fronts – the coronavirus disease, hunger and the police.
Memorandum on Demands’ Day by Jagriti Bal Vikas Samiti: Urgent Demands Concerning Unorganised Workers to the Government of India
There is starvation, inability to pay rent and indebtedness that is driving some of them to even commit suicide.
Despite Government Claims, Migrants Continue to be Vulnerable and Abandoned
by Arundhati Dhuru and Sandeep Pandey | Hardly anybody got paid for the period of lockdown, despite the appeal by the prime minister. About 20 per cent of them also have payments worth more than 7.5 lakh in salaries and wages pending for work done earlier. Overall, the workers stare at a bleak future.
Treatment in Private Hospital on Public Money Possible but no Relief if Private Transport Used
Dr Sandeep Pandey, Surabhi Agarwal, Shobha Shukla, Bobby Ramakant | All the people who have had to pay earlier for their return to their homes either on government or private transportation should be given refunds. Likewise, all those who had to pay for COVID-19 testing in private laboratories should be given refunds.
निजी अस्पताल में सरकारी पैसे से इलाज की छूट लेकिन निजी परिवहन से यात्रा करने पर सरकारी लाभ से वंचित
सुरभि अग्रवाल, शोभा शुक्ल, बाॅबी रमाकांत व संदीप पाण्डेय | जो लोग दैनिक मजदूरी कर के अपना जीवन यापन करते हैं, सरकार उनकी वास्तविकता से कितनी अनभिज्ञ है इस बात का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि सरकार द्वारा घोषित तालाबंदी ने समाज के इस बड़े वर्ग के दृष्टिकोण को मद्देनजर लिया ही नहीं। इनमें से करोड़ों की तादाद में लोग अपने घरों से दूर रहते हैं और दैनिक आय पर ही निर्भर थे।
वामपंथी समाजवादी दलों ने की सरकार से मांग : मृतक प्रवासी मजदूरों के परिजनों को ₹500000 मुआवजा दे सरकार
शहर के वामपंथी समाजवादी दलों के कार्यकर्ताओं ने कोरोना संकट को लेकर आयोजित बैठक में कहा कि सरकार की लापरवाही के चलते देश के करोड़ों मजदूरों को आफत उठाना पड़ी है, और 1000 से ज्यादा मजदूर घर पहुंचने की जद्दोजहद में अपनी जान गवा चुके हैं । इसके लिए पूर्ण रूप से केंद्र और राज्य की सरकार जिम्मेदार है, इसलिए सरकार को जो भी मजदूर राह चलते मौत के शिकार हुए हैं उन्हें तत्काल ₹500000 मुआवजा दिया जाना चाहिए ।
सरकार के कोरोना वायरस महामारी से निपटने में अक्षमता के लिए उच्च-पदों पर आसीन लोगों को जवाबदेह ठहराया जाए
जैसे-जैसे पिछले 3 माह बीते हैं यह उतना ही स्पष्ट होता जा रहा है कि कोरोना वायरस महामारी को रोकने में सरकार लगभग हर मापदण्ड पर असफल रही है. न केवल सरकार, कोरोनावायरस संक्रमण के तेजी से बढ़ते फैलाव को रोकने में असमर्थ रही है बल्कि उसके ही कारण देश के अधिकाँश लोगों को संभवतः सबसे बड़ी अमानवीय त्रासदी झेलनी पड़ी है.