SATYAGRAHA | A discussion to mark the 75th anniversary of the beginning of the goal liberation movement.
फासिस्ट ताकतों का मुकाबला डॉक्टर लोहिया और भगत सिंह के विचारों से ही संभव: संगोष्ठी में विभिन्न वक्ताओं ने युवाओं से आह्वान किया कि वे अन्याय के खिलाफ संघर्ष का रास्ता अपनाए
डॉ राम मनोहर लोहिया की जन्म जयंती तथा शहीदे आजम भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु के शहादत दिवस पर डॉ राम मनोहर लोहिया सामाजिक समिति द्वारा इंदौर में एक सारगर्भित संगोष्ठी आयोजित की गई ।
डॉक्टर लोहिया की पुण्य तिथि 12 अक्टूबर पर विशेष लेख: गांधी के बाद डॉक्टर लोहिया ही ऐसे चिंतक विचारक हुए हैं जो भारत की धरती से जुड़े हुए है
रामस्वरूप मंत्री | बेचैन दुनिया को नई संस्कृति, नए विचार देने वाले डॉक्टर लोहिया आज भी प्रासंगिक है. उनकी दृष्टि में समाजवादी आंदोलन आर्थिक-राजनीतिक परिवर्तनों से अधिक एक नयी संस्कृति पैदा करने का आंदोलन रहा है.
कांग्रेस सोशलिस्ट पार्टी के स्थापना दिवस पर विशेष लेख: स्थापना काल से ही समाजवादी पत्र-पत्रिकाओं और लेखकों ने वैचारिक कार्यकर्ता तैयार करने के लिए बड़ा काम किया
रामस्वरूप मंत्री | कांग्रेस सोशलिस्ट पार्टी की स्थापना के समय से ही इस आंदोलन के बड़े नेताओं का मानना था कि विचार वान कार्यकर्ता ही देश में संघर्ष और कसमता की राजनीति कर सकता है। इसलिए उन तमाम नेताओं ने विचार फैलाने के लिए लेखन को भी अपने कर्मो में शामिल किया।
हिन्दू बनाम हिन्दू
डॉ. राममनोहर लोहिया | अब समय है कि हिंदू सदियों से इकट्ठा हो रही गंदगी को अपने दिमाग से निकाल कर उसे साफ करे। जिंदगी की असलियतों और अपनी परम सत्य की चेतना, सगुण सत्य और निर्गुण सत्य के बीच उसे एक सच्चा और फलदायक रिश्ता कायम करना होगा।
“मौजूदा संकट से लोहिया विचार ही देश को उबार सकते हैं”: 110 वी लोहिया जयंती पर आयोजित हुई विचार गोष्ठी
इंदौर। समाजवादी चिंतक और देश के स्वतंत्रता आंदोलन को नेतृत्व देने वाले डॉ राम मनोहर लोहिया की 110वी जयंती सोशलिस्ट पार्टी इंदौर के आवाहन पर मनाई गई। अंजनी नगर में आयोजित विचार गोष्ठी में पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष रामस्वरूप मंत्री ने कहा कि देश इस समय विकट संकट से गुजर रहा है । दुनिया भर […]
डॉ॰ राममनोहर लोहिया के जन्मदिवस पर विशेष
नीरज कुमार | डॉ॰ लोहिया का जीवन और चिंतन दोनों एक प्रयोग था । यदि महात्मा गांधी का जीवन सत्य के साथ प्रयोग था तो डॉ॰ लोहिया का जीवन और चिंतन समतामूलक समाज की स्थापना के लिए सामाजिक दर्शन और कार्यक्रमों के साथ एक प्रयोग था ।
राजनीति और धर्म
नीरज कुमार | जब तक धर्म संप्रदायवादी, अलगाववादी कट्टरपंथियों के हाथों में रहेगा, इसका गलत इस्तेमाल होता रहेगा । इसलिए धर्म को नकारने कि नहीं बल्कि उसे सहिष्णु रूप में रखने की जरूरत है ।
हिन्दू और मुसलमान
डॉ. राममनोहर लोहिया |
The inheritance of the Congress Socialist Party
The inheritance of the Congress Socialist Party Prem Singh At the time of the establishment of the Congress Socialist Party (CSP) on 17th May 1934, in Patna, under the chairmanship of the patriarch of the Indian Socialist Movement, Acharya Narendra Deva, two goals were clear : to achieve the Independence of the country and to […]